Chitrakar

Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
कुणाल बसु, अनुवाद - प्रभात मिलिंद
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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Vani Prakashan
Author:
कुणाल बसु, अनुवाद - प्रभात मिलिंद
Language:
Hindi
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Paperback

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396

चित्रकार को मिली प्रशंसाएँ :

‘चित्रकार बसु की लेखन कला में दक्षता का प्रमाण है… उनका उपन्यास मानो शीशे को तराश कर बनायी गयी कलाकृति हो। उनके द्वारा उल्लिखित शाही इमारतों की तरह वैभवशाली, और चित्रकार की अद्भुत निपुणता और प्रतिभा द्वारा अंकित।’ _

-दी इंडिपेंडेंट ऑन संडे

܀܀܀

‘इस उपन्यास में अनेक विस्मयकारी घटनाक्रम हैं। अपने व्यापक और उदार दृष्टिकोण से बसु ने इन ऐतिहासिक शोधों को फिर से जीवन्त कर डाला है।’

-टाइम्स लिटरेरी सप्लीमेंट

܀܀܀

‘चित्रकार बसु के पहले लिखे प्रामाणिक उपन्यास, दी ओपियम क्लर्क का एक बेहतरीन पूरक है। एक सुदूर इतिहास के अन्तर्विरोधों की प्रस्तुति के माध्यम से उन्होंने कोई नयी बात सामने लाने की कोशिश की है…और इसलिए यह उपन्यास एक गहन अवलोकन का अधिकारी है। बसु ने उपन्यास के एक-एक शब्द का चयन बड़ी सजगता के साथ किया है, और उनके सभी रूपकों में एक भिन्न अर्थ की अनुगूंज सुनाई पड़ती है।’

-फार ईस्टर्न इकोनोमिक रिव्यू

܀܀܀

‘रुचिकर और कल्पनाशील रचनात्मकता से परिपूर्ण । इसे पढ़ते हुए यह प्रतीत होता है मानो हम एक आर्ट गैलरी में सजीव दीखते चित्रों के बीच चहलकादमी कर रहे हों।’ ।

-एल्ल

܀܀܀

‘अपनी बारीकी और आधुनिकता में ताज़गी से भरा, काल- विशेष की विविधतापूर्ण छटाओं से भरपूर।’

–गार्डियन

܀܀܀

‘चित्रकार एक प्रकार का लघुकार हीरा है जो लेखक कुणाल बसु के अन्दर के कहानीकार की क्षमता को सुनिश्चित करता है। इसे पढ़ना एक भिन्न मानसिकता से होकर गुज़रना है…चित्रकार को अवश्य पढ़ा जाना चाहिए, और बार-बार पढ़ा जाना चाहिए।’

-दी स्टेट्समैन (भारत)

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Description

चित्रकार को मिली प्रशंसाएँ :

‘चित्रकार बसु की लेखन कला में दक्षता का प्रमाण है… उनका उपन्यास मानो शीशे को तराश कर बनायी गयी कलाकृति हो। उनके द्वारा उल्लिखित शाही इमारतों की तरह वैभवशाली, और चित्रकार की अद्भुत निपुणता और प्रतिभा द्वारा अंकित।’ _

-दी इंडिपेंडेंट ऑन संडे

܀܀܀

‘इस उपन्यास में अनेक विस्मयकारी घटनाक्रम हैं। अपने व्यापक और उदार दृष्टिकोण से बसु ने इन ऐतिहासिक शोधों को फिर से जीवन्त कर डाला है।’

-टाइम्स लिटरेरी सप्लीमेंट

܀܀܀

‘चित्रकार बसु के पहले लिखे प्रामाणिक उपन्यास, दी ओपियम क्लर्क का एक बेहतरीन पूरक है। एक सुदूर इतिहास के अन्तर्विरोधों की प्रस्तुति के माध्यम से उन्होंने कोई नयी बात सामने लाने की कोशिश की है…और इसलिए यह उपन्यास एक गहन अवलोकन का अधिकारी है। बसु ने उपन्यास के एक-एक शब्द का चयन बड़ी सजगता के साथ किया है, और उनके सभी रूपकों में एक भिन्न अर्थ की अनुगूंज सुनाई पड़ती है।’

-फार ईस्टर्न इकोनोमिक रिव्यू

܀܀܀

‘रुचिकर और कल्पनाशील रचनात्मकता से परिपूर्ण । इसे पढ़ते हुए यह प्रतीत होता है मानो हम एक आर्ट गैलरी में सजीव दीखते चित्रों के बीच चहलकादमी कर रहे हों।’ ।

-एल्ल

܀܀܀

‘अपनी बारीकी और आधुनिकता में ताज़गी से भरा, काल- विशेष की विविधतापूर्ण छटाओं से भरपूर।’

–गार्डियन

܀܀܀

‘चित्रकार एक प्रकार का लघुकार हीरा है जो लेखक कुणाल बसु के अन्दर के कहानीकार की क्षमता को सुनिश्चित करता है। इसे पढ़ना एक भिन्न मानसिकता से होकर गुज़रना है…चित्रकार को अवश्य पढ़ा जाना चाहिए, और बार-बार पढ़ा जाना चाहिए।’

-दी स्टेट्समैन (भारत)

About Author

कुणाल बसु अंग्रेज़ी भाषा के भारतीय उपन्यासकार और कथा लेखक। जन्म 4 मई 1956 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में। पाँच उपन्यास प्रकाशित दी ओपियम क्लर्क (2001), दी मिनीचिएरिस्ट (2003), रेसिस्ट्स (2006), दी येलो एम्पेरर्स क्योर (2011) और कलकत्ता (2015) तथा एक कहानी संग्रह दी जापानीज़ वाइफ (2008) प्रकाशित। दी जापानीज़ वाइफ पर भारतीय फ़िल्मकार अपर्णा सेन द्वारा फ़िल्म निर्माण। सम्प्रति ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सईद बिज़नेस स्कूल में अध्यापन। प्रभात मिलिन्द, अनुवादक। जन्म 16 फ़रवरी 1968 को जमालपुर, बिहार में। शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में एम. ए. की अधूरी पढ़ाई। कविताएँ, कहानियाँ, समीक्षाएँ, आलेख, डायरी अंश और अनुवाद हिन्दी की सभी शीर्ष पत्रिकाओं में प्रकाशित। सम्प्रति स्वतन्त्र लेखन और अनुवाद।

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