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Bhaktkavi Surdas

Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
महेश्वर
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
महेश्वर
Language:
Hindi
Format:
Hardback

149

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SKU 9789326355247 Category Tag
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64

भक्तकवि सूरदास –
सूरदास का अष्टछाप के कवियों में सर्वप्रथम स्थान है। वे कृष्ण भक्ति शाखा के प्रतिनिधि एवं श्रेष्ठ कवि हैं। महाप्रभु वल्लभाचार्य ने उन्हें पुष्टिमार्ग में दीक्षित किया था। सूरदास ने कृष्ण की बाल लीलाओं का जो वर्णन किया है वह बेजोड़ है। न देख पाने के बावजूद भी उनके काव्य में वर्णित कृष्ण की लीलाओं और प्रकृति का सजीव वर्णन पाठकों को अचम्भित कर देता है।
लेखक ने बड़े मनोयोग से इस पुस्तक में सूरदास की जीवन कथा लिखी है। पुस्तक में उनकी रचनाओं का सहज व सरल शब्दों में विश्लेषण तो प्रस्तुत किया ही है, साथ ही उनके चुनिन्दा पदों को व्याख्या सहित संग्रहित भी किया है।
पुस्तक में सूरदास के चर्चित और बहुपठित पदों को पढ़ना पाठकों को अवश्य भायेगा। इस पुस्तक का स्वागत किया जाना चाहिए।

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Description

भक्तकवि सूरदास –
सूरदास का अष्टछाप के कवियों में सर्वप्रथम स्थान है। वे कृष्ण भक्ति शाखा के प्रतिनिधि एवं श्रेष्ठ कवि हैं। महाप्रभु वल्लभाचार्य ने उन्हें पुष्टिमार्ग में दीक्षित किया था। सूरदास ने कृष्ण की बाल लीलाओं का जो वर्णन किया है वह बेजोड़ है। न देख पाने के बावजूद भी उनके काव्य में वर्णित कृष्ण की लीलाओं और प्रकृति का सजीव वर्णन पाठकों को अचम्भित कर देता है।
लेखक ने बड़े मनोयोग से इस पुस्तक में सूरदास की जीवन कथा लिखी है। पुस्तक में उनकी रचनाओं का सहज व सरल शब्दों में विश्लेषण तो प्रस्तुत किया ही है, साथ ही उनके चुनिन्दा पदों को व्याख्या सहित संग्रहित भी किया है।
पुस्तक में सूरदास के चर्चित और बहुपठित पदों को पढ़ना पाठकों को अवश्य भायेगा। इस पुस्तक का स्वागत किया जाना चाहिए।

About Author

महेश्वर - जमशेदपुर, झारखण्ड में जन्म व राँची विश्वविद्यालय से वाणिज्य स्नातक। दिल्ली विश्वविद्यालय से चेक भाषा व साहित्य का अध्ययन। जामिया मिल्लिया इस्लामिया से एम.ए. और जे.एन.यू. से चेक साहित्य पर एम.फिल. व पीएच.डी. की उपाधि। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से जनसंचार एवं पत्रकारिता में एम.ए.। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में अनुवाद व आलेख प्रकाशित। भाषाई 'अस्मिता और हिन्दी का वैश्विक सन्दर्भ', 'हिन्दी सिनेमा बिम्ब प्रतिबिम्ब', 'सरहद' और 'पास-पड़ोस' में आलेख संकलित। शैक्षिक प्रकाशक 'मधुबन' की सी.बी.एस.ई. पाठ्यक्रम के अन्तर्गत कक्षा आठवीं की पूरक पाठ्यपुस्तक में बाल सिनेमा पर आलेख शामिल। पुस्तक 'बाल साहित्य उपलब्धि और सम्भावना' का सम्पादन। 'लोकायत', 'सबलोग', 'संवेद', 'शोध समवाय' और 'अनन्तर' के सम्पादन से सम्बद्ध। पत्रिका 'नया ज्ञानोदय' में सम्पादकीय सहयोगी। दैनिक पॉयोनियर, जनसन्देश टाइम्स, कल्पतरु एक्सप्रेस में लम्बे समय तक सिनेमा पर स्तम्भ लेखन। 'साहित्य सिनेमा सेतु सम्मान' और 'चाणक्य वार्ता विशिष्ट योगदान सम्मान' सहित कई पुरस्कार प्राप्त। ‘कविता का उदात्त स्वर : कुँवर नारायण', 'मैं भी मुँह में ज़ुबान रखता हूँ : मैनेजर पांडेय' और 'शब्द वैभव' (मैथिलीशरण गुप्त, माखनलाल चतुर्वेदी और वियोगी हरि के स्वर में उनकी कविताओं पर आधारित) वृत्तचित्र का निर्माण। दूरदर्शन के कार्यक्रम 'चले आओ चक्रधर चमन में' व स्वतन्त्रता दिवस की कमेंट्री हेतु शोध। आकाशवाणी जमशेदपुर से कविताएँ प्रसारित।

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