Beesvin Sadi Ki Bees Kathayen

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Anand Prakash Maheshwari
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Prabhat Prakashan
Author:
Anand Prakash Maheshwari
Language:
Hindi
Format:
Hardback

263

Save: 25%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Book Type

Categories: ,
Page Extent:
28

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा अपने जीवन के अनुभवों के आधार पर लघु कथानकों के माध्यम से जिंदगी के विभिन्न पहलुओं एवं विषमताओं पर एक तात्त्विक एवं सारगर्भित प्रस्तुति के साथ-साथ वर्तमान परिवेश में प्रत्येक वर्ग के समक्ष विद्यमान विवशताओं के यथार्थपूर्ण चित्रण का सम्यक् समावेश भी इस पुस्तक में है। व्यवस्था-तंत्र व उसकी कार्यप्रणाली के बारे में आम लोगों के क्या अनुभव एवं प्रतिक्रियाएँ हैं, वे भी भलीभाँति चित्रित की गई हैं। एक साहित्यिक कृति के रूप में विषयवस्तु का विकास करते हुए कथानकों का मंथन भी ‘पद्यांशों’ के रूप में लेखक द्वारा अभिलिखित किया गया है। प्रत्येक कथानक से उजागर जीवनोपयोगी विचारों को ‘विचार-स्पंदन’ के अंतर्गत सूक्ष्मता में रखकर लेखक ने गागर में सागर भरने की कला का प्रदर्शन किया है। प्रस्तुत पुस्तक में वैचारिक ल से आगे बढ़ते हुए लेखक ने आत्मबोध के मार्ग को ही प्रशस्त नहीं किया है, अपितु आध्यात्मिक अनुभूति भी कराई है। पुस्तक के माध्यम से पाठकों की यह यात्रा ‘वास्तविक’ से लेकर ‘तात्त्विक’, फिर ‘साहित्यिक’ से लेकर ‘सात्त्विक’ अनुभूतियों की यात्रा होगी। प्रत्येक जागरूक एवं संवेदनशील पाठक के लिए यह एक अत्यंत उपयोगी पठन सामग्री है।.

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Beesvin Sadi Ki Bees Kathayen”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा अपने जीवन के अनुभवों के आधार पर लघु कथानकों के माध्यम से जिंदगी के विभिन्न पहलुओं एवं विषमताओं पर एक तात्त्विक एवं सारगर्भित प्रस्तुति के साथ-साथ वर्तमान परिवेश में प्रत्येक वर्ग के समक्ष विद्यमान विवशताओं के यथार्थपूर्ण चित्रण का सम्यक् समावेश भी इस पुस्तक में है। व्यवस्था-तंत्र व उसकी कार्यप्रणाली के बारे में आम लोगों के क्या अनुभव एवं प्रतिक्रियाएँ हैं, वे भी भलीभाँति चित्रित की गई हैं। एक साहित्यिक कृति के रूप में विषयवस्तु का विकास करते हुए कथानकों का मंथन भी ‘पद्यांशों’ के रूप में लेखक द्वारा अभिलिखित किया गया है। प्रत्येक कथानक से उजागर जीवनोपयोगी विचारों को ‘विचार-स्पंदन’ के अंतर्गत सूक्ष्मता में रखकर लेखक ने गागर में सागर भरने की कला का प्रदर्शन किया है। प्रस्तुत पुस्तक में वैचारिक ल से आगे बढ़ते हुए लेखक ने आत्मबोध के मार्ग को ही प्रशस्त नहीं किया है, अपितु आध्यात्मिक अनुभूति भी कराई है। पुस्तक के माध्यम से पाठकों की यह यात्रा ‘वास्तविक’ से लेकर ‘तात्त्विक’, फिर ‘साहित्यिक’ से लेकर ‘सात्त्विक’ अनुभूतियों की यात्रा होगी। प्रत्येक जागरूक एवं संवेदनशील पाठक के लिए यह एक अत्यंत उपयोगी पठन सामग्री है।.

About Author

जन्म : 1 जुलाई, 1947 को गाजीपुर (उ.प्र.) में। शिक्षा : एम.ए., पी-एच.डी., डी. लिट्.। डॉ. आनंद प्रकाश माहेश्वरी ने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से स्नातक की डिग्री के उपरांत पोद्दार इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट से एम.बी.ए. पूर्ण किया। पुलिस सेवा में आने के बाद ‘सांप्रदायिक दंगों के प्रबंधन’ विषय पर अभिनव शोध करते हुए पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। अपने अनुभवों के आधार पर वे हिंदी तथा अंग्रेजी भाषा में रचनात्मक लेखन करते रहे हैं। अभी तक उनकी नौ पुस्तकें तथा चालीस से अधिक लेख प्रकाशित हुए हैं। उन्हें ‘गोविंद बल्लभ पंत’ पुरस्कार भी मिला है। डॉ. माहेश्वरी 1984 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अनुभवी अधिकारी हैं। उत्तर प्रदेश के विभिन्न महानगरों में पुलिस प्रमुख के पद पर कार्य करने के साथ-साथ उन्होंने कानून व्यवस्था, अभिसूचना, अन्वेषण, सतर्कता एवं सुरक्षा आदि के क्षेत्र में भी कार्य करके अपनी योग्यता प्रमाणित की है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल तथा सीमा सुरक्षा बल में लगभग 12 वर्ष की दीर्घावधि में उन्होंने नॉर्थ-ईस्ट, कश्मीर, नक्सल प्रभावित राज्यों, सीमा सुरक्षा से जुड़े क्षेत्रों में भी प्रशंसनीय योगदान दिया है। अति विशिष्ट सेवाओं हेतु उन्हें राष्ट्रपति पदक, वीरता एवं कठिन सेवाओं हेतु अनेक पुलिस पदकों से अलंकृत किया गया है। समाज-सेवा के क्षेत्र में भी कई संगठनों से जुड़े हैं।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Beesvin Sadi Ki Bees Kathayen”

Your email address will not be published. Required fields are marked *