Antim Kshitij Ka Pradesh

Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
डॉ. सुलभा कोरे
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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Vani Prakashan
Author:
डॉ. सुलभा कोरे
Language:
Hindi
Format:
Paperback

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200

अन्तिम क्षितिज का प्रदेश – जहाँ आसमान और ज़मीन का मिलन होता है, जहाँ पृथ्वी और आकाश मिलते हुए दिखाई देते हैं, उस स्थान को क्षितिज कहते हैं। दृष्टि की पहुँच की अन्तिम सीमा यानी क्षितिज । वैसे क्षितिज यानी पृथ्वी का अन्तिम छोर भी माना जाता है। उसके आगे सिर्फ़ आसमान होता है। लेकिन यह क्षितिज पृथ्वी पर हमें कहीं भी दिखाई देता है। जहाँ आसमान ज़मीन पर उतरता है, जहाँ ज़मीन आसमान से मिलने हेतु ऊपर उठती है। दोनों के मिलन का यह दृश्य बड़ा अद्भुत होता है, जो आपको अभिभूत कर देता है, एक अद्भुत अहसास से भर देता है। इस अहसास में अनेक भावनाओं, रंगों का समामेलन होता है। सिक्किम में हमने यह क्षितिज देखा था, हिमालय की उच्चतम चोटी और आसमान के मिलन के साथ । उस उच्चतम क्षितिज के दर्शन के बाद और दूसरा उतना उच्चतम क्षितिज हमें कहीं दिखाई देने वाला नहीं था। वह अन्तिम क्षितिज है, भारत के उस छोर का और उस क्षितिज के वाद भारत के लिए उस ओर कोई दूसरा क्षितिज दिखाई देना, सम्भव ही नहीं बल्कि नामुमकिन है।

-इसी किताब से

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Description

अन्तिम क्षितिज का प्रदेश – जहाँ आसमान और ज़मीन का मिलन होता है, जहाँ पृथ्वी और आकाश मिलते हुए दिखाई देते हैं, उस स्थान को क्षितिज कहते हैं। दृष्टि की पहुँच की अन्तिम सीमा यानी क्षितिज । वैसे क्षितिज यानी पृथ्वी का अन्तिम छोर भी माना जाता है। उसके आगे सिर्फ़ आसमान होता है। लेकिन यह क्षितिज पृथ्वी पर हमें कहीं भी दिखाई देता है। जहाँ आसमान ज़मीन पर उतरता है, जहाँ ज़मीन आसमान से मिलने हेतु ऊपर उठती है। दोनों के मिलन का यह दृश्य बड़ा अद्भुत होता है, जो आपको अभिभूत कर देता है, एक अद्भुत अहसास से भर देता है। इस अहसास में अनेक भावनाओं, रंगों का समामेलन होता है। सिक्किम में हमने यह क्षितिज देखा था, हिमालय की उच्चतम चोटी और आसमान के मिलन के साथ । उस उच्चतम क्षितिज के दर्शन के बाद और दूसरा उतना उच्चतम क्षितिज हमें कहीं दिखाई देने वाला नहीं था। वह अन्तिम क्षितिज है, भारत के उस छोर का और उस क्षितिज के वाद भारत के लिए उस ओर कोई दूसरा क्षितिज दिखाई देना, सम्भव ही नहीं बल्कि नामुमकिन है।

-इसी किताब से

About Author

डॉ. सुलभा कोरे - मुम्बई विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर और एसएनडीटी से पीएच.डी. । 'स्पर्शिका', 'स्पर्श हरवलेले' मराठी काव्य संकलनों के अलावा हिन्दी में 'तासीर' और 'एक नया आकाश' काव्य संग्रह प्रकाशित। 'तासीर' को केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय का पुरस्कार । 'भारतीय समाज : हिन्दी सिनेमा और स्त्री' ग्रन्थ, सन्दर्भ ग्रन्थ के रूप में सावित्रीबाई फुले, पुणे विश्वविद्यालय में । मराठी और हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं में पिछले 25 वर्षो से निरन्तर लेखन । अनेक पुस्तकों का हिन्दी-अंग्रेज़ी- मराठी में अनुवाद। कला और सांस्कृतिक मन्त्रालय की टैगोर फ़ेलोशिप । विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी। कई महत्त्वपूर्ण सम्मानों से सम्मानित । सम्प्रति : यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया में सेवारत । सम्पर्क : ए-313-314, अर्जुन नगर कॉम्प्लेक्स, पाथर्ली रोड, डोम्बिवली (पूर्व) 421201 महाराष्ट्र | ई-मेल : korc.sulabha@gmail.com www.sulabhakore.com

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