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Aalap Mein Girah (HB)
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Aalochana Aur Samvad (HB)
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Aalap Mein Girah (PB)
Publisher:
Rajkamal
| Author:
Geet Chaturvedi
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Rajkamal
Author:
Geet Chaturvedi
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹199 ₹198
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ISBN:
SKU
9789389598698
Category Hindi
Category: Hindi
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अपनी प्रतिबद्ध विवेकशील विश्वचेतना में रघुवीर सहाय के बाद की समर्थ हिन्दी कविता समसामयिक, प्रतिभावान युवा कवियों द्वारा इस कदर समृद्ध और अग्रेषित की जा रही है कि अपने पाठक, आस्वादक, समीक्षक और विश्लेषक के सामने अपूर्व, कभी-कभी तरद्दुद और सांसत में डाल देनेवाली, किन्तु शायद हमेशा रोमांचक चुनौतियाँ खड़ी करती जाती है।
गीत चतुर्वेदी की ये कविताएँ राष्ट्र ओर व्यक्ति-दशा (‘स्टेट ऑफ़ द नेशन एंड द इंडीविजुअल’) की कविताएँ हैं।
उनकी काव्य-निर्मित और शिल्प की एक सिफ़त यह भी है कि वे ‘यथार्थ’ और ‘कल्पित’, ठोस और अमूर्त, संगत से विसंगत, रोज़मर्रा से उदात की बहुआयामी यात्रा एक ही कविता में उपलब्ध कर लेते हैं।
इतिहास से गुज़रने का उनका तरीक़ा कुछ-कुछ चार्ली चैप्लिन-सा है और कुछ काल-यात्री (टाइम ट्रैवलर) सरीखा है…
भारतीय समाज के लुच्चाकरण और अमानवीयता पर जो बहुत कम हिन्दी कवि नज़र रखे हुए हैं, गीत चतुर्वेदी उनमें भी एक निर्भीक यथार्थवादी हैं।
—विष्णु खरे
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Description
अपनी प्रतिबद्ध विवेकशील विश्वचेतना में रघुवीर सहाय के बाद की समर्थ हिन्दी कविता समसामयिक, प्रतिभावान युवा कवियों द्वारा इस कदर समृद्ध और अग्रेषित की जा रही है कि अपने पाठक, आस्वादक, समीक्षक और विश्लेषक के सामने अपूर्व, कभी-कभी तरद्दुद और सांसत में डाल देनेवाली, किन्तु शायद हमेशा रोमांचक चुनौतियाँ खड़ी करती जाती है।
गीत चतुर्वेदी की ये कविताएँ राष्ट्र ओर व्यक्ति-दशा (‘स्टेट ऑफ़ द नेशन एंड द इंडीविजुअल’) की कविताएँ हैं।
उनकी काव्य-निर्मित और शिल्प की एक सिफ़त यह भी है कि वे ‘यथार्थ’ और ‘कल्पित’, ठोस और अमूर्त, संगत से विसंगत, रोज़मर्रा से उदात की बहुआयामी यात्रा एक ही कविता में उपलब्ध कर लेते हैं।
इतिहास से गुज़रने का उनका तरीक़ा कुछ-कुछ चार्ली चैप्लिन-सा है और कुछ काल-यात्री (टाइम ट्रैवलर) सरीखा है…
भारतीय समाज के लुच्चाकरण और अमानवीयता पर जो बहुत कम हिन्दी कवि नज़र रखे हुए हैं, गीत चतुर्वेदी उनमें भी एक निर्भीक यथार्थवादी हैं।
—विष्णु खरे
About Author
गीत चतुर्वेदी
27 नवम्बर, 1977 को मुम्बई में जन्मे गीत चतुर्वेदी को हिन्दी के सबसे ज़्यादा पढ़े जाने वाले समकालीन लेखकों में से एक माना जाता है। उनकी बारह किताबें प्रकाशित हैं, जिनमें दो कहानी-संग्रह, तीन कविता-संग्रह और उपन्यास ‘सिमसिम’ शामिल हैं। उनके कविता-संग्रह ‘न्यूनतम मैं’ और ‘ख़ुशियों के गुप्तचर’ हिन्दी की बेस्टसेलर सूचियों में शामिल रहे। ‘टेबल लैम्प’ और ‘अधूरी चीज़ों का देवता’ साहित्य, सिनेमा व संगीत पर लिखे उनके निबन्धों के संग्रह हैं।
कविता के लिए उनको ‘भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार’, ‘स्पंदन कृति सम्मान’, ‘वाग्धारा नवरत्न सम्मान’ तथा गल्प के लिए ‘कृष्णप्रताप कथा सम्मान’, ‘शैलेश मटियानी कथा सम्मान’, ‘कृष्ण बलदेव वैद फ़ेलोशिप’ और ‘सैयद हैदर रज़ा फ़ेलोशिप’ मिल चुके हैं। हिन्दी साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें ‘वातायन-यूके’ द्वारा ‘वातायन अन्तरराष्ट्रीय साहित्य सम्मान’ दिया गया है। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ सहित कई प्रकाशन संस्थानों ने उन्हें भारतीय भाषाओं के सर्वश्रेष्ठ लेखकों में शुमार किया है।
उनकी रचनाएँ देश-दुनिया की 24 भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं। उनकी कविताओं के अंग्रेज़ी अनुवाद का संग्रह ‘द मेमरी ऑफ़ नाउ’ 2019 में अमेरिका से प्रकाशित हुआ। उनके उपन्यास ‘सिमसिम’ के अंग्रेज़ी अनुवाद को (अनुवादक : अनिता गोपालन) ‘पेन अमेरिका’ ने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित ‘पेन-हैम ट्रांसलेशन ग्रांट’ अवार्ड किया है। 2023 में ‘सिमसिम’ को ‘जेसीबी प्राइज़ फ़ॉर लिटरेचर’ की दीर्घ-सूची में शामिल किया गया।
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