Bhrashtachaar Ka Kadva Sach
Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Shanta Kumar
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Prabhat Prakashan
Author:
Shanta Kumar
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹300 ₹225
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Book Type |
---|
ISBN:
Categories: Hindi, Politics/Government
Page Extent:
28
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Kadva Sach” Cancel reply
About Author
वरिष्ट राजनेता शान्ता कुमार ने मुख्यमंत्री से केंद्रीय मंत्री तक और पंचायत से संसद् तथा संयुक्त राष्ट्र संघ के मंच तक जो देखा और महसूस किया है, यह पुस्तक उन तीखे अनुभवों की एक साक्ष्य भर है। शांताजी के भीतर बार-बार यह बिंब उभरता रहा है मानो हम किसी ऐसे बाजार का हिस्सा हैं, जहाँ जीवन-मूल्य बिक रहे हैं, ईमानदारी और नैतिकता नीलाम हो रही हैं, निष्ठाएँ और संकल्प गिरवी पडे़ हैं। देश की औसत इकाई के चेहरे पर कुछ काले/कुरूप धब्बे छप गए हैं। भ्रष्टाचार, काला धन, गरीबी, महँगाई, आतंकवाद, भुखमरी आदि मुद्दे ऐसे हैं, जो सीधा शांताजी के सरोकार से जुड़ते हैं। संसदीय सदनों में भी उन्होंने इन मुद्दों पर देश और समय का ध्यान खींचा है। एक राजनेता होने के बावजूद शांताजी ने भ्रष्टाचार से कभी भी समझौता नहीं किया, बल्कि सत्ता छोड़ने में तनिक भी नहीं हिचके। चूँकि मौजूदा संदर्भों और हालात में भ्रष्टाचार एवं काला धन के मुद्दे बेहद प्रासंगिक हैं, सत्ता के गलियारे और घर एक खास किस्म के डर तथा प्रतिक्रिया से हाँफ रहे हैं, लिहाजा शांताजी की ये आलेखीय टिप्पणियाँ भ्रष्टाचार के मुद्दों की बेनकाब समीक्षा करती हैं। राजनीति और सामाजिक जीवन के करीब पाँच दशकों के सफरनामे में शांताजी ने जो यथार्थ झेले हैं, उनमें से कुछ मुख्य-मुख्य इस पुस्तक में संकलित हैं। लिहाजा इस पुस्तक को एक वरिष्ठ राजनेता के बेबाक खुलासों की रचनात्मक प्रस्तुति करार दिया जा सकता है।.
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