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Apne Paraye

Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
कृष्णा खतवानी अनुवाद रश्मि रमानी
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
कृष्णा खतवानी अनुवाद रश्मि रमानी
Language:
Hindi
Format:
Hardback

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SKU 8126312025 Category
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118

अपने पराये –
अपनी संवेदनशीलता, सौन्दर्यबोध और परिष्कृत रुचि के कारण सिन्धी साहित्य में कृष्ण खटवाणी का अप्रतिम स्थान है। उनका ‘अपने पराये’ चौदह कहानियों का संग्रह है। इन कहानियों में मानव जीवन के कितने ही आयाम उद्घाटित हुए हैं। कहीं प्रकृति के साथ मनुष्य के रागात्मक सम्बन्ध हैं तो कहीं एकान्तिक क्षणों में आन्तरिक लय पर चलते हुए अपने अस्तित्व की तलाश।
एक ओर शान्ति निकेतन में चित्रकला और साहित्य का अध्ययन, तो दूसरी ओर उसी के समानान्तर भारत-विभाजन की त्रासदी ने खटवाणी को रचनात्मक संवेदनशीलता देने के साथ जिस मर्मान्तक पीड़ा से साक्षात्कार कराया उसे इन कहानियों में सार्थक अभिव्यक्ति मिली है।
कृष्ण खटवाणी की कहानियों की एक विशेषता यह भी है कि वे मनुष्य के सुख-दुख, प्रेम, मिलन और बिछोह, एकाकीपन और दुर्बलताओं को बिना किसी वैचारिक आडम्बर के सहज रूप में दर्शाती हैं।
हमें विश्वास है कि ‘अपने पराये’ संकलन की ये कहानियाँ हिन्दी पाठक का, उनकी मूल भाषा की तरह भरपूर रसास्वादन करायेंगी।

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Description

अपने पराये –
अपनी संवेदनशीलता, सौन्दर्यबोध और परिष्कृत रुचि के कारण सिन्धी साहित्य में कृष्ण खटवाणी का अप्रतिम स्थान है। उनका ‘अपने पराये’ चौदह कहानियों का संग्रह है। इन कहानियों में मानव जीवन के कितने ही आयाम उद्घाटित हुए हैं। कहीं प्रकृति के साथ मनुष्य के रागात्मक सम्बन्ध हैं तो कहीं एकान्तिक क्षणों में आन्तरिक लय पर चलते हुए अपने अस्तित्व की तलाश।
एक ओर शान्ति निकेतन में चित्रकला और साहित्य का अध्ययन, तो दूसरी ओर उसी के समानान्तर भारत-विभाजन की त्रासदी ने खटवाणी को रचनात्मक संवेदनशीलता देने के साथ जिस मर्मान्तक पीड़ा से साक्षात्कार कराया उसे इन कहानियों में सार्थक अभिव्यक्ति मिली है।
कृष्ण खटवाणी की कहानियों की एक विशेषता यह भी है कि वे मनुष्य के सुख-दुख, प्रेम, मिलन और बिछोह, एकाकीपन और दुर्बलताओं को बिना किसी वैचारिक आडम्बर के सहज रूप में दर्शाती हैं।
हमें विश्वास है कि ‘अपने पराये’ संकलन की ये कहानियाँ हिन्दी पाठक का, उनकी मूल भाषा की तरह भरपूर रसास्वादन करायेंगी।

About Author

कृष्ण खटवाणी - सिन्धी के बहुचर्चित लेखक। जन्म: 7 नवम्बर, 1927; सिन्ध (अब पाकिस्तान में)। प्रमुख कृतियाँ: उपन्यास—अमर प्यार, मुँहिजी मिठड़ी सिन्ध (मेरी प्रिय सिन्ध), व्यर्थ ज़िन्दगियूँ (व्यर्थ जीवन), याद हिक प्यार जी (स्मृति एक प्रेम की), सत दींह (सात दिन), तरदण्ड बादल (तैरता बादल)। कहानी संग्रह—टुटल तारूँ (टूटे तार), बिन्दरी एं इव्यूं कहाणियूँ (बन्दरी एवं अन्य कहानियाँ), मिठड़ी तो न सुजातो (प्रिय तुमने न पहचाना), परदेसन, अकेली, जियापे जो साधन (जीने का साधन), बिपहरी (दोपहरी), धुँधला चेहरा आदि। जीवनचरित्र, नाटक, कविता, यात्रावृत्त आदि विधाओं पर भी लेखन। विभिन्न पुस्तकों के भारतीय भाषाओं एवं अंग्रेज़ी में अनुवाद। सम्मान: अखिल भारत सिन्धी बोली एवं साहित्य सभा से 'श्रेष्ठ नाटक पुरस्कार' (1973), 'साहित्य अकादेमी पुरस्कार' (1980) तथा म.प्र. शासन से 'सामी अवार्ड'। केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय एवं भारतीय भाषा परिषद, कलकत्ता द्वारा सम्मानित साहित्य अकादेमी के सिन्धी सलाहकार मण्डल के संयोजक। रश्मि रमानी (अनुवादिका) हिन्दी साहित्य से एम.ए.। मातृभाषा सिन्धी, पर ज़्यादातर लेखन राष्ट्रभाषा हिन्दी में। विभिन्न पत्रिकाओं में कविता, कहानियाँ, लेख प्रकाशित। सिन्धी की प्रसिद्ध कृतियों के हिन्दी में अनुवाद।

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