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Aadhunik Kala Aandolan : Vishva Kala Ki Aadhunik Yatra : 1400 1965 Hard Cover
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Aadhunik Kala Aandolan : Vishva Kala Ki Aadhunik Yatra : 1400 1965 (PB)
Publisher:
Rajkamal
| Author:
Jyotish Joshi
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Rajkamal
Author:
Jyotish Joshi
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹495 ₹347
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ISBN:
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9788119028139
Category Hindi
Category: Hindi
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आधुनिक कला आन्दोलन विश्व कला को आधुनिक बनाने के क्रम में हुए पश्चिमी कला आन्दोलनों पर आधारित पुस्तक है जिसमें सन् 1400 से 1965 तक, लगभग छह सौ वर्षों का कला-इतिहास है। दो खंडों में विन्यस्त इस पुस्तक का पहला खंड है—पश्चिमी कला आन्दोलन’ जिसमें पुनर्जागरणकालीन कला से लेकर अतियथार्थवादी कला आन्दोलन तक—सभी कला आन्दोलनों के जन्म की पृष्ठभूमि, प्रवृत्तिगत और शैलीगत वैशिष्ट्य की विवेचना है, साथ ही, लियोनार्दो दा विंची और माइकेल एंजेलो से वान गॉग, फ्रिदा काहलो, पिकासो और डाली तक, उन सभी प्रतिनिधि कलाकारों के अवदान का मूल्यांकन है जो उन आन्दोलनों में शामिल थे और जिनके प्रयत्नों से कला ने वैश्विकता पाई और आधुनिक दृष्टियों से उसका नवाचार हुआ।
पुस्तक के दूसरे खंड—आधुनिक भारतीय कला में बंगाल कला आन्दोलन जैसे पहले और एकमात्र भारतीय कला आन्दोलन सहित बाद में बने प्रभावी कला-समूहों का परिचयात्मक इतिवृत्त है। इसके साथ रवि वर्मा, अवनीन्द्रनाथ ठाकुर, नन्दलाल बोस और अमृता शेरगिल से हुसेन, रज़ा, सूज़ा और जगदीश स्वामीनाथन तक। उन सभी महत्त्वपूर्ण कलाकारों के वैशिष्ट्य का परिचय भी है जिन्होंने भारतीय कला को आधुनिक रूप दिया है। इस खंड में कला अकादमियों के गठन और प्रभाव का आकलन करने के साथ-साथ पुस्तक के उपसंहार में आधुनिक भारतीय कला में उपलब्धि के मानक बने उन कलाकारों की भी चर्चा है जो किसी समूह का हिस्सा नहीं रहे।
वस्तुत: यह पुस्तक हिन्दी में लिखित कला-इतिहास और आलोचना का वह जरूरी काम है जिसका लम्बे समय से अभाव था। निश्चय ही यह पुस्तक कला के साथ-साथ उन सभी अनुशासनों में रुचि रखनेवालों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी जो उन्हें उनके वैश्विक परिदृश्य के साथ समझना चाहते हैं।
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Description
आधुनिक कला आन्दोलन विश्व कला को आधुनिक बनाने के क्रम में हुए पश्चिमी कला आन्दोलनों पर आधारित पुस्तक है जिसमें सन् 1400 से 1965 तक, लगभग छह सौ वर्षों का कला-इतिहास है। दो खंडों में विन्यस्त इस पुस्तक का पहला खंड है—पश्चिमी कला आन्दोलन’ जिसमें पुनर्जागरणकालीन कला से लेकर अतियथार्थवादी कला आन्दोलन तक—सभी कला आन्दोलनों के जन्म की पृष्ठभूमि, प्रवृत्तिगत और शैलीगत वैशिष्ट्य की विवेचना है, साथ ही, लियोनार्दो दा विंची और माइकेल एंजेलो से वान गॉग, फ्रिदा काहलो, पिकासो और डाली तक, उन सभी प्रतिनिधि कलाकारों के अवदान का मूल्यांकन है जो उन आन्दोलनों में शामिल थे और जिनके प्रयत्नों से कला ने वैश्विकता पाई और आधुनिक दृष्टियों से उसका नवाचार हुआ।
पुस्तक के दूसरे खंड—आधुनिक भारतीय कला में बंगाल कला आन्दोलन जैसे पहले और एकमात्र भारतीय कला आन्दोलन सहित बाद में बने प्रभावी कला-समूहों का परिचयात्मक इतिवृत्त है। इसके साथ रवि वर्मा, अवनीन्द्रनाथ ठाकुर, नन्दलाल बोस और अमृता शेरगिल से हुसेन, रज़ा, सूज़ा और जगदीश स्वामीनाथन तक। उन सभी महत्त्वपूर्ण कलाकारों के वैशिष्ट्य का परिचय भी है जिन्होंने भारतीय कला को आधुनिक रूप दिया है। इस खंड में कला अकादमियों के गठन और प्रभाव का आकलन करने के साथ-साथ पुस्तक के उपसंहार में आधुनिक भारतीय कला में उपलब्धि के मानक बने उन कलाकारों की भी चर्चा है जो किसी समूह का हिस्सा नहीं रहे।
वस्तुत: यह पुस्तक हिन्दी में लिखित कला-इतिहास और आलोचना का वह जरूरी काम है जिसका लम्बे समय से अभाव था। निश्चय ही यह पुस्तक कला के साथ-साथ उन सभी अनुशासनों में रुचि रखनेवालों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी जो उन्हें उनके वैश्विक परिदृश्य के साथ समझना चाहते हैं।
About Author
ज्योतिष जोशी
साहित्य, कला और रंगमंच के प्रतिष्ठित आलोचक ज्योतिष जोशी का जन्म 6 अप्रैल, 1965 को बिहार के गोपालगंज जिले के धर्मगता गाँव में हुआ। उच्च शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय तथा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से प्राप्त हुई।
अब तक उनकी 24 मौलिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें कला सम्बन्धी प्रमुख कृतियाँ हैं—‘भारतीय कला के हस्ताक्षर’, ‘आधुनिक भारतीय कला’, ‘रूपंकर, कृति आकृति’, ‘दृश्यान्तर’, ‘बहुव्रीहि’ और ‘आधुनिक कला आन्दोलन’।
उन्होंने रचनावली, संचयिता समेत कई और ग्रन्थों का सम्पादन भी किया है; जिनमें ‘कलाकार निर्देशिका’, ‘कला विचार’, ‘कला परम्परा’ तथा ‘कला पद्धति’ शामिल हैं।
कई सम्मानों, पुरस्कारों एवं वरिष्ठ अध्येता वृत्तियों से नवाजे जा चुके श्री जोशी ललित कला अकादेमी, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार में सम्पादक पद पर स्थायी रूप से रहे। अकादेमी के कार्यकारी सचिव का दायित्व भी निभाया है। ये कलाओं के समवेत मंच ‘अन्तर्यात्रा’ के अध्यक्ष भी हैं।
इन दिनों वे नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), नई दिल्ली में सीनियर फेलो हैं।
ई-मेल : jyotishjoshi@gmail.com
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