Antarashtriya Sambandh, 1/e

Publisher:
Pearson Education
| Author:
सौमित्र मोहन(आईएएस,2002
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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Pearson Education
Author:
सौमित्र मोहन(आईएएस,2002
Language:
Hindi
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Paperback

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SKU 9789356065116 Category
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400

भारत ने सभी मित्र देशों के साथ बहुआयामी संबंधों तथा उनके साथ सहयोग को सशक्त करने हेतु अपनी पहुंच बना ली है। यही नहीं, भारत ने पाकिस्तान और चीन जैसे अपने स्वीकृत प्रतिद्वंद्वियों के साथ भी अपने संबंधों को सुधारने का भरपूर प्रयास किया है। यह पुस्तक भारत के कूटनीतिक युद्धाभ्यास तथा उसके लोगों के संतुलित विकास पर ध्यान केंद्रित करने की कार्यावली (एजेंडे) को संरेखित करती है। यह पुस्तक उन संबंधों के बारे में गहन अंतर्दृष्टि प्रदान करती है, जो भारत अपने पड़ोसियों, पहले और दूसरे विश्व राष्ट्रों के साथ साझा करता है तथा अंतर्राष्ट्रीय समूहों में उनके रुख एवं कद के बारे में भी बताती है। छह इकाइयों तथा 30 अध्यायों में विभाजित यह पुस्तक अंतर्राष्ट्रीय राजनीति और कोविड के बाद के परिदृश्य में दुनिया के पुनर्प्राप्ति पथ का एक समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक को विशेष रूप से यूपीएससी और राज्य सिविल सेवा परीक्षाओं में भाग लेने वाले परीक्षार्थियों के लिए तैयार किया गया है।

Features

•इस पुस्तक में प्रत्येक इकाई के बाद प्रारंभिक प्रश्न और समाधान दिए गए हैं।

•इसमें सही दृष्टिकोण के साथ मुख्य प्रश्न (2011–2021) दिए गए हैं।

इसमें मूल पाठ के साथ बीच–बीच में जानकारी के लिए (FYI), मुख्य विशेषताएँ तथा आईआर शॉट्स बॉक्स में दिए गए हैं।

•इसकी परिशिष्ट इकाई में प्रमुख शब्द, संक्षिप्त रूप, प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ट तथा सूचकांक एवं संयुक्त सैन्य अभ्यासों की सूची शामिल है।

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Description

भारत ने सभी मित्र देशों के साथ बहुआयामी संबंधों तथा उनके साथ सहयोग को सशक्त करने हेतु अपनी पहुंच बना ली है। यही नहीं, भारत ने पाकिस्तान और चीन जैसे अपने स्वीकृत प्रतिद्वंद्वियों के साथ भी अपने संबंधों को सुधारने का भरपूर प्रयास किया है। यह पुस्तक भारत के कूटनीतिक युद्धाभ्यास तथा उसके लोगों के संतुलित विकास पर ध्यान केंद्रित करने की कार्यावली (एजेंडे) को संरेखित करती है। यह पुस्तक उन संबंधों के बारे में गहन अंतर्दृष्टि प्रदान करती है, जो भारत अपने पड़ोसियों, पहले और दूसरे विश्व राष्ट्रों के साथ साझा करता है तथा अंतर्राष्ट्रीय समूहों में उनके रुख एवं कद के बारे में भी बताती है। छह इकाइयों तथा 30 अध्यायों में विभाजित यह पुस्तक अंतर्राष्ट्रीय राजनीति और कोविड के बाद के परिदृश्य में दुनिया के पुनर्प्राप्ति पथ का एक समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक को विशेष रूप से यूपीएससी और राज्य सिविल सेवा परीक्षाओं में भाग लेने वाले परीक्षार्थियों के लिए तैयार किया गया है।

Features

•इस पुस्तक में प्रत्येक इकाई के बाद प्रारंभिक प्रश्न और समाधान दिए गए हैं।

•इसमें सही दृष्टिकोण के साथ मुख्य प्रश्न (2011–2021) दिए गए हैं।

इसमें मूल पाठ के साथ बीच–बीच में जानकारी के लिए (FYI), मुख्य विशेषताएँ तथा आईआर शॉट्स बॉक्स में दिए गए हैं।

•इसकी परिशिष्ट इकाई में प्रमुख शब्द, संक्षिप्त रूप, प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ट तथा सूचकांक एवं संयुक्त सैन्य अभ्यासों की सूची शामिल है।

About Author

सौमित्र मोहन(आईएएस,2002) पश्चिम बंगाल में प्रतिनियुक्त हैं।वे वर्तमान में पर्यटन विभाग में सचिव के रूप में कार्यरत हैं। आईएएस बनने से पहले उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय में सहायक क्षेत्रीय निदेशक के रूप में, मेरठ विश्वविद्यालय में राजनीतिक विज्ञान के व्याख्याता के रूप में तथा प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के साथ एक पत्रकार के रूप में काम किया था। ज्वाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से एमए और एम.फिल करने के बाद, उन्हें सेंटर फॉर इंटरनेशनल पॉलिटिक्स ऑर्गनाइजेशन और उसी विश्वविद्यालय के निरस्त्रीकरण द्वारा ‘रिजिम्स इन इंटरनेशनल रिलेशंस: ए स्टडी ऑफ द रिफ्यूजी प्रॉब्लम इन साउथ एशिया ‘ पर उनकी थीसिस के लिए डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया था। डॉ. मोहन ने ‘लाइफ लिंगुआ’, ‘इंडिया अनशील्ड: प्रॉब्लम्स एंड प्रॉपेक्ट्स‘,‘सेलेक्टेड कंटेम्परेरी ऐस्य’, ‘इंडियन पॉलिसी एंड डेवलपमेंट’, ‘इंडियन एंड वर्ल्ड’, और ने ‘व्हाई आर वी बॉर्न’, सहित 15 पुस्तकें लिखी हैं। उनकी कई कृतियों का हिंदी और बांग्ला में अनुवाद भी हो चुका है। उन्हें विभिन्न प्रशासनिक और विकास संबंधी पहलों के साथ उनके उत्कृष्ट योगदान और जुड़ाव के लिए कई राज्य और राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। चंदन झा पश्चिम बंगाल के शिक्षाविद् हैं। उन्होंने विज्ञान एवं शिक्षा में स्नातक किया तथा गणित में स्नातकोत्तर उपाधि भी प्राप्त की है। श्री झा लंबे समय से सिविल सेवा और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उम्मीदवारों के मार्गदर्शन और परामर्श से जुड़े रहे हैं। उन्होंने यूपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विभिन्न पुस्तकों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वर्तमान में वह पश्चिम बंगाल में सेंट पॉल अकादमी के लिए काम करने के साथ-साथ, युवा मस्तिष्कों का भी गहराई से मार्गदर्शन कर रहे हैं।

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