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Atulaya Bharat

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Ed. Virendra Yagnik
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Prabhat Prakashan
Author:
Ed. Virendra Yagnik
Language:
Hindi
Format:
Hardback

770

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In stock

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1-4 Days

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Book Type

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Page Extent:
288

इस ग्रंथ के दूसरे खंड में अंग्रेजी के आलेख हैं, जिनमें भारतीय अर्थव्यवस्था पर बड़ा ही सूचनापरक और शोधपूर्ण आलेख डॉ. के. वी. एस. एस. नारायण राव का है। सुप्रसिद्ध लेखक-चिंतक श्री रतन शारदा पश्चिमोन्मुख होती जा रही युवा पीढ़ी को बता रहे हैं कि आधुनिक होने के अर्थ क्या हैं? वहीं श्री संदीप सिंह ने अपने आलेख के माध्यम से भारतीय कालगणना (केलेंडर) के वैज्ञानिक आधार को नई दृष्टि से समझाने की कोशिश की है। सुप्रसिद्ध विज्ञानाचार्य डॉ. एस. ए. उपाध्याय, डॉ. संतोष कुमार यादव, परम विदुषी एच. एन. देवकी तथा’श्रीमती चारु चतुर्वेदी के लेखों से पाठकों को अपनी विराट प्राचीन विज्ञान-परंपरा तथा आधुनिक उपलब्धियों की जानकारी मिलेगी, जिसे पढ़कर हमारा गर्वित होना स्वाभाविक है। अमेरिका नी श्री निपुन मेहता के यात्रा-संस्मरण में आपको भारत के संवेदन और संस्कारशील चरित के दर्शन होंगे और तब हमें अवश्य अनुभव होगा कि भारत में जन्म हमारे पुण्यों का उदय है।.

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Description

इस ग्रंथ के दूसरे खंड में अंग्रेजी के आलेख हैं, जिनमें भारतीय अर्थव्यवस्था पर बड़ा ही सूचनापरक और शोधपूर्ण आलेख डॉ. के. वी. एस. एस. नारायण राव का है। सुप्रसिद्ध लेखक-चिंतक श्री रतन शारदा पश्चिमोन्मुख होती जा रही युवा पीढ़ी को बता रहे हैं कि आधुनिक होने के अर्थ क्या हैं? वहीं श्री संदीप सिंह ने अपने आलेख के माध्यम से भारतीय कालगणना (केलेंडर) के वैज्ञानिक आधार को नई दृष्टि से समझाने की कोशिश की है। सुप्रसिद्ध विज्ञानाचार्य डॉ. एस. ए. उपाध्याय, डॉ. संतोष कुमार यादव, परम विदुषी एच. एन. देवकी तथा’श्रीमती चारु चतुर्वेदी के लेखों से पाठकों को अपनी विराट प्राचीन विज्ञान-परंपरा तथा आधुनिक उपलब्धियों की जानकारी मिलेगी, जिसे पढ़कर हमारा गर्वित होना स्वाभाविक है। अमेरिका नी श्री निपुन मेहता के यात्रा-संस्मरण में आपको भारत के संवेदन और संस्कारशील चरित के दर्शन होंगे और तब हमें अवश्य अनुभव होगा कि भारत में जन्म हमारे पुण्यों का उदय है।.

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