Barah Baje Raat Ke (PB)

Publisher:
Radhakrishna Prakashan
| Author:
Larry Collins and Dominique Lapierre, Tr. Munish Saxena
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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Radhakrishna Prakashan
Author:
Larry Collins and Dominique Lapierre, Tr. Munish Saxena
Language:
Hindi
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Paperback

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स्वाधीनता-आन्दोलन की चरम परिणति थी आज़ादी लेकिन उससे जुड़ा सदी का कुरूपतम सच—विभाजन। बारह बजे रात के उसी का वृत्तान्त है। यह बड़ी–बड़ी परिघटनाओं वाला इतिहास नहीं बल्कि छोटी-छोटी घटनाओं, मामूली विवरणों, हज़ारों दस्तावेज़ांे और साक्षात्कारों से सजा सूक्ष्म इतिहास है।हालाँकि लैरी कॉलिन्स और डोमीनिक लापियर दोनों विदेशी लेखक हैं, फिर भी जिस आत्मीयता और निष्पक्षता से उन्होंने विभाजन के गोपन रहस्यों, षड्यंत्रों, साम्प्रदायिक नंगई और ओछेपन को उजागर किया है, उसकी चतुर्दिक सराहना हुई है। दिलचस्प है कि इसमें कहीं भी ब्रिटिश साम्राज्यवाद का पक्ष नहीं लिया गया है।विरले ही कोई ग़ैर-साहित्यिक कृति क्लासिक बनती है लेकिन सच्चाई, पठनीयता और निष्पक्षता की बदौलत यह क्लासिक बन गई है। भारतीय उपमहाद्वीप की कई पीढ़ियाँ इसे पढ़ेंगी।

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Description

स्वाधीनता-आन्दोलन की चरम परिणति थी आज़ादी लेकिन उससे जुड़ा सदी का कुरूपतम सच—विभाजन। बारह बजे रात के उसी का वृत्तान्त है। यह बड़ी–बड़ी परिघटनाओं वाला इतिहास नहीं बल्कि छोटी-छोटी घटनाओं, मामूली विवरणों, हज़ारों दस्तावेज़ांे और साक्षात्कारों से सजा सूक्ष्म इतिहास है।हालाँकि लैरी कॉलिन्स और डोमीनिक लापियर दोनों विदेशी लेखक हैं, फिर भी जिस आत्मीयता और निष्पक्षता से उन्होंने विभाजन के गोपन रहस्यों, षड्यंत्रों, साम्प्रदायिक नंगई और ओछेपन को उजागर किया है, उसकी चतुर्दिक सराहना हुई है। दिलचस्प है कि इसमें कहीं भी ब्रिटिश साम्राज्यवाद का पक्ष नहीं लिया गया है।विरले ही कोई ग़ैर-साहित्यिक कृति क्लासिक बनती है लेकिन सच्चाई, पठनीयता और निष्पक्षता की बदौलत यह क्लासिक बन गई है। भारतीय उपमहाद्वीप की कई पीढ़ियाँ इसे पढ़ेंगी।

About Author

डोमीनिक लापियर, लैरी कॉलिन्स

लेखकों की यह जोड़ी भाषा के मामले में अनूठी रही कि लापियर फ्रांसीसी के लेखक हैं तो कॉलिन्स अँग्रेज़ी के। लेकिन उनकी गति दोनों भाषाओं में समान रूप से है। लापियर की रुचि गैर-कथात्मक लेखन में रही तो कॉलिन्स की कथा-लेखन में।

सामग्री जुटाने, शोध, साक्षात्कार सब साथ करते मगर लिखते अलग-अलग भाषाओं में। हाँ, पुस्तक का प्रकाशन एक साथ अंग्रेजी और फ्रांसीसी में होता रहा। इस अन्तरराष्ट्रीय जोड़ी को पहली बार सफलता ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ से ही मिली। बाद में इनके संयुक्त लेखन में एक उपन्यास भी आया। वैसे अब यह प्रसिद्ध जोड़ी अलग हो गई है। कॉलिन्स कथा-लेखन में सक्रिय हैं तो लापियर गैर-कथात्मक लेखन में।

संयुक्त कृतियाँ : ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’, ‘ओ! जेरुसलेम’, ‘इज पेरिस बर्निंग और आई विल ड्रेस यू इन माउर्निंग, ‘माउंटबैटेन एंड द पार्टीशन ऑफ इंडिया, ‘माउंटबैटेन एंड इंडिपेंडेंट इंडिया’, ‘फिफ्थ हॉर्समेन’ (उपन्यास)।

लैरी कॉलिन्स : ‘फॉल फ्रॉम गेस’, ‘मेज़’, ‘ब्लैक ईगल्स’ (सभी उपन्यास)।

डोमीनिक लापियर : ‘द सिटी ऑफ जॉय’, ‘बाथ, बियौन्ड लव’।

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