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CHHAND KE BHITAR ITNA ANDHKAR
Publisher:
Setu Prakashan
| Author:
SHANKH GHOSH (ANU. UTPAL BAINERJEE)
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Setu Prakashan
Author:
SHANKH GHOSH (ANU. UTPAL BAINERJEE)
Language:
Hindi
Format:
Paperback
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ISBN:
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9788194240303
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
272
‘छन्द के भीतर इतना अन्धकार’ बाङ्ला कवि शंख घोष की, जो कि इस समय श्रेष्ठ भारतीय कवियों में से एक हैं, चुनी हुई कविताओं का हिन्दी अनुवाद में एक संचयन है। शंख घोष लगभग एक साथ समूचे ब्रह्माण्ड और निपट पड़ोस के, पृथ्वी और बंगाली जीवन के एक बेहद मर्मज्ञ हृदय के रूप में उभरते हैं। वे वर्तमान में फँसे होकर भी भविष्य को देख पाते हैं : ‘ओ मेरे ईश्वर मुझे तबाह कर दो/ बस सलामत रहे मेरी सन्तति का स्वप्न।’ ‘यही हमारी पृथ्वी है’ का एहतराम करते हुए उन्हें डर भी लगता है : ‘समझ में नहीं आता करुणा या क्रोध का प्रभेद/ यहाँ तक कि मैं उस नीम या शिरीष को भी नहीं छूता/ डर लगता है/ डर लगता है कि अगर/ वे लोग अंग्रेज़ी में बात करने लगें, तो!!’ उनमें अदम्य जिजीविषा का जब-तब उन्मेष होता है : ‘हम लोग पागल नहीं होना चाहते/हम जीवित रहना चाहते हैं।
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Description
‘छन्द के भीतर इतना अन्धकार’ बाङ्ला कवि शंख घोष की, जो कि इस समय श्रेष्ठ भारतीय कवियों में से एक हैं, चुनी हुई कविताओं का हिन्दी अनुवाद में एक संचयन है। शंख घोष लगभग एक साथ समूचे ब्रह्माण्ड और निपट पड़ोस के, पृथ्वी और बंगाली जीवन के एक बेहद मर्मज्ञ हृदय के रूप में उभरते हैं। वे वर्तमान में फँसे होकर भी भविष्य को देख पाते हैं : ‘ओ मेरे ईश्वर मुझे तबाह कर दो/ बस सलामत रहे मेरी सन्तति का स्वप्न।’ ‘यही हमारी पृथ्वी है’ का एहतराम करते हुए उन्हें डर भी लगता है : ‘समझ में नहीं आता करुणा या क्रोध का प्रभेद/ यहाँ तक कि मैं उस नीम या शिरीष को भी नहीं छूता/ डर लगता है/ डर लगता है कि अगर/ वे लोग अंग्रेज़ी में बात करने लगें, तो!!’ उनमें अदम्य जिजीविषा का जब-तब उन्मेष होता है : ‘हम लोग पागल नहीं होना चाहते/हम जीवित रहना चाहते हैं।
About Author
जन्म : 25 सितम्बर, 1967, भोपाल, मध्यप्रदेश। एक कविता-संग्रह ‘लोहा बहुत उदास है’ और बाङ्ला से हिन्दी में अनूदित 12 पुस्तकें प्रकाशित। नॉर्थ कैरोलाइना स्थित अमेरिकन बायोग्राफ़िकल इंस्टीट्यूट के सलाहकार मण्डल के मानद सदस्य तथा रिसर्च फ़ैलो। संगीत तथा रूपंकर कलाओं में गहरी दिलचस्पी। मन्नू भण्डारी की कहानी पर आधारित टेलीफ़िल्म ‘दो कलाकार’ में अभिनय। कई डॉक्यूमेंट्री फ़िल्मों के निर्माण में भिन्न-भिन्न रूपों में सहयोगी। आकाशवाणी तथा दूरदर्शन केन्द्रों द्वारा निर्मित वृत्तचित्रों के लिए आलेख लेखन।
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