Aaryon ka Adidesh Bharat

Publisher:
Aryan Books International
| Author:
B.B. Lal
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Aryan Books International
Author:
B.B. Lal
Language:
Hindi
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Hardback

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80

प्रोफेसर बी बी लाल ने प्राचीन भारतीय इतिहास और संस्कृति से संबंधित विभिन्न विषयों पर विस्तार से लिखा है। इनमें भारत के आर्य आक्रमण जैसे सदाबहार विषय शामिल हैं।इस पुस्तक में आर्य समस्या के लगभग सभी संबंधित पहलुओं को शामिल किया गया है जैसे कि भारत पर आर्यों का आक्रमण, और उसका विकल्प, भारत में आर्यों का प्रवास। यह पुस्तक बताती है कि ये सभी सिद्धांत मौलिक रूप से गलत हैं। इसके अनुसार आर्य भारत के मूल निवासी थे।
एक उत्कृश्ट मानचित्र के साथ, प्रो लाल ने प्रदर्शित किया कि ऋग्वेद और हड़प्पा सभ्यता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।

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Description

प्रोफेसर बी बी लाल ने प्राचीन भारतीय इतिहास और संस्कृति से संबंधित विभिन्न विषयों पर विस्तार से लिखा है। इनमें भारत के आर्य आक्रमण जैसे सदाबहार विषय शामिल हैं।इस पुस्तक में आर्य समस्या के लगभग सभी संबंधित पहलुओं को शामिल किया गया है जैसे कि भारत पर आर्यों का आक्रमण, और उसका विकल्प, भारत में आर्यों का प्रवास। यह पुस्तक बताती है कि ये सभी सिद्धांत मौलिक रूप से गलत हैं। इसके अनुसार आर्य भारत के मूल निवासी थे।
एक उत्कृश्ट मानचित्र के साथ, प्रो लाल ने प्रदर्शित किया कि ऋग्वेद और हड़प्पा सभ्यता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।

About Author

प्रोफेसर ब्रज बासी लाल, एक विश्व प्रसिद्ध पुरातत्त्ववेत्ता, जिनका जन्म 02 मई 1921 में हुआ था, पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक 1968 से 1972 तक रहे। उन्होंने जिन जगहों का उत्खनन व अन्वेशण किया, उनके नाम हैं शिशुपालगढ़ (1948), महाभारत से जुड़े स्थल हस्तिनापुर, इंद्रप्रस्थ इत्यादि (1952-53), मिस्र में नूबिया (1960), कालीबंगन (1961-69), और रामायण से जुड़े स्थल अयोध्या इत्यादि (1975-82)।उनकी पुस्तकों में द अर्लियेस्ट सिविलाइजेशन ऑफ साउथ एशिया (1997); इंडिया 1947-97: न्यू लाइट आन द इंडस सिविलाइजेषन (1998); द सरस्वती फ्रलोज ऑन : द काॅन्टिनुइटी ऑफ इंडियन कल्चर (2002); हाउ डीप आर द रूट्स ऑफ इंडियन सिविलाइजेशन? आर्केलाॅजी आंसर्स (2009); ऋग्वैदिक पीपुलः ‘इनवेडर्स’?/ ‘इमिग्रेंट्स’?/और इंडिजेनस? (2015); महाभारत की ऐतिहासिकताः साहित्य, कला और पुरातत्व के साक्ष्य (2019); द मार्च टुवर्ड्स अर्बनाइज़ेशन इन द गंगा बेसिन (2019); और अन्य हैं।

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