SaleHardback
Aganhindola
₹295 ₹207
Save: 30%
Aupniveshik Bharat Mein Vigan, Praudyogiki Aur Aayurvigyan
₹299 ₹209
Save: 30%
Ambar Mein Ababeel
Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
उदय प्रकाश
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Vani Prakashan
Author:
उदय प्रकाश
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹199 ₹198
Save: 1%
In stock
Ships within:
1-4 Days
In stock
ISBN:
SKU
9789389012224
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
152
‘अपने समय के बेचैन यथार्थ पर सदा पैनी निगाह रखने वाले उदय प्रकाश ‘प्रतिरोध के यथार्थ’ के भारतीय स्तर के प्रतिबद्ध लेखक हैं। सन्त तुकाराम और प्रेमचन्द की परम्परा के संवाहक उदय प्रकाश शब्द का प्रयोग शस्त्र की तरह करते हैं।’ -सतीश कालसेकर
܀܀܀
‘शक्तिशाली सत्ता के नाम एक ‘चिट्ठी’। निजी नहीं, सार्वजनिक। जिसमें ‘एकालाप’ भी ‘समूहगान’ हो सकता है। यह भाषा का छल नहीं, भाषा की ताक़त है।’ -परमानन्द श्रीवास्तव
܀܀܀
‘राजनीतिक विषयों पर भी अ-राजनीतिक ढंग में अभिव्यक्ति का कौशल उदय प्रकाश की विशेषता है।’ -केदारनाथ सिंह
܀܀܀
‘किसी भी यातना को कवि, बिना उस यातना से मानसिक रूप से गुज़रे हुए, प्रेषित नहीं कर सकता। उदय प्रकाश की कविताएँ इसकी दुर्लभ मिसाल हैं।’ -सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
܀܀܀
’उदय प्रकाश अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी से नहीं भागते। वे भाषा के दुरुपयोग का प्रतिरोध करते हैं। ‘-अशोक वाजपेयी
Be the first to review “Ambar Mein Ababeel” Cancel reply
Description
‘अपने समय के बेचैन यथार्थ पर सदा पैनी निगाह रखने वाले उदय प्रकाश ‘प्रतिरोध के यथार्थ’ के भारतीय स्तर के प्रतिबद्ध लेखक हैं। सन्त तुकाराम और प्रेमचन्द की परम्परा के संवाहक उदय प्रकाश शब्द का प्रयोग शस्त्र की तरह करते हैं।’ -सतीश कालसेकर
܀܀܀
‘शक्तिशाली सत्ता के नाम एक ‘चिट्ठी’। निजी नहीं, सार्वजनिक। जिसमें ‘एकालाप’ भी ‘समूहगान’ हो सकता है। यह भाषा का छल नहीं, भाषा की ताक़त है।’ -परमानन्द श्रीवास्तव
܀܀܀
‘राजनीतिक विषयों पर भी अ-राजनीतिक ढंग में अभिव्यक्ति का कौशल उदय प्रकाश की विशेषता है।’ -केदारनाथ सिंह
܀܀܀
‘किसी भी यातना को कवि, बिना उस यातना से मानसिक रूप से गुज़रे हुए, प्रेषित नहीं कर सकता। उदय प्रकाश की कविताएँ इसकी दुर्लभ मिसाल हैं।’ -सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
܀܀܀
’उदय प्रकाश अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी से नहीं भागते। वे भाषा के दुरुपयोग का प्रतिरोध करते हैं। ‘-अशोक वाजपेयी
About Author
उदय प्रकाश 1952, मध्य प्रदेश के शहडोल (अब अनूपपुर) ज़िले के गाँव सीतापुर में जन्म। सागर वि.वि. सागर और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नयी दिल्ली से शिक्षा प्राप्त। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और इसके मणिपुर केन्द्र में लगभग चार वर्ष तक अध्यापन। संस्कृति विभाग, मध्य प्रदेश, भोपाल में लगभग दो वर्ष विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी। इसी दौरान ‘पूर्वग्रह’ का सहायक सम्पादन। नौ वर्षों तक टाइम्स ऑफ़ इण्डिया के समाचार पाक्षिक ‘दिनमान’ के सम्पादकीय विभाग में नौकरी। बीच में एक वर्ष टाइम्स रिसर्च फ़ाउंडेशन के स्कूल ऑफ़ सोशल जर्नलिज्म में अध्यापन। लगभग दो वर्ष पी.टी.आई. (टेलीविज़न) और एक वर्ष इंडिपेंडेंट टेलीविज़न में विचार और पटकथा प्रमुख। कुछ समय ‘संडे मेल’ में वरिष्ठ सहायक सम्पादक रहे। इन दिनों स्वतन्त्र लेखन तथा फ़िल्म और मीडिया के लिए लेखन। ‘सुनो कारीगर’, ‘अबूतर-कबूतर’, ‘रात में हारमोनियम, ‘एक भाषा हुआ करती है’, ‘नयी सदी के लिए चयन: पचास कविताएँ’ (कविता संग्रह); ‘दरियाई घोड़ा’, ‘तिरिछ’, ‘और अन्त में प्रार्थना’, ‘पॉल गोमरा का स्कूटर’, ‘पीली छतरी वाली लड़की’, ‘दत्तात्रोय के दुख’, ‘मोहन दास’, ‘अरेबा परेबा’, ‘मैंगोसिल’ (कहानी संग्रह); ‘ईश्वर की आँख’, ‘अपनी उनकी बात’ और ‘नयी सदी का पंचतन्त्र’ (निबन्ध, आलोचना) पुस्तकें प्रकाशित। इसके अलावा लगभग 8 पुस्तकें अंग्रेज़ी में प्रकाशित। ‘पीली छतरी वाली लड़की’ (उर्दू), ‘तिरिछ अणि इतर कथा’, ‘अरेबा परेबा’ (मराठी), ‘मोहन दास’ कन्नड़ में प्रकाशित, पंजाबी, उड़िया, अंग्रेज़ी में प्रकाश्य। ‘लाल घास पर नीले घोड़े’ (मिखाइल शात्रोव के नाटक का अनुवाद और रूपान्तर), ‘कला अनुभव’ (प्रो. हरियन्ना की सौन्दर्यशास्त्रीय पुस्तक का अनुवाद), ‘इन्दिरा गाँधी की आखिरी लड़ाई’ (बी.बी.सी. संवाददाता मार्क टली-सतीश जैकब की किताब का हिन्दी अनुवाद), ‘रोम्यां रोलां का भारत’ (आंशिक अनुवाद और सम्पादन) का अनुवाद। भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार, ओमप्रकाश साहित्य सम्मान, श्रीकान्त वर्मा स्मृति पुरस्कार, मुक्तिबोध पुरस्कार, साहित्यकार सम्मान, हिन्दी अकादेमी, दिल्ली, रामकृष्ण जयदयाल सद्भावना सम्मान, पहल सम्मान, कथाक्रम सम्मान, पुश्किन सम्मान, द्विजदेव सम्मान, साहित्य अकादेमी पुरस्कारों से पुरस्कृत।
Reviews
There are no reviews yet.
Be the first to review “Ambar Mein Ababeel” Cancel reply
[wt-related-products product_id="test001"]
Related products
RELATED PRODUCTS
Ganeshshankar Vidyarthi – Volume 1 & 2
Save: 30%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Reviews
There are no reviews yet.