SaleHardback
Chandani Begam
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
कुर्रतुलेन हैदर अनुवाद डॉ। वहाजउद्दीन अलवी
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
कुर्रतुलेन हैदर अनुवाद डॉ। वहाजउद्दीन अलवी
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹250 ₹175
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ISBN:
SKU
9789326350853
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
310
चाँदनी बेगम –
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित उर्दू की प्रसिद्ध कथाकार क़ुर्रतुलऐन हैदर का यह उपन्यास ‘चाँदनी बेगम’ कथ्य और शिल्प के स्तर पर दरअसल एक ऐसा प्रतीकात्मक उपन्यास है जिसके कई-कई पहलू हैं; और कथानक के धागे में समर्थ कथाकार ने सबको इस तरह पिरोया है कि किसी को अलग करके नहीं देखा जा सकता। उपन्यास के केन्द्र में है ज़मीन की मिल्क़ियत की जद्दोजहद—यानी लखनऊ की ‘रेडरोज़’ की कोठी और उसके इर्द-गिर्द रचे-बसे बदलते समाज तथा रिश्तों और चरित्रों की रंगारंग तसवीरें। इन्सानी बेबसी की इतनी जानदार और सच्ची अभिव्यक्ति इस उपन्यास में है कि चरित्रों के साथ पाठक का एक हमदर्द जुड़ाव हो जाता है।
भाषा की दृष्टि से भी ‘चाँदनी बेगम’ बेजोड़ है और कुर्रतुलऐन हैदर ने कहानी और माहौल के हिसाब से इसका बेहद ख़ूबसूरती के साथ इस्तेमाल किया है। समूचे उपन्यास में एक ओर जहाँ आम लोगों की बोलीबानी में पूर्वी और पश्चिमी उर्दू के साथ अवधी, भोजपुरी और पछाँही हिन्दी है; वहीं लखनवी उर्दू की भी छटाएँ हैं। नतीजतन उपन्यास का सारा परिवेश सहज ही अपनी अमिट छाप बनाता है। कहना न होगा कि एक नये अन्दाज़ में लिखे गये इस उपन्यास को पढ़ना हिन्दी पाठकों के लिए एक नया अनुभव देगा।
प्रस्तुत है ‘चाँदनी बेगम’ का यह नया संस्करण।
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Description
चाँदनी बेगम –
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित उर्दू की प्रसिद्ध कथाकार क़ुर्रतुलऐन हैदर का यह उपन्यास ‘चाँदनी बेगम’ कथ्य और शिल्प के स्तर पर दरअसल एक ऐसा प्रतीकात्मक उपन्यास है जिसके कई-कई पहलू हैं; और कथानक के धागे में समर्थ कथाकार ने सबको इस तरह पिरोया है कि किसी को अलग करके नहीं देखा जा सकता। उपन्यास के केन्द्र में है ज़मीन की मिल्क़ियत की जद्दोजहद—यानी लखनऊ की ‘रेडरोज़’ की कोठी और उसके इर्द-गिर्द रचे-बसे बदलते समाज तथा रिश्तों और चरित्रों की रंगारंग तसवीरें। इन्सानी बेबसी की इतनी जानदार और सच्ची अभिव्यक्ति इस उपन्यास में है कि चरित्रों के साथ पाठक का एक हमदर्द जुड़ाव हो जाता है।
भाषा की दृष्टि से भी ‘चाँदनी बेगम’ बेजोड़ है और कुर्रतुलऐन हैदर ने कहानी और माहौल के हिसाब से इसका बेहद ख़ूबसूरती के साथ इस्तेमाल किया है। समूचे उपन्यास में एक ओर जहाँ आम लोगों की बोलीबानी में पूर्वी और पश्चिमी उर्दू के साथ अवधी, भोजपुरी और पछाँही हिन्दी है; वहीं लखनवी उर्दू की भी छटाएँ हैं। नतीजतन उपन्यास का सारा परिवेश सहज ही अपनी अमिट छाप बनाता है। कहना न होगा कि एक नये अन्दाज़ में लिखे गये इस उपन्यास को पढ़ना हिन्दी पाठकों के लिए एक नया अनुभव देगा।
प्रस्तुत है ‘चाँदनी बेगम’ का यह नया संस्करण।
About Author
क़ुर्रतुलऐन हैदर -
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित और साहित्य अकादेमी की 'फ़ेलो' तथा उर्दू की महान कथाकार क़ुर्रतुलऐन हैदर (जन्म: 1927) को साहित्यिक सृजनात्मकता विरासत में मिली। उनके पिता सज्जाद हैदर यल्दराम और माँ नज़र सज्जाद हैदर दोनों ही उर्दू के विख्यात लेखक थे। कई दशक पहले उनके क्लासिक उपन्यास 'आग का दरिया' का जिस धूमधाम से स्वागत हुआ था उसकी गूँज आज तक सुनाई पड़ती है। इसके बाद उनके कई उपन्यास और निकले जिनमें उनकी मानवीय संवेदना प्रखर होती गयी। उनके उपन्यास सामान्यतः हमारे लम्बे इतिहास की पृष्ठभूमि में आधुनिक जीवन की जटिल परिस्थितियों को अपने में समाये हुए, समय के साथ बदलते मानव सम्बन्धों के जीते-जागते दस्तावेज़ हैं। 'चाँदनी बेगम' उनका नवीनतम उपन्यास है।
उपन्यासों के अतिरिक्त उनके 4 कहानी-संग्रह और 4 उपन्यासिकाएँ भी उनकी संवेदनशीलता और शिल्प सौष्ठव के परिचायक हैं। उनके कहानी-संग्रह 'पतझड़ की आवाज़' पर उन्हें साहित्य अकादेमी ने सम्मानित किया था। विभिन्न भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त क़ुर्रतुलऐन हैदर की रचनाएँ अनेक विदेशी भाषाओं में भी अनूदित हो चुकी हैं।
उनका निधन 21 अगस्त, 2007 को हुआ।
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