Beti Bachao

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Shakuntala Sharma
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Prabhat Prakashan
Author:
Shakuntala Sharma
Language:
Hindi
Format:
Hardback

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वरिष्ठ साहित्यकार और छत्तीसगढ़ी भाषा की प्रथम कवयित्री के रूप में प्रतिष्ठित शकुन्तला शर्मा की यह पंद्रहवीं कृति है। ‘बेटी बचाओ’ नामक इस गीत-संग्रह में कवयित्री ने न केवल देश के विभिन्न भागों, बल्कि दुनिया के अनेक क्षेत्रों में भ्रमण के दौरान विकलांग बच्चियों की जो हालत देखी, उसे आख्यान गीतों के रूप में बड़े ही सरल, सुगम और सुबोध ढंग से प्रस्तुत किया है। उन्होंने इन गीतों में बताया है कि विकलांग बच्चियाँ भी खुद या दूसरों का, परिवार का और समाज का सहारा पाकर आगे बढ़ सकती हैं, पढ़-लिख सकती हैं और अपने पैरों पर खड़ी हो सकती हैं तथा अपनी आजीविका अर्जित कर शान से जी सकती हैं। इस पुस्तक में 51 आख्यान गीत हैं, जो अलग-अलग बच्चियों की जिंदगी का सटीक वर्णन करते हैं। इन गीतों को पढ़कर लोगों का, समाज का विकलांगों के प्रति खासकर विकलांग बच्चियों के प्रति विचार और सोच बदलेगा तथा एक रचनात्मक समाज का निर्माण होगा, जहाँ सद्भाव, समभाव और समरसता हो, तभी यह गीत-संग्रह अपने उद्देश्य में सफल होगा, ऐसी उम्मीद है।.

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Description

वरिष्ठ साहित्यकार और छत्तीसगढ़ी भाषा की प्रथम कवयित्री के रूप में प्रतिष्ठित शकुन्तला शर्मा की यह पंद्रहवीं कृति है। ‘बेटी बचाओ’ नामक इस गीत-संग्रह में कवयित्री ने न केवल देश के विभिन्न भागों, बल्कि दुनिया के अनेक क्षेत्रों में भ्रमण के दौरान विकलांग बच्चियों की जो हालत देखी, उसे आख्यान गीतों के रूप में बड़े ही सरल, सुगम और सुबोध ढंग से प्रस्तुत किया है। उन्होंने इन गीतों में बताया है कि विकलांग बच्चियाँ भी खुद या दूसरों का, परिवार का और समाज का सहारा पाकर आगे बढ़ सकती हैं, पढ़-लिख सकती हैं और अपने पैरों पर खड़ी हो सकती हैं तथा अपनी आजीविका अर्जित कर शान से जी सकती हैं। इस पुस्तक में 51 आख्यान गीत हैं, जो अलग-अलग बच्चियों की जिंदगी का सटीक वर्णन करते हैं। इन गीतों को पढ़कर लोगों का, समाज का विकलांगों के प्रति खासकर विकलांग बच्चियों के प्रति विचार और सोच बदलेगा तथा एक रचनात्मक समाज का निर्माण होगा, जहाँ सद्भाव, समभाव और समरसता हो, तभी यह गीत-संग्रह अपने उद्देश्य में सफल होगा, ऐसी उम्मीद है।.

About Author

जन्म: कोसला, जिला-जाँजगीर-चाँपा (छ.ग.)। शिक्षा: एम.ए. (संस्कृत, हिंदी), बी.एड., सिद्धांतालंकार, विद्यावाचस्पति (मानद)। रचना-संसार: ‘धर्मिता’, ‘भारतवर्ष हमारा है’ (पहली कविता)। छत्तीसगढ़ी में ‘चंदा के छाँव में’; ‘कोसला’ (कविता-संग्रह); छत्तीसगढ़ में राम, शबरी वर्णन, ‘करगा’ (लघुकथा-संग्रह), ‘बूड मरय नहकौनी दय’ (गजल-संग्रह), ‘चंदन, कस तोर माटी हे’, ‘कुमारसंभव’ (महाकाव्य)। हिंदी में ‘ढाई-आखर’ (कविता-संग्रह), ‘लय’, ‘संप्रेषण’ (गीत-संग्रह); ‘इदं न मम’ (निबंध-संग्रह), ‘भारत-स्वाभिमान’ (महाकाव्य), ‘शाकुंतल’, ‘कठोपनिषद्’, ‘रघुवंश’ (महाकाव्य), ‘चाणक्य-नीति’, ‘विदुर-नीति’, ‘ऋग्वेद’ नवम एवं दशम मंडलम् का भाव-पद्यानुवाद। सम्मान-पुरस्कार: राजभाषा प्रशस्ति-पत्र, कुँवर वीरेंद्र सिंह सम्मान, ताज-मुगलिनी सम्मान, भारती-रत्न अलंकरण, पं. माधवराव सप्रे साहित्य-सम्मान, दीपाक्षर-सम्मान, शिक्षक-सम्मान, द्विज-कुल गौरव अलंकरण, आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी राष्ट्रीय सम्मान, विशिष्ट-सम्मान, त्रिवेणी साहित्य-सम्मान। संपादक: सरयू द्विज पत्रिका

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