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Dhyan Darshan
Publisher:
HIND POCKET BOOKS PRINTS
| Author:
OSHO
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
HIND POCKET BOOKS PRINTS
Author:
OSHO
Language:
Hindi
Format:
Paperback
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Book Type |
---|
ISBN:
Categories: General Fiction, Hindi
Page Extent:
126
जैसे ही हम ध्यान में गिरते हैं, जैसे हमारी चेतना की बूंद ब्रह्म में गिर जाती है, फिर हम कहीं नहीं होते। और जब हम कहीं नहीं होते, तभी शांति और तभी आनंद और तभी अमृत का जन्म होता है। जब तक हम हैं, तब तक दुख है। जब तक हम हैं, तब तक पीड़ा है। जब तक हम हैं, तब तक परेशानी है। वह हमारा अहंकार ही सारे दुखों की जड़ और आधार है। यही सब इस पुस्तक में बताया गया है।.
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Description
जैसे ही हम ध्यान में गिरते हैं, जैसे हमारी चेतना की बूंद ब्रह्म में गिर जाती है, फिर हम कहीं नहीं होते। और जब हम कहीं नहीं होते, तभी शांति और तभी आनंद और तभी अमृत का जन्म होता है। जब तक हम हैं, तब तक दुख है। जब तक हम हैं, तब तक पीड़ा है। जब तक हम हैं, तब तक परेशानी है। वह हमारा अहंकार ही सारे दुखों की जड़ और आधार है। यही सब इस पुस्तक में बताया गया है।.
About Author
ओशो विश्व-विख्यात भारतीय विचारक, धर्मगुरु और रजनीश आंदोलन के प्रणेता थे। वे धार्मिक रूढ़िवादिता के बहुत कठोर आलोचक थे, जिसकी वजह से वे विवादित हो गए और ताउम्र विवादित ही रहे। 1960 के दशक में उन्होंने पूरे भारत में एक सार्वजनिक वक्ता के रूप में यात्रा की और वे समाजवाद, महात्मा गाँधी और धार्मिक रूढ़िवाद के प्रखर आलोचक रहे।.
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