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Atal Bihari Vajpayee Chayan Sangrah Sansad Mein Atal Ji (1957-2005) (9 Volume Set)

Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
रवि कुमार मिश्र, नरेन्द्र शुक्ल
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Vani Prakashan
Author:
रवि कुमार मिश्र, नरेन्द्र शुक्ल
Language:
Hindi
Format:
Hardback

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Availiblity

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SKU 9789355182111 Category
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Page Extent:
4374

मैं पत्रकार था और यह राजनीति, जिस तरह की राजनीति चल रही है, मुझे रास नहीं आती। मैं तो छोड़ना चाहता हूँ मगर राजनीति मुझे नहीं छोड़ती है। फिर मैं विरोधी दल का नेता हुआ, आज प्रधानमन्त्री हूँ और थोड़ी देर बाद प्रधानमन्त्री भी नहीं रहूँगा। प्रधानमन्त्री बनते समय मेरा हृदय आनन्द से उछलने लगा हो, ऐसा नहीं हुआ। जब मैं सब कुछ छोड़छाड़ कर चला जाऊँगा तब भी मेरे मन में किसी तरह की म्लानता होगी, ऐसा होने वाला नहीं है ।

-अटल बिहारी वाजपेयी

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मैं पत्रकार था और यह राजनीति, जिस तरह की राजनीति चल रही है, मुझे रास नहीं आती। मैं तो छोड़ना चाहता हूँ मगर राजनीति मुझे नहीं छोड़ती है। फिर मैं विरोधी दल का नेता हुआ, आज प्रधानमन्त्री हूँ और थोड़ी देर बाद प्रधानमन्त्री भी नहीं रहूँगा। प्रधानमन्त्री बनते समय मेरा हृदय आनन्द से उछलने लगा हो, ऐसा नहीं हुआ। जब मैं सब कुछ छोड़छाड़ कर चला जाऊँगा तब भी मेरे मन में किसी तरह की म्लानता होगी, ऐसा होने वाला नहीं है ।

-अटल बिहारी वाजपेयी

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