Bolchal Ki Hindi Aur Sanchar

Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
डॉ. मधु धवन
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Vani Prakashan
Author:
डॉ. मधु धवन
Language:
Hindi
Format:
Hardback

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SKU 9788181434920 Category
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88

बोलचाल की हिन्दी और संचार –
देश भर में शिक्षा के क्षेत्र में मूलभूत परिवर्तन हो रहे हैं। हर विषय में नयी बातें जोड़ कर उसे कई आयामों और सन्दर्भों में देखा और समझा जा रहा है। इसका नतीजा यह है कि बहुत-सी पुरानी बातें नकारी जा रही हैं और बहुत-सी नयी बातें पुरानी मान्यताओं को ध्वस्त भी कर रही हैं। नवीनता की इस प्रक्रिया को ध्यान में रखकर द्वितीय भाषा के स्तर पर हिन्दी के पाठयक्रमों में भी नवीनता लाने का प्रयास किया गया है। इस बिन्दु को केन्द्र में रखते हुए हिन्दी के व्यावहारिक पक्ष पर यह पाठ्य पुस्तक तैयार की गयी है। पुस्तक के द्वारा मलयालम भाषी हिन्दी छात्रों को बोलचाल की हिन्दी और उसकी शब्दावली का व्यावहारिक परिचय मिलता है। इस पुस्तक में कार्यालय, परिवार, यात्रा, पुलिस स्टेशन, बैंक आदि सन्दर्भों में प्रयुक्त हिन्दी वार्तालाप के नमूने दिये गये हैं। अध्यापकों का दायित्व है इन नमूनों के आधार पर छात्रों की हिन्दी भाषिक क्षमता और योग्यता को बढ़ाना और हिन्दी की प्रयुक्तियों से उनको अवगत कराना। पुस्तक में पाठों के साथ अभ्यास भी दिये गये हैं। साथ ही हिन्दी भाषा की सामान्य ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के अलावा वर्तमान में विविध क्षेत्रों में उसके प्रयोग और उसकी विशिष्टता का ज्ञान कराने वाली उपयोगी सामग्री भी दी गयी है। इससे हिन्दी भाषा को व्यावहारिक रूप से अपनाने के लिए एक सिद्धान्तिक आधार मिलेगा।

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Description

बोलचाल की हिन्दी और संचार –
देश भर में शिक्षा के क्षेत्र में मूलभूत परिवर्तन हो रहे हैं। हर विषय में नयी बातें जोड़ कर उसे कई आयामों और सन्दर्भों में देखा और समझा जा रहा है। इसका नतीजा यह है कि बहुत-सी पुरानी बातें नकारी जा रही हैं और बहुत-सी नयी बातें पुरानी मान्यताओं को ध्वस्त भी कर रही हैं। नवीनता की इस प्रक्रिया को ध्यान में रखकर द्वितीय भाषा के स्तर पर हिन्दी के पाठयक्रमों में भी नवीनता लाने का प्रयास किया गया है। इस बिन्दु को केन्द्र में रखते हुए हिन्दी के व्यावहारिक पक्ष पर यह पाठ्य पुस्तक तैयार की गयी है। पुस्तक के द्वारा मलयालम भाषी हिन्दी छात्रों को बोलचाल की हिन्दी और उसकी शब्दावली का व्यावहारिक परिचय मिलता है। इस पुस्तक में कार्यालय, परिवार, यात्रा, पुलिस स्टेशन, बैंक आदि सन्दर्भों में प्रयुक्त हिन्दी वार्तालाप के नमूने दिये गये हैं। अध्यापकों का दायित्व है इन नमूनों के आधार पर छात्रों की हिन्दी भाषिक क्षमता और योग्यता को बढ़ाना और हिन्दी की प्रयुक्तियों से उनको अवगत कराना। पुस्तक में पाठों के साथ अभ्यास भी दिये गये हैं। साथ ही हिन्दी भाषा की सामान्य ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के अलावा वर्तमान में विविध क्षेत्रों में उसके प्रयोग और उसकी विशिष्टता का ज्ञान कराने वाली उपयोगी सामग्री भी दी गयी है। इससे हिन्दी भाषा को व्यावहारिक रूप से अपनाने के लिए एक सिद्धान्तिक आधार मिलेगा।

About Author

सम्पादक - डॉ. मधु धवन - सौ से अधिक पुस्तकों की रचयिता डॉ. मधु धवन का जन्म 1952 में हुआ। वे लगभग 30 वर्षों तक हिन्दी प्रचार-प्रसार में अपना योगदान दे रही हैं। आप सशक्त लेखिका और शिक्षाविद् हैं। उन्होंने दक्षिण भारत में हिन्दी अध्ययन-अध्यापन की समस्याओं के निवारणार्थ स्कूल शिक्षकों के लिए लगभग 200 कार्यशालाएँ चलायी। मधु जी का नाम Who's Who में अंकित है। 'द संडे इंडियन' ने विश्व की 111 हिन्दी लेखिकाओं में उन्हें दो बार चुना है। उन्होंने एक महाकाव्य, चार खण्डकाव्य, चार नाटक, अस्सी एकांकी, तेरह उपन्यास, दो कहानी संग्रह, दो पत्रकारिता, छह राजभाषा, एक विज्ञापन-कला, एक भाषान्तरण कला, संचार माध्यम, मीठी हिन्दी, हिन्दी साहित्य का इतिहास, दो कविता संकलन, एक साहित्यिक निबन्ध तथा कई पुस्तकों का सम्पादन-लेखन भी किया है। वे 'इंटरनेट का माऊस' कहानी संग्रह के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित हैं।

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