SaleHardback
Akshayvat
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
नासिरा शर्मा
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
नासिरा शर्मा
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹695 ₹487
Save: 30%
In stock
Ships within:
1-4 Days
In stock
ISBN:
SKU
9789357759120
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
504
अक्षयवट हिन्दी की प्रख्यात कथा लेखिका नासिरा शर्मा का नवीनतम उपन्यास है। दरअसल अक्षयवट प्रतीक है उस अविराम भावधारा का उस अक्षर विरासत का, जिसका शहर इलाहाबाद की धमनियों में निरन्तर विस्तार है। कहना होगा कि नासिरा जी के इस अक्षयवट उपन्यास में इलाहावाद शहर अपने सारे नये-पुराने चटक-मद्धिम रंगों और आयामों के साथ जीवन्त रूप में उपस्थित है। इसमें शहर की धड़कन में रची-बसी ऐसी युवा जिन्दगियों की मर्मस्पर्शी कहानी है जो विरासत में मिली तमाम उपलब्धियों के बावजूद वर्तमान व्यवस्था की सहाय और आपाधापी में अवसाद-भरी जिन्दगी जीने के लिए अभिशप्त हैं। निस्सन्देह नासिरा शर्मा ने अपने इस उपन्यास के माध्यम से जीवन की गहन जकड़न और समय की विसंगतियों को पहचानने और उनसे मुठभेड़ करने की कोशिश की है।… वास्तव में अक्षयवट को पढ़ना एक बनती-बिगड़ती और बदरंग होती सभ्यता से साक्षात्कार करना भी है।
Be the first to review “Akshayvat” Cancel reply
Description
अक्षयवट हिन्दी की प्रख्यात कथा लेखिका नासिरा शर्मा का नवीनतम उपन्यास है। दरअसल अक्षयवट प्रतीक है उस अविराम भावधारा का उस अक्षर विरासत का, जिसका शहर इलाहाबाद की धमनियों में निरन्तर विस्तार है। कहना होगा कि नासिरा जी के इस अक्षयवट उपन्यास में इलाहावाद शहर अपने सारे नये-पुराने चटक-मद्धिम रंगों और आयामों के साथ जीवन्त रूप में उपस्थित है। इसमें शहर की धड़कन में रची-बसी ऐसी युवा जिन्दगियों की मर्मस्पर्शी कहानी है जो विरासत में मिली तमाम उपलब्धियों के बावजूद वर्तमान व्यवस्था की सहाय और आपाधापी में अवसाद-भरी जिन्दगी जीने के लिए अभिशप्त हैं। निस्सन्देह नासिरा शर्मा ने अपने इस उपन्यास के माध्यम से जीवन की गहन जकड़न और समय की विसंगतियों को पहचानने और उनसे मुठभेड़ करने की कोशिश की है।… वास्तव में अक्षयवट को पढ़ना एक बनती-बिगड़ती और बदरंग होती सभ्यता से साक्षात्कार करना भी है।
About Author
नासिरा शर्मा : 1918, इलाहावाद । शिक्षा एम.ए. (फ़ारसी) । हिन्दी, उर्दू, फ़ारसी, अंग्रेज़ी, पश्तो पर गहरी पकड़। ईरानी समाज और राजनीति के अतिरिक्त साहित्य, कला व संस्कृति विषयों की विशेषज्ञ। ईरानी युद्धवन्दियों पर जर्मन व फ्रेंच टी.वी. के लिए बनी फिल्म में महत्त्वपूर्ण योगदान। सृजनात्मक लेखक के साथ ही स्वतन्त्र पत्रकारिता में भी संलग्न रहीं।
Reviews
There are no reviews yet.
Be the first to review “Akshayvat” Cancel reply
[wt-related-products product_id="test001"]
Related products
RELATED PRODUCTS
Horaratnam of Srimanmishra Balabhadra (Vol. 2): Hindi Vyakhya
Save: 20%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Sacred Books of the East (50 Vols.)
Save: 10%
Reviews
There are no reviews yet.