Baje Payaliya Ke Ghungroo

Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर
Language:
Hindi
Format:
Paperback

119

Save: 1%

In stock

Ships within:
10-12 Days

In stock

Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9788126330775 Category
Category:
Page Extent:
228

बाजे पायलिया के घुँघरू –

इस पुस्तक में आप ऐसा साहित्य पायेंगे, जिसमें हमारे राष्ट्रीय गुणों का प्रदर्शन एवं पोषण दोनों हैं, और वह भी किसी सूखे उपदेश या प्रवचन के रूप में नहीं। इस पुस्तक में आप एक जीवन्त और धड़कते हृदय के मित्र को पायेंगे, जो सदा आपको आनन्द दे, राह दिखाये।

इस पुस्तक को पढ़कर आपको पता चलेगा कि पुस्तकों से जीवन को बदलने का क्या अर्थ है; क्योंकि आप ख़ुद अपने में परिवर्तन पायेंगे।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Baje Payaliya Ke Ghungroo”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

बाजे पायलिया के घुँघरू –

इस पुस्तक में आप ऐसा साहित्य पायेंगे, जिसमें हमारे राष्ट्रीय गुणों का प्रदर्शन एवं पोषण दोनों हैं, और वह भी किसी सूखे उपदेश या प्रवचन के रूप में नहीं। इस पुस्तक में आप एक जीवन्त और धड़कते हृदय के मित्र को पायेंगे, जो सदा आपको आनन्द दे, राह दिखाये।

इस पुस्तक को पढ़कर आपको पता चलेगा कि पुस्तकों से जीवन को बदलने का क्या अर्थ है; क्योंकि आप ख़ुद अपने में परिवर्तन पायेंगे।

About Author

कन्हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर' - जन्म: 29 मई, 1906; निधन: 9 मई, 1995। हिन्दी के यशस्वी गद्य-लेखक, शैलीकार एवं पत्रकार स्व. 'प्रभाकर' जी की भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रकाशित बहुचर्चित कृतियाँ हैं—ज़िन्दगी मुसकरायी, माटी हो गयी सोना, आकाश के तारे धरती के फूल, क्षण बोले कण मुसकाये, महके आँगन चहके द्वार, दीप जले शंख बजे, ज़िन्दगी लहलहायी, बाजे पायलिया के घुँघरू, कारवाँ आगे बढ़े।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Baje Payaliya Ke Ghungroo”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED