Antim Nimbu

Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
उदय प्रकाश
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Vani Prakashan
Author:
उदय प्रकाश
Language:
Hindi
Format:
Hardback

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“रघुवीर सहाय ने लिखा है- ‘अपनी एक मूर्ति बनाता हूँ, और ढहाता हूँ और आप कहते हैं कि कविता की ।’ इसे यदि दुबारा कोई लेखक हिन्दी में लिख सकता है, तो वह कथाकार उदय प्रकाश है। उदय प्रकाश की हर महत्त्वपूर्ण कहानी ने हिन्दी कहानी के साँचे को तोड़ा है। इतना ही नहीं, उसने स्वयं बार-बार अपने ही बनाये साँचे तोड़े हैं।

उदय प्रकाश एक ऐसा हिन्दी लेखक है जिसे उर्दू, मराठी आदि अन्य भारतीय भाषाओं में और अंग्रेज़ी, जर्मन, फ़्रेंच आदि विदेशी भाषाओं में भरपूर सम्मान मिला है, जब कि हिन्दी अभी दर्शक दीर्घा में ही बैठी है। उदय प्रकाश न सिर्फ़ श्रेष्ठ कथाकार हैं, वह अच्छे कवि भी हैं।

– प्रभाकर श्रोत्रिय

/

हिन्दी साहित्य के पिछले सौ सालों में के इतिहास में कवि और कथाकार के रूप में समान रूप से लेखन करने वाले तीन ही लेखक हुए हैं, और वह हैं- जयशंकर प्रसाद, अज्ञेय और उदय प्रकाश। अगर हिन्दी कहानी के पिछले सौ वर्षों में, मैं आठ नाम लूँ, तो उसमें भी उदय प्रकाश सम्मिलित होंगे। ये आठ नाम हैं-प्रेमचन्द, जैनेन्द्र, अज्ञेय, यशपाल, फणीश्वरनाथ रेणु, भीष्म साहनी, हरिशंकर परसाई और निर्मल वर्मा ।

– नामवर सिंह

/

मैं तो साफ़-साफ़ कहूँगा, उदय जी को एक से दस तक तो क्या, उन्हें कोई भी नम्बर नहीं छू पाता है। वो नम्बरों से ऊपर की चीज़ हैं… बियोंड नम्बर ! मैं उदय जी की कहानियों का बहुत बड़ा समर्थक हूँ। भक्त हूँ। जितना मैंने पढ़ा है, उसमें दुनिया के किसी भी रचनाकार ने मुझे इतना नहीं छुआ है, जितना उदय जी की रचनाओं ने… मैं उनके बराबर किसी रचनाकार को नहीं रख सकता। जो गहराई और आत्मीयता उनकी कहानियों में है, वो सर्वथा अनुपलब्ध है।

– इरफ़ान

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Description

“रघुवीर सहाय ने लिखा है- ‘अपनी एक मूर्ति बनाता हूँ, और ढहाता हूँ और आप कहते हैं कि कविता की ।’ इसे यदि दुबारा कोई लेखक हिन्दी में लिख सकता है, तो वह कथाकार उदय प्रकाश है। उदय प्रकाश की हर महत्त्वपूर्ण कहानी ने हिन्दी कहानी के साँचे को तोड़ा है। इतना ही नहीं, उसने स्वयं बार-बार अपने ही बनाये साँचे तोड़े हैं।

उदय प्रकाश एक ऐसा हिन्दी लेखक है जिसे उर्दू, मराठी आदि अन्य भारतीय भाषाओं में और अंग्रेज़ी, जर्मन, फ़्रेंच आदि विदेशी भाषाओं में भरपूर सम्मान मिला है, जब कि हिन्दी अभी दर्शक दीर्घा में ही बैठी है। उदय प्रकाश न सिर्फ़ श्रेष्ठ कथाकार हैं, वह अच्छे कवि भी हैं।

– प्रभाकर श्रोत्रिय

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हिन्दी साहित्य के पिछले सौ सालों में के इतिहास में कवि और कथाकार के रूप में समान रूप से लेखन करने वाले तीन ही लेखक हुए हैं, और वह हैं- जयशंकर प्रसाद, अज्ञेय और उदय प्रकाश। अगर हिन्दी कहानी के पिछले सौ वर्षों में, मैं आठ नाम लूँ, तो उसमें भी उदय प्रकाश सम्मिलित होंगे। ये आठ नाम हैं-प्रेमचन्द, जैनेन्द्र, अज्ञेय, यशपाल, फणीश्वरनाथ रेणु, भीष्म साहनी, हरिशंकर परसाई और निर्मल वर्मा ।

– नामवर सिंह

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मैं तो साफ़-साफ़ कहूँगा, उदय जी को एक से दस तक तो क्या, उन्हें कोई भी नम्बर नहीं छू पाता है। वो नम्बरों से ऊपर की चीज़ हैं… बियोंड नम्बर ! मैं उदय जी की कहानियों का बहुत बड़ा समर्थक हूँ। भक्त हूँ। जितना मैंने पढ़ा है, उसमें दुनिया के किसी भी रचनाकार ने मुझे इतना नहीं छुआ है, जितना उदय जी की रचनाओं ने… मैं उनके बराबर किसी रचनाकार को नहीं रख सकता। जो गहराई और आत्मीयता उनकी कहानियों में है, वो सर्वथा अनुपलब्ध है।

– इरफ़ान

About Author

उदय प्रकाश हिन्दी कथा और कविता में अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। जन्म | जनवरी 1952 को छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के सीमान्त जिले अनूपपुर के छोटे-से गाँव सीतापुर में। प्राथमिक, माध्यमिक शिक्षा गाँव और अनूपपुर में हुई। विज्ञान में स्नातक तथा हिन्दी साहित्य में उत्तर स्नातक। उदय प्रकाश कप्तान अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा, हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर, मध्य प्रदेश तथा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नयी दिल्ली से सम्बद्ध रहे। हिन्दी पाठकों के बीच अपनी 'दरियाई घोड़ा', 'पॉल गोमरा का स्कूटर' और 'पीली छतरी वाली लड़की' जैसी बहुचर्चित कहानियों के लिए जाने जाते हैं। लम्बी कहानी 'मोहनदास' को 'साहित्य अकादेमी पुरस्कार' लेखन को 'भारतभूषण अग्रवाल सम्मान', 'कथा क्रम सम्मान', 'वनमाली सम्मान', 'पहल सम्मान', 'मुक्तिबोध' सहित कई सम्मानों से नवाज़ा जा चुका है। मोहनदास, पीली छतरी वाली लड़की, तिरिछ, वारेन हेस्टिंग्स का साँड़, और अन्त में प्रार्थना, दरियाई घोड़ा, अरेबा-परेवा, मैंगोसिल आदि कहानी-संग्रह हैं। सुनो कारीगर, अबूतर कबूतर, रात में हारमोनियम, अम्बर में अबाबील प्रमुख कविता-संग्रह हैं। कला अनुभव, इंदै रोम्या रोलां की डायरी, अमृतसर: इन्दिरा गांधी की आख़िरी लड़ाई के अतिरिक्त विश्व के प्रमुख कवियों की समय-समय पर अनुवादित पुस्तकें हैं। दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल तथा प्रसार भारती के लिए टीवी धारावाहिकों का निर्देशन, निर्माण, शोध एवं लेखन । भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, रामविलास शर्मा, धर्मवीर भारती, विजयदान देथा आदि साहित्यकारों पर साहित्य अकादेमी तथा हिन्दी अकादेमी के लिए वृत्तचित्रों का निर्माण, निर्देशन। 'उपरान्त', 'मोहनदास', 'नशीबवान' फ़िल्मों की पटकथाएँ एवं संवाद । अन्तरराष्ट्रीय पुस्तक मेलों और शीर्ष व्याख्यानमालाओं में कई देशों में भागीदारी। न्यूयॉर्क तथा जोहांसबर्ग, दक्षिण अफ्रीका के विश्व हिन्दी सम्मेलन में भागीदारी। लगभग समस्त भारतीय तथा विश्व की लगभग समस्त प्रमुख भाषाओं में रचनाओं के अनुवाद तथा पुस्तकें प्रकाशित। इन दिनों स्वतन्त्र लेखन, पत्रकारिता एवं यात्राएँ।

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