Banjara: बंजारा – पूर्वांचल गाथा (Hindi Edition)

Publisher:
JAI3E
| Author:
Prince Avinash
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
JAI3E
Author:
Prince Avinash
Language:
Hindi
Format:
Paperback

99

Save: 60%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Book Condition : Old (As Good As New)
Book Type

Dust Jacket in Hard-Bound Books

Signs of Wear

Weak Binding

Corner Damage

Cover Wrinkles

Page Discoloration

Spine Wrinkles

ISBN:
SKU 9789391317362_OG Category Tags ,
Page Extent:
201

पूर्वांचल के बाहुबली नेताओं और अपराधियों जैसे प्यादों से सजी शतरंज की बिसात जहां के महत्वाकांक्षी खिलाड़ी जीतने के लिए अपनों को भी दांव पर लगा सकते हैं

उत्तर प्रदेश के प्रतापपुर की एक रियासत में अगले राजा के लिए वफादार कुत्तों का जीवन प्रारब्ध था बंजारे का। बंजारा राजा रविन्द्र सिंह के नाजायज भाई और सबसे वफादार सेनापति का बेटा आकाश था जिसने अपनी प्रेमिका की हत्या के बदले में इस शतरंज की बिसात के एक ऐसे प्यादे को बिसात से हटा दिया कि उसकी इस हड़बड़ी वाली चाल का अंजाम अनगिनत चिताओं और ताबूतों ने चुकाया। अपनी नियति को ठुकराकर शिमला के सन्नाटे में छिपे बंजारे को उसकी किस्मत वापस उसी खूनी बिसात पर लाती है जहां दांव पर लकड़ी के प्यादों की नहीं बल्कि राजनीति और जरायम की दुनिया के सबसे महत्वाकांक्षी खिलाड़ियों की किस्मत लगी हुई है।

बंजारा इस बिसात पर दुश्मनों से घिरा है लेकिन उसके अपने भी अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए उसे इस बिसात पर कुर्बान कर सकते हैं इस बात का अहसास जब तक उसको होता है वह रिश्तों और संबंधों का असली सच देख चुका होता है।

प्रश्न ये है कि क्या बंजारे जैसा खिलाड़ी इस बिसात पर आखिरी तक टिक पाएगा या उसकी बंजारी किस्मत उसे फिर धोखा देगी।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Banjara: बंजारा – पूर्वांचल गाथा (Hindi Edition)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

पूर्वांचल के बाहुबली नेताओं और अपराधियों जैसे प्यादों से सजी शतरंज की बिसात जहां के महत्वाकांक्षी खिलाड़ी जीतने के लिए अपनों को भी दांव पर लगा सकते हैं

उत्तर प्रदेश के प्रतापपुर की एक रियासत में अगले राजा के लिए वफादार कुत्तों का जीवन प्रारब्ध था बंजारे का। बंजारा राजा रविन्द्र सिंह के नाजायज भाई और सबसे वफादार सेनापति का बेटा आकाश था जिसने अपनी प्रेमिका की हत्या के बदले में इस शतरंज की बिसात के एक ऐसे प्यादे को बिसात से हटा दिया कि उसकी इस हड़बड़ी वाली चाल का अंजाम अनगिनत चिताओं और ताबूतों ने चुकाया। अपनी नियति को ठुकराकर शिमला के सन्नाटे में छिपे बंजारे को उसकी किस्मत वापस उसी खूनी बिसात पर लाती है जहां दांव पर लकड़ी के प्यादों की नहीं बल्कि राजनीति और जरायम की दुनिया के सबसे महत्वाकांक्षी खिलाड़ियों की किस्मत लगी हुई है।

बंजारा इस बिसात पर दुश्मनों से घिरा है लेकिन उसके अपने भी अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए उसे इस बिसात पर कुर्बान कर सकते हैं इस बात का अहसास जब तक उसको होता है वह रिश्तों और संबंधों का असली सच देख चुका होता है।

प्रश्न ये है कि क्या बंजारे जैसा खिलाड़ी इस बिसात पर आखिरी तक टिक पाएगा या उसकी बंजारी किस्मत उसे फिर धोखा देगी।

About Author

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Banjara: बंजारा – पूर्वांचल गाथा (Hindi Edition)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

[wt-related-products product_id="test001"]

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED