Azim Premji – Ek Virat Vyaktitva (Hindi)

Publisher:
MANJUL
| Author:
SUNDEEP KHANNA & VARUN SOOD
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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MANJUL
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SUNDEEP KHANNA & VARUN SOOD
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Hindi
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Paperback

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अज़ीम हाशिम प्रेमजी पांच दशकों से भारतीय उद्योग जगत का एक अग्रणी नाम बने हुए हैं। पिता के असामयिक निधन के बाद उन्होंने इक्कीस साल की छोटी उम्र में वनस्पति तेल के अपने पारिवारिक व्यवसाय को न केवल संभाला, बल्कि आगे चलकर उन्होंने मल्टी-बिलियन डॉलर के समूह के साथ भारत की सफलतम सॉफ़्टवेयर कंपनियों में से एक का निर्माण भी किया। वर्ष 2019 तक, 7.2 बिलियन डॉलर की नेट-वर्थ के साथ वे भारत के दसवें सबसे अमीर व्यक्ति थे। हालांकि उनके जीवन का एक पहलू जो उनकी तमाम व्यावसायिक उपलब्धियों पर हावी है, वह है उनकी परोपकारिता। शिक्षा पर केन्द्रित, 21 बिलियन डॉलर वाले गैर-लाभकारी अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उन्हें दुनिया के शीर्ष परोपकारी लोगों में से एक बनाती है। यह पुस्तक इस अनूठे व्यक्ति की पहली प्रामाणिक जीवनी है और यह बताती है कि प्रेमजी दिल से एक परोपकारी इंसान हैं, और अपने चुनाव के आधार पर एक व्यवसायी हैं। वे एक ऐसे व्यक्ति हैं जो अपनी धन-दौलत लुटाना तो चाहता था, लेकिन उसे जल्द ही इस बात का एहसास हो गया कि ऐसा करने के लिए पहले उसे कमाना होगा। यह पुस्तक प्रेमजी के पेशेवर और परोपकारी कार्यों की चर्चा करते हुए उनकी कमियों और खूबियों के संदर्भ में उनके जीवन की कई परतों को खोलती है। इस पुस्तक में प्रेमजी के व्यापारिक और परोपकारी पक्ष की व्याख्या उन साक्षात्कारों के आधार पर की गई है, जो विप्रो के सैकड़ों वर्तमान और अतीत के ऐसे प्रबंधकों के साथ लिए गए हैं जिन्होंने वर्षों तक उनके साथ मिलकर काम किया है। साथ ही साथ उनके प्रतिद्वंद्वियों, विश्लेषकों, पारिवारिक मित्रों और व्यावसायिक सहयोगियों से भी बातचीत की गई है।.

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अज़ीम हाशिम प्रेमजी पांच दशकों से भारतीय उद्योग जगत का एक अग्रणी नाम बने हुए हैं। पिता के असामयिक निधन के बाद उन्होंने इक्कीस साल की छोटी उम्र में वनस्पति तेल के अपने पारिवारिक व्यवसाय को न केवल संभाला, बल्कि आगे चलकर उन्होंने मल्टी-बिलियन डॉलर के समूह के साथ भारत की सफलतम सॉफ़्टवेयर कंपनियों में से एक का निर्माण भी किया। वर्ष 2019 तक, 7.2 बिलियन डॉलर की नेट-वर्थ के साथ वे भारत के दसवें सबसे अमीर व्यक्ति थे। हालांकि उनके जीवन का एक पहलू जो उनकी तमाम व्यावसायिक उपलब्धियों पर हावी है, वह है उनकी परोपकारिता। शिक्षा पर केन्द्रित, 21 बिलियन डॉलर वाले गैर-लाभकारी अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उन्हें दुनिया के शीर्ष परोपकारी लोगों में से एक बनाती है। यह पुस्तक इस अनूठे व्यक्ति की पहली प्रामाणिक जीवनी है और यह बताती है कि प्रेमजी दिल से एक परोपकारी इंसान हैं, और अपने चुनाव के आधार पर एक व्यवसायी हैं। वे एक ऐसे व्यक्ति हैं जो अपनी धन-दौलत लुटाना तो चाहता था, लेकिन उसे जल्द ही इस बात का एहसास हो गया कि ऐसा करने के लिए पहले उसे कमाना होगा। यह पुस्तक प्रेमजी के पेशेवर और परोपकारी कार्यों की चर्चा करते हुए उनकी कमियों और खूबियों के संदर्भ में उनके जीवन की कई परतों को खोलती है। इस पुस्तक में प्रेमजी के व्यापारिक और परोपकारी पक्ष की व्याख्या उन साक्षात्कारों के आधार पर की गई है, जो विप्रो के सैकड़ों वर्तमान और अतीत के ऐसे प्रबंधकों के साथ लिए गए हैं जिन्होंने वर्षों तक उनके साथ मिलकर काम किया है। साथ ही साथ उनके प्रतिद्वंद्वियों, विश्लेषकों, पारिवारिक मित्रों और व्यावसायिक सहयोगियों से भी बातचीत की गई है।.

About Author

संदीप खन्ना मनी कंट्रोल के साथ-साथ द मॉर्निंग कॉन्टेक्स्ट (सबस्क्रिप्शन-आधारित बिज़नेस न्यूज़ आउटलेट) के एक नियमित स्तंभकार हैं। अपने तीस वर्ष के पत्रकारिता करियर में वह मिंट के कार्यकारी संपादक के रूप में सेवानिवृत्त होने से पहले बिज़नेस टुडे और फ़ाइनैन्शियल एक्सप्रेस जैसे प्रकाशनों में वरिष्ठ संपादक रहे हैं। वरुण सूद द मॉर्निंग कॉन्टेक्स्ट में उप बिज़नेस एडिटर हैं। पूर्व में वे मिंट में ब्रेकिंग स्टोरीज़ के नेशनल एडिटर के तौर पर काम कर चुके हैं। वे एक टेक्नोलॉजी पत्रकार हैं, जो बेंगलुरू में रहते हैं। उन्होंने अपना करियर बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ शुरू किया और पिछले चौदह वर्षों में कई प्रकाशनों के साथ काम किया है, जिसमें फ़ाइनैन्शियल टाइम्स और द इकोनॉमिक टाइम्स शामिल हैं।.

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