Bhartiya Rangmanch Ki Mahila Prampra Hard Cover

Publisher:
Lokbharti
| Author:
APARNA VENU
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Lokbharti
Author:
APARNA VENU
Language:
Hindi
Format:
Hardback

400

Save: 20%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Weight 0.495 g
Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9788119133109 Category
Category:
Page Extent:

मानवीय सृजनशीलता की उत्कृष्टतम उपलब्धियों को सूचित करने वाली भारतीय रंगमंच की गरिमामयी परम्परा अति प्राचीन एवं अत्यंत समृद्ध रही है। प्राचीन काल से ही भारत में रंगमंचीय कलाओं का किसी न किसी रूप में प्रचार अवश्य होता रहा है, जो निरंतर विकास की ​दिशा में अग्रसर होते हुए समय-समय पर अपना परिष्कार करता रहा है। इस बात में कोई सन्देह नहीं है कि भारत में प्राचीन काल से ही स्त्रियाँ रंगकर्म से अवश्य जुड़ी रही थीं। किन्तु हमारे रंगमंचीय अतीत एवं वर्तमान में महिलाओं की जो भूमिका रही है उसको विवेचित-विश्लेषित करना व इतिहासबद्ध तरीके से अंकित करने का कार्य तथाकथित रंगमंचीय इतिहासकारों व अध्येताओं ने नहीं के बराबर ही किया है। चाहे नाट्य-कृतियों का साहित्यिक इतिहास हो अथवा नाट्य-प्रदर्शन का रंगमंचीय इतिहास, महिला कलाकारों के योगदान को प्रायः हाशिए पर डाल दिया गया दिखाई देता है।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Bhartiya Rangmanch Ki Mahila Prampra Hard Cover”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

मानवीय सृजनशीलता की उत्कृष्टतम उपलब्धियों को सूचित करने वाली भारतीय रंगमंच की गरिमामयी परम्परा अति प्राचीन एवं अत्यंत समृद्ध रही है। प्राचीन काल से ही भारत में रंगमंचीय कलाओं का किसी न किसी रूप में प्रचार अवश्य होता रहा है, जो निरंतर विकास की ​दिशा में अग्रसर होते हुए समय-समय पर अपना परिष्कार करता रहा है। इस बात में कोई सन्देह नहीं है कि भारत में प्राचीन काल से ही स्त्रियाँ रंगकर्म से अवश्य जुड़ी रही थीं। किन्तु हमारे रंगमंचीय अतीत एवं वर्तमान में महिलाओं की जो भूमिका रही है उसको विवेचित-विश्लेषित करना व इतिहासबद्ध तरीके से अंकित करने का कार्य तथाकथित रंगमंचीय इतिहासकारों व अध्येताओं ने नहीं के बराबर ही किया है। चाहे नाट्य-कृतियों का साहित्यिक इतिहास हो अथवा नाट्य-प्रदर्शन का रंगमंचीय इतिहास, महिला कलाकारों के योगदान को प्रायः हाशिए पर डाल दिया गया दिखाई देता है।

About Author

अपर्णा वेणु

अपर्णा वेणु का जन्म 27 अप्रैल, 1986 को हुआ। उन्होंने कालिकट विश्वविद्यालय, केरल से एम. ए. और एम. फिल. (हिन्दी) किया। कोच्चिन विज्ञान व प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, केरल से पी-एच. डी. की उपाधि प्राप्त की।

‘भारत का स्त्रीवादी रंगमंच : हिन्दी और मलयालम के विशेष सन्दर्भ में’ विषय पर उन्होंने शोध किया है। हिन्दी एवं मलयालम की विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में उनके आलेख आदि प्रकाशित हुए हैं। समकालीन एवं पारम्परिक रंगमंच, तुलनात्मक अध्ययन, विविध अस्मितामूलक विमर्श आदि विषयों में उनकी विशेष रुचि।

वे केरल के शास्त्रीय संस्कृत रंगमंच कूटियाट्टम, विशेषकर नंङ्यारम्मकूत्त में पारम्परिक रूप से प्रशिक्षा प्राप्त अभिनेत्री हैं।

सम्प्रति : सरकारी कॉलेज, तोलनूर, पालक्काड के हिन्दी विभाग में अतिथि प्राध्यापिका के रूप में कार्यरत।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Bhartiya Rangmanch Ki Mahila Prampra Hard Cover”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED