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Devaki
Publisher:
Sahitya Vimarsh
| Author:
Anagha Joglekar
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Sahitya Vimarsh
Author:
Anagha Joglekar
Language:
Hindi
Format:
Paperback
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SKU
9789392829369
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
178
देवकी: कंस की लाडली बहन देवकी, वसुदेव की प्रिय पत्नी देवकी, श्री कृष्ण की माँ देवकी! तो क्या देवकी मात्र रिश्तों से ही जानी जाएँगी? क्या उनका अपना कोई वजूद नहीं?
क्या सत्य ही वटवृक्ष की छाया में अन्य पौधे पनप नहीं पाते? जिस स्त्री के गर्भ से साक्षात विष्णु के अवतार ने जन्म लिया, उस स्त्री का उल्लेख मात्र दो पंक्तियों में समेटना क्या न्यायोचित होगा? देवकी का बचपन चचेरे भाई कंस की छाया में बीता, फिर कारावास की मुश्किलों ने उन्हें एक सशक्त माँ और निर्भय स्त्री के रूप में उभारा। लेकिन फिर भी देवकी का जीवन अपने पुत्र की प्रतीक्षा में ही रीतता रहा। कान्हा को समय ही न मिला अपनी जन्मदात्री माँ के पास लंबे समय तक रुकने का। ऐसी प्रतीक्षारत माँ के दुखों की गाथा है ‘देवकी’, जो अंततः कृष्ण और बलराम की मृत्यु का दुख न सह सकी और अपने पति के शव के साथ खुद भी सती हो गई। यह पुस्तक आपको देवकी के जन्म से लेकर अंत तक की यात्रा में साथ ले चलेगी।
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Description
देवकी: कंस की लाडली बहन देवकी, वसुदेव की प्रिय पत्नी देवकी, श्री कृष्ण की माँ देवकी! तो क्या देवकी मात्र रिश्तों से ही जानी जाएँगी? क्या उनका अपना कोई वजूद नहीं?
क्या सत्य ही वटवृक्ष की छाया में अन्य पौधे पनप नहीं पाते? जिस स्त्री के गर्भ से साक्षात विष्णु के अवतार ने जन्म लिया, उस स्त्री का उल्लेख मात्र दो पंक्तियों में समेटना क्या न्यायोचित होगा? देवकी का बचपन चचेरे भाई कंस की छाया में बीता, फिर कारावास की मुश्किलों ने उन्हें एक सशक्त माँ और निर्भय स्त्री के रूप में उभारा। लेकिन फिर भी देवकी का जीवन अपने पुत्र की प्रतीक्षा में ही रीतता रहा। कान्हा को समय ही न मिला अपनी जन्मदात्री माँ के पास लंबे समय तक रुकने का। ऐसी प्रतीक्षारत माँ के दुखों की गाथा है ‘देवकी’, जो अंततः कृष्ण और बलराम की मृत्यु का दुख न सह सकी और अपने पति के शव के साथ खुद भी सती हो गई। यह पुस्तक आपको देवकी के जन्म से लेकर अंत तक की यात्रा में साथ ले चलेगी।
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