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Badalte Daur Mein Hindutva
Publisher:
Indus Scroll Press
| Author:
J Nandakumar
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Indus Scroll Press
Author:
J Nandakumar
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹450 ₹338
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In stock
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3-5 Days
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ISBN:
SKU
9789390981014
Category Politics/Government
Category: Politics/Government
Page Extent:
280
हिंदुत्व से तात्पर्य राष्ट्रवादी परंपरा के साथ भारतीय चिंतन स्वर से है, जो इस क्षेत्र की पुरातन सभ्यता, भारतीय परंपरा या इंडिया को भारत के रूप में दर्शाता है। इसके विपरीत भारत में वामपंथी ताकतों, विशेषकर कम्युनिस्टों द्वारा लंबे समय से प्रयास किया जाता रहा है कि राष्ट्रीय, राजनीतिक या सभ्यता संबंधी मुद्दों पर हिंदुत्व से संबंधित किसी भी स्वर को बिना परीक्षण का मौका दिए उसे खारिज कर दिया जाए। ‘बदलते दौर में हिंदुत्व’ पुस्तक मानवता के प्रति भारत के दृष्टिकोण पर विमर्श एवं अभिव्यक्ति के लिए एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करती है और हिंदुत्व से जुड़े विचार को अकारण खारिज करने वाले लोगों की मंशा को बेनकाब करती है। यह पुस्तक मौजूदा समय की वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय चिंतन के आधार पर मार्ग प्रशस्त करती है। यह पुस्तक ऐसा वैचारिक धरातल प्रदान करती है, जिसका जीवन की व्यापक दृष्टि और विचारशील मार्गदर्शन से वंचित देशों के समुदाय में स्वागत किया जाना चाहिए। भारतीय सभ्यता में निहित ज्ञान मानवीय आवश्यकताओं, अधिकारों और मूल्यों के बारे में गहन विचार प्रदान कर सकता है। वर्तमान में, इस पर भौतिकवादी, राजनीतिक और वाणिज्यिक विचारधाराओं का वर्चस्व है। विश्व मंच पर भारत की मजबूत होती उपस्थिति और इसकी क्षमता कुछ मौजूदा प्रमुख संस्कृतियों के साथ प्रतिरोध या आपत्ति पैदा कर सकती है। यह पुस्तक ऐसे सिद्धांतों पर भी सवाल खड़े करती है।
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Description
हिंदुत्व से तात्पर्य राष्ट्रवादी परंपरा के साथ भारतीय चिंतन स्वर से है, जो इस क्षेत्र की पुरातन सभ्यता, भारतीय परंपरा या इंडिया को भारत के रूप में दर्शाता है। इसके विपरीत भारत में वामपंथी ताकतों, विशेषकर कम्युनिस्टों द्वारा लंबे समय से प्रयास किया जाता रहा है कि राष्ट्रीय, राजनीतिक या सभ्यता संबंधी मुद्दों पर हिंदुत्व से संबंधित किसी भी स्वर को बिना परीक्षण का मौका दिए उसे खारिज कर दिया जाए। ‘बदलते दौर में हिंदुत्व’ पुस्तक मानवता के प्रति भारत के दृष्टिकोण पर विमर्श एवं अभिव्यक्ति के लिए एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करती है और हिंदुत्व से जुड़े विचार को अकारण खारिज करने वाले लोगों की मंशा को बेनकाब करती है। यह पुस्तक मौजूदा समय की वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय चिंतन के आधार पर मार्ग प्रशस्त करती है। यह पुस्तक ऐसा वैचारिक धरातल प्रदान करती है, जिसका जीवन की व्यापक दृष्टि और विचारशील मार्गदर्शन से वंचित देशों के समुदाय में स्वागत किया जाना चाहिए। भारतीय सभ्यता में निहित ज्ञान मानवीय आवश्यकताओं, अधिकारों और मूल्यों के बारे में गहन विचार प्रदान कर सकता है। वर्तमान में, इस पर भौतिकवादी, राजनीतिक और वाणिज्यिक विचारधाराओं का वर्चस्व है। विश्व मंच पर भारत की मजबूत होती उपस्थिति और इसकी क्षमता कुछ मौजूदा प्रमुख संस्कृतियों के साथ प्रतिरोध या आपत्ति पैदा कर सकती है। यह पुस्तक ऐसे सिद्धांतों पर भी सवाल खड़े करती है।
About Author
J Nandakumar, the National Convenor of Prajna Pravah, a Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS)-affiliated organization, is a multifaceted personality. He is an accomplished author, an eminent intellectual, a powerful orator, a gifted poet, and an able organization-builder. Born in Kerala's Pandalam, Nandakumar, an RSS pracharak who has dedicated his entire life to the nation's cause, unmasked the savage face of CPI(M) at the national level through his relentless campaign against the Marxist party's murder-politics in its Kerala strongholds. A tech-savvy pracharak, his incisive posts and thoughts are instantly lapped up by thousands of his followers on Twitter and other social media platforms. He was Editor of Kesari, the largest-read weekly magazine in Malayalam. As a member of the specially-constituted editorial team, headed by Shri Ranga Hari, he translated and edited the complete works of Shri Guruji (Malayalam).
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