Bhakti Aur Sharnagati (HB)

Publisher:
Lokbharti
| Author:
Vishnu Kant Shastri
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Lokbharti
Author:
Vishnu Kant Shastri
Language:
Hindi
Format:
Hardback

316

Save: 20%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Weight 0.284 g
Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9788180314780 Category
Category:
Page Extent:

‘तुलसिहिं बहुत भलो लागत’, जगजीवन राम ग़ुलाम को तुलसी की यह उक्ति आज के जीवन के कुहासे को काटकर ऊपर उठने की प्रेरणा देती रही है। राम के भक्त के समान मेरा जीवन हो सके, इसके लिए भक्ति और शरणागति को समझना अनिवार्य लगा। यह लेखन उसी समझ को प्रशस्त करने का उपक्रम है। भावुक पाठक इनको पढ़कर ‘भक्ति और शरणागति’ के गम्भीर अनुशीलन में प्रवृत्त होंगे।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Bhakti Aur Sharnagati (HB)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

‘तुलसिहिं बहुत भलो लागत’, जगजीवन राम ग़ुलाम को तुलसी की यह उक्ति आज के जीवन के कुहासे को काटकर ऊपर उठने की प्रेरणा देती रही है। राम के भक्त के समान मेरा जीवन हो सके, इसके लिए भक्ति और शरणागति को समझना अनिवार्य लगा। यह लेखन उसी समझ को प्रशस्त करने का उपक्रम है। भावुक पाठक इनको पढ़कर ‘भक्ति और शरणागति’ के गम्भीर अनुशीलन में प्रवृत्त होंगे।

About Author

विष्णुकान्त शास्त्री

जन्म : 2 मई, 1929; कलकत्ता।
शिक्षा : एम.ए., एल-एल.बी.।
1953 से कलकत्ता विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्राध्यापक। आचार्य के पद से मई 1994 को अवकाश ग्रहण।
प्रमुख कृतियाँ : ‘कवि निराला की वेदना तथा अन्य निबन्ध’, ‘कुछ चन्दन की कुछ कपूर की’, ‘चिन्तन मुद्रा’, ‘अनुचिन्तन’ (साहित्य समीक्षा); ‘तुलसी के हिय हेरि’ (तुलसी केन्द्रित निबन्ध); ‘बांग्लादेश के सन्दर्भ में’ (रिपोर्ताज); ‘स्मरण को पाथेय बनने दो’, ‘सुधियाँ उस चन्दन के वन की’ (संस्मरण एवं यात्रा वृत्तान्त); ‘अनन्त पथ के यात्री : धर्मवीर भारती’, ‘भक्ति और शरणागति’ (विवेचन); ‘शान और कर्म’ (ईशावास्य प्रवचन); ‘जीवन पथ पर चलते-चलते’ (काव्य)।
देश-विदेश की विविध साहित्यिक संस्थाओं में व्याख्यान, विविध साहित्यिक सम्मानों एवं पुरस्कारों से समादृत। 1944 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सम्बद्ध, 1977 से सक्रिय राजनीति में प्रवेश। ‘जनता पार्टी’ के सदस्य के रूप में पश्चिम बंगाल विधानसभा में विधायक (1977-1982); प. बंगाल प्रदेश भाजपा के दो बार अध्यक्ष, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (1988-1993); संसद सदस्य-राज्यसभा (1992 से 1998); 2 दिसम्बर, 1999 को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल नियुक्त, 24 नवम्बर, 2000 से उत्तर प्रदेश के राज्यपाल।
निधन : 17 अप्रैल, 2005

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Bhakti Aur Sharnagati (HB)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED