Bhishm Sahani Sadagi Ka Saundaryshastra

Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
हरियश राय द्वारा संपादित
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Vani Prakashan
Author:
हरियश राय द्वारा संपादित
Language:
Hindi
Format:
Hardback

487

Save: 30%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9789389563368 Category
Category:
Page Extent:
368

हिन्दी कथा-साहित्य में भीष्म साहनी एक ऐसा नाम है जिसका बचपन आर्यसमाजी परिवेश में गुज़रा और जिन्होंने बड़े होकर प्रगतिशील जीवन-मूल्यों को आत्मसात किया और संस्थागत धर्म का विरोध करते हुए साहित्य में उदात्त मानव मूल्यों की वकालत करके अन्याय और शोषणयुक्त व्यवस्था से मनुष्य की मुक्ति के पक्ष में खड़े हुए। भीष्म साहनी उन कथाकारों में से रहे जिन्होंने अपने आपको तथाकथित अलगाव, अनास्था से दूर रखा और एक ऐसी जीवन पद्धति को अपनाया जिसमें सादगी, सहजता, सरलता सर्वोपरि थे। भीष्म जी एक कथा-लेखक के रूप में ही नहीं बल्कि एक अदाकार, रंगकर्मी, निर्देशक, सक्रिय कार्यकर्ता, सम्पादक और प्रगतिशील लेखक संघ के महासचिव के रूप में हमारे बीच में रहे। उन्होंने जिन जीवन-मूल्यों की वकालत अपने कथा-साहित्य में की, उन्हीं मूल्यों को जीवन में उतारने के लिए एक निष्ठावान, सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी अपनी पहचान बनायी। अपने जीवन के शुरुआती समय में वे कांग्रेस से जुड़े और बाद में मार्क्सवादी जीवन दर्शन से प्रभावित होकर कम्युनिस्ट पार्टी की विचारधारा में अपनी आस्था के स्रोत तलाश किये। यह सच है कि भीष्म साहनी अपने कथा-साहित्य में हिन्दू-मुस्लिम सम्बन्धों को एक समझौते के स्तर पर ले आते हैं, और कभी-कभी कहानी के अन्त को तार्किक परिणति तक नहीं पहुंचा पाते। पर साथ ही यह भी सच है कि वे मानवीय दृष्टि को आत्मसात करके मानवीय धरातल पर कहानियों को मोड़ देते हैं। धर्म आधारित संस्थागत सोच किस हद तक ख़तरनाक है यह ‘अमृतसर आ गया’ और ‘पाली’ जैसी कहानियों में देखा जा सकता भीष्म साहनी के कथा-साहित्य में व्यक्त सरोकारों, आस्थाओं के सभी आयामों को समेटने का प्रयास इस किताब के माध्यम से किया गया है। विश्वास है कि भीष्म साहनी और उनके समय को समझने के लिए यह किताब उपयोगी होगी।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Bhishm Sahani Sadagi Ka Saundaryshastra”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

हिन्दी कथा-साहित्य में भीष्म साहनी एक ऐसा नाम है जिसका बचपन आर्यसमाजी परिवेश में गुज़रा और जिन्होंने बड़े होकर प्रगतिशील जीवन-मूल्यों को आत्मसात किया और संस्थागत धर्म का विरोध करते हुए साहित्य में उदात्त मानव मूल्यों की वकालत करके अन्याय और शोषणयुक्त व्यवस्था से मनुष्य की मुक्ति के पक्ष में खड़े हुए। भीष्म साहनी उन कथाकारों में से रहे जिन्होंने अपने आपको तथाकथित अलगाव, अनास्था से दूर रखा और एक ऐसी जीवन पद्धति को अपनाया जिसमें सादगी, सहजता, सरलता सर्वोपरि थे। भीष्म जी एक कथा-लेखक के रूप में ही नहीं बल्कि एक अदाकार, रंगकर्मी, निर्देशक, सक्रिय कार्यकर्ता, सम्पादक और प्रगतिशील लेखक संघ के महासचिव के रूप में हमारे बीच में रहे। उन्होंने जिन जीवन-मूल्यों की वकालत अपने कथा-साहित्य में की, उन्हीं मूल्यों को जीवन में उतारने के लिए एक निष्ठावान, सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी अपनी पहचान बनायी। अपने जीवन के शुरुआती समय में वे कांग्रेस से जुड़े और बाद में मार्क्सवादी जीवन दर्शन से प्रभावित होकर कम्युनिस्ट पार्टी की विचारधारा में अपनी आस्था के स्रोत तलाश किये। यह सच है कि भीष्म साहनी अपने कथा-साहित्य में हिन्दू-मुस्लिम सम्बन्धों को एक समझौते के स्तर पर ले आते हैं, और कभी-कभी कहानी के अन्त को तार्किक परिणति तक नहीं पहुंचा पाते। पर साथ ही यह भी सच है कि वे मानवीय दृष्टि को आत्मसात करके मानवीय धरातल पर कहानियों को मोड़ देते हैं। धर्म आधारित संस्थागत सोच किस हद तक ख़तरनाक है यह ‘अमृतसर आ गया’ और ‘पाली’ जैसी कहानियों में देखा जा सकता भीष्म साहनी के कथा-साहित्य में व्यक्त सरोकारों, आस्थाओं के सभी आयामों को समेटने का प्रयास इस किताब के माध्यम से किया गया है। विश्वास है कि भीष्म साहनी और उनके समय को समझने के लिए यह किताब उपयोगी होगी।

About Author

हरियश राय उत्तर प्रदेश के फतेहगढ़ में प्रारम्भिक शिक्षा, 1971 के बाद की शिक्षा दिल्ली से। दो उपन्यासों नागफनी के जंगल में और मुट्ठी में बादल के अलावा छह कहानी संकलन बर्फ़ होती नदी, उधर भी सहरा, अन्तिम पड़ाव, वजूद के लिए, सुबह-सवेरे व किस मुकाम तक प्रकाशित। इसके साथ ही सामयिक विषयों से सम्बन्धित पाँच अन्य किताबें भारत-विभाजन और हिन्दी उपन्यास, सूचना तकनीक, बाजार एवं बैंकिंग, समय के सरोकार, शिक्षा, भाषा और औपनिवेशिक दासता, तय किया मैंने सफ़र व कथा : एक यात्रा प्रकाशित। कथा-कहानी 'एक' का सम्पादन। सम्पर्क : 73, मनोचा अपार्टमेंट, एफ ब्लॉक, विकासपुरी, नयी दिल्ली-110018 ई-मेल : hariyashrai@gmail.com

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Bhishm Sahani Sadagi Ka Saundaryshastra”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED