Angan Ke Par Dwar 139

Save: 1%

Back to products
Chandramukhi 347

Save: 30%

Bazme Zindagi Range Shairi

Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
फिराक गोरखपुरी अनुवाद डॉ. जाफ़र रज़ा
| Language:
Urdu
| Format:
Paperback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
फिराक गोरखपुरी अनुवाद डॉ. जाफ़र रज़ा
Language:
Urdu
Format:
Paperback

168

Save: 30%

In stock

Ships within:
10-12 Days

In stock

Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9788126330591 Category
Category:
Page Extent:
232

बज़्मे ज़िन्दगी : रंगे शायरी –
पचास वर्ष से अधिक की फ़िराक़ की काव्य-यात्रा से चुने हुए रत्नों के इस संकलन ‘बज़्मे-ज़िन्दगी: रंगे शायरी’ के बारे में स्वयं फ़िराक़ साहब ने कहा था : ‘जिसने इसे पढ़ लिया, उसने मेरी शायरी का हीरा पा लिया।’ इस संकलन में वे ग़ज़लें हैं जिन्होंने फ़िराक़ को एक ओर मीर और ग़ालिब का समकक्ष और दूसरी ओर ग़ज़ल के रंग और परिवेश को नया रूप देनेवाला क्रान्तिकारी कवि बनाया; वे रुबाइयाँ हैं जिन्होंने एक नारी के रूप और सौन्दर्य की भारतीय छवियों को तथा जीवन दर्शन के सर्वोच्च शिखरों का स्पर्श करनेवाले चिन्तन को मार्मिक अभिव्यक्ति दी और वे नज़्में हैं जो नवजागरण के शंखनाद के साथ-साथ फ़िराक़ के जीवन अनुभवों और व्यापक दृष्टिकोण की दर्पण हैं। इस अनूठे संग्रह का नये रूप और साज-सज्जा में प्रकाशित यह पेपरबैक संस्करण शायरी के सुधी पाठकों को समर्पित है।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Bazme Zindagi Range Shairi”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

बज़्मे ज़िन्दगी : रंगे शायरी –
पचास वर्ष से अधिक की फ़िराक़ की काव्य-यात्रा से चुने हुए रत्नों के इस संकलन ‘बज़्मे-ज़िन्दगी: रंगे शायरी’ के बारे में स्वयं फ़िराक़ साहब ने कहा था : ‘जिसने इसे पढ़ लिया, उसने मेरी शायरी का हीरा पा लिया।’ इस संकलन में वे ग़ज़लें हैं जिन्होंने फ़िराक़ को एक ओर मीर और ग़ालिब का समकक्ष और दूसरी ओर ग़ज़ल के रंग और परिवेश को नया रूप देनेवाला क्रान्तिकारी कवि बनाया; वे रुबाइयाँ हैं जिन्होंने एक नारी के रूप और सौन्दर्य की भारतीय छवियों को तथा जीवन दर्शन के सर्वोच्च शिखरों का स्पर्श करनेवाले चिन्तन को मार्मिक अभिव्यक्ति दी और वे नज़्में हैं जो नवजागरण के शंखनाद के साथ-साथ फ़िराक़ के जीवन अनुभवों और व्यापक दृष्टिकोण की दर्पण हैं। इस अनूठे संग्रह का नये रूप और साज-सज्जा में प्रकाशित यह पेपरबैक संस्करण शायरी के सुधी पाठकों को समर्पित है।

About Author

फ़िराक़ गोरखपुरी - पूरा नाम रघुपति सहाय 'फ़िराक़' गोरखपुरी। 28 अगस्त, 1896 को गोरखपुर में जन्म। शिक्षा गोरखपुर और इलाहाबाद में। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी विभाग में प्राध्यापक रहे। स्वाधीनता-संघर्ष में हिस्सा लेने के कारण जेल भी गये। ज्ञानपीठ पुरस्कार और साहित्य अकादेमी पुरस्कार सहित राष्ट्रीय महत्त्व के अनेक पुरस्कारों से सम्मानित। देश एवं विदेश की तमाम भाषाओं में रचनाएँ अनूदित। 1983 में निधन।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Bazme Zindagi Range Shairi”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED