Betal Aur Shahzadi

Publisher:
Sahitya Vimarsh
| Author:
Surender Mohan Pathak
| Language:
HIndi
| Format:
Paperback
Publisher:
Sahitya Vimarsh
Author:
Surender Mohan Pathak
Language:
HIndi
Format:
Paperback

108

Save: 1%

In stock

Ships within:
3-5 Days

In stock

Book Type

ISBN:
SKU 9789392829024 Categories ,
Categories: ,
Page Extent:
109

बेताल और शहज़ादी – शहजादी शबनम महल से भागी अपनी शादी से बचने के लिए और फँस गयी जादू और तंत्र-मंत्र की ऐसी दुनिया में जिससे उसका जीते जी निकलना मुश्किल था। एक तांत्रिक के हाथों की कठपुतली बनकर शहजादी ने क्या-क्या कारनामे किये? क्या वह वापस अपनी दुनिया में लौट पाई? अपराध कथा लेखन के शहंशाह सुरेन्द्र मोहन पाठक द्वारा लिखा गया यह बाल उपन्यास ‘बेताल और शहजादी’ पाठकों को कल्पना की एक अनोखी दुनिया में लेकर जाता है, जहाँ मायावी शक्तियों के जाल में फँसी है शहजादी शबनम और उस जाल को तोड़ कर शहजादी को वापस अपनी दुनिया में ले जाने के लिए कृतसंकल्प है उसका मित्र अनिल।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Betal Aur Shahzadi”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

बेताल और शहज़ादी – शहजादी शबनम महल से भागी अपनी शादी से बचने के लिए और फँस गयी जादू और तंत्र-मंत्र की ऐसी दुनिया में जिससे उसका जीते जी निकलना मुश्किल था। एक तांत्रिक के हाथों की कठपुतली बनकर शहजादी ने क्या-क्या कारनामे किये? क्या वह वापस अपनी दुनिया में लौट पाई? अपराध कथा लेखन के शहंशाह सुरेन्द्र मोहन पाठक द्वारा लिखा गया यह बाल उपन्यास ‘बेताल और शहजादी’ पाठकों को कल्पना की एक अनोखी दुनिया में लेकर जाता है, जहाँ मायावी शक्तियों के जाल में फँसी है शहजादी शबनम और उस जाल को तोड़ कर शहजादी को वापस अपनी दुनिया में ले जाने के लिए कृतसंकल्प है उसका मित्र अनिल।

About Author

सुरेन्द्र मोहन पाठक का जन्म 19 फरवरी, 1940 को पंजाब के खेमकरण में हुआ था। विज्ञान में स्नातकोत्तर उपा‌धि हासिल करने के बाद उन्होंने भारतीय दूरभाष उद्योग में नौकरी कर ली। युवावस्‍था तक कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय लेखकों को पढ़ने के साथ उन्होंने मारियो पूजो और जेम्स हेडली चेज़ के उपन्यासों का अनुवाद शुरू किया। इसके बाद मौलिक लेखन करने लगे। सन 1959 में, आपकी अपनी कृति, प्रथम कहानी “57 साल पुराना आदमी” मनोहर कहानियां नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई। आपका पहला उपन्यास “पुराने गुनाह नए गुनाहगार”, सन 1963 में “नीलम जासूस” नामक पत्रिका में छपा था। सुरेन्द्र मोहन पाठक के प्रसिद्ध उपन्यास असफल अभियान और खाली वार थे, जिन्होंने पाठक जी को प्रसिद्धि के सबसे ऊंचे शिखर पर पहुंचा दिया। इसके पश्‍चात उन्होंने अभी तक पीछे मुड़ कर नहीं देखा। उनका पैंसठ लाख की डकैती नामक उपन्यास अंग्रेज़ी में भी छपा और उसकी लाखों प्रतियाँ बिकने की ख़बर चर्चा में रही। उनकी अब तक 313 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उनका नवीनतम उपन्यास जीत सिंह सीरीज का ‘दुबई गैंग’ है।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Betal Aur Shahzadi”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED