Bharatiya Darshan-I

Publisher:
Rajpal and Sons
| Author:
Radhakrishnan, Sarvapalli
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Rajpal and Sons
Author:
Radhakrishnan, Sarvapalli
Language:
Hindi
Format:
Hardback

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600

महान् भारतीय दार्शनिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन ने भारतीय दर्शन की तर्क और विज्ञान के आधार पर व्याख्या की और उसे पूरी दुनिया तक पहुंचाया। उनका विश्वविख्यात ग्रंथ इंडियन फिलॉसफी वर्षों तक ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रम के रूप में पढ़ाया जाता रहा। प्रस्तुत ग्रंथ इंडियन फिलॉसफी का प्रामाणिक हिंदी अनुवाद है। वैदिक काल से लेकर आज तक भारतीय दर्शन ने जो पड़ाव पार किए हैं, इस ग्रंथ में उन सभी का क्रमिक विवेचन किया गया है। इसकी विशेषता यह है कि भारतीय दर्शन के विभिन्न सिद्धांतों की तुलना इसमें दुनिया के विभिन्न मतों और दर्शनों से की गई है। विषय के अत्यंत गूढ़ और गहन होने के बावजूद प्रस्तुत ग्रंथ की भाषा सहज और सरल है।

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Description

महान् भारतीय दार्शनिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन ने भारतीय दर्शन की तर्क और विज्ञान के आधार पर व्याख्या की और उसे पूरी दुनिया तक पहुंचाया। उनका विश्वविख्यात ग्रंथ इंडियन फिलॉसफी वर्षों तक ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रम के रूप में पढ़ाया जाता रहा। प्रस्तुत ग्रंथ इंडियन फिलॉसफी का प्रामाणिक हिंदी अनुवाद है। वैदिक काल से लेकर आज तक भारतीय दर्शन ने जो पड़ाव पार किए हैं, इस ग्रंथ में उन सभी का क्रमिक विवेचन किया गया है। इसकी विशेषता यह है कि भारतीय दर्शन के विभिन्न सिद्धांतों की तुलना इसमें दुनिया के विभिन्न मतों और दर्शनों से की गई है। विषय के अत्यंत गूढ़ और गहन होने के बावजूद प्रस्तुत ग्रंथ की भाषा सहज और सरल है।

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