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1000 Arthshastra Prashnottari
Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Dilip Pipada
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Prabhat Prakashan
Author:
Dilip Pipada
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹350 ₹245
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Book Type |
---|
ISBN:
Categories: General Fiction, Hindi
Page Extent:
184
किसी भी समाज अथवा देश का आर्थिक दृष्टि से संपन्न – समर्थ होना अति आवश्यक होता है । यानी किसी भी समाज व देश की आर्थिक सबलता उसके नागरिकों के अर्थ संबंधी ज्ञान से जुड़ी होती है । अर्थशास्त्र से हमें ऐसा ही ज्ञान प्राप्त होता है । प्रस्तुत पुस्तक हमें देश की आर्थिक स्थिति व अर्थव्यवस्था के संबंध में ढेरों जानकारियाँ देती है । अर्थशास्त्र संबंधित विभिन्न विषयों को 1000 प्रश्नों के अंतर्गत समाहित किया गया है । इसमें भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास और वर्तमान, प्रति व्यक्ति आय, सूचकांक, सकल घरेलू उत्पाद, आयात – निर्यात, विकास, स्थिरता, निर्धनता, पंचवर्षीय योजनाओं आदि के संबंध में अनेकानेक सूक्ष्म जानकारियाँ प्राप्त होती हैं । विश्वास है, इस पुस्तक को पढ़कर पाठकगण अर्थशास्त्र संबंधी अपने ज्ञान में वृद्धि ही नहीं, समृद्धि भी करेंगे ।.
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Prashnottari” Cancel reply
Description
किसी भी समाज अथवा देश का आर्थिक दृष्टि से संपन्न – समर्थ होना अति आवश्यक होता है । यानी किसी भी समाज व देश की आर्थिक सबलता उसके नागरिकों के अर्थ संबंधी ज्ञान से जुड़ी होती है । अर्थशास्त्र से हमें ऐसा ही ज्ञान प्राप्त होता है । प्रस्तुत पुस्तक हमें देश की आर्थिक स्थिति व अर्थव्यवस्था के संबंध में ढेरों जानकारियाँ देती है । अर्थशास्त्र संबंधित विभिन्न विषयों को 1000 प्रश्नों के अंतर्गत समाहित किया गया है । इसमें भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास और वर्तमान, प्रति व्यक्ति आय, सूचकांक, सकल घरेलू उत्पाद, आयात – निर्यात, विकास, स्थिरता, निर्धनता, पंचवर्षीय योजनाओं आदि के संबंध में अनेकानेक सूक्ष्म जानकारियाँ प्राप्त होती हैं । विश्वास है, इस पुस्तक को पढ़कर पाठकगण अर्थशास्त्र संबंधी अपने ज्ञान में वृद्धि ही नहीं, समृद्धि भी करेंगे ।.
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