Mahadevi Varma

महादेवी वर्मा का जन्म 27 मार्च 1907 को फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। वे हिंदी साहित्य की एक प्रसिद्ध कवयित्री, लेखिका, शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता थीं। “वीणावादिनी” के नाम से प्रसिद्ध महादेवी जी ने अपनी रचनाओं में प्रेम, रहस्यवाद, प्रकृति, दर्शन, सामाजिक यथार्थ और राष्ट्रीय चेतना जैसे विषयों को छुआ।

उन्होंने अपनी शिक्षा फर्रुखाबाद में शुरू की और इंट्रेंस परीक्षा में प्रथम श्रेणी प्राप्त की।1927 में इंटर, 1929 में बी.ए., और 1932 में प्रयाग विश्वविद्यालय से संस्कृत में एम.ए. किया।

कार्यकाल:

  • प्रयाग महिला विद्यापीठ में प्रधानाचार्य (1940-1959) और 1960 में कुलपति
  • ‘चाँद’ का सम्पादन (1953-1955)
  • ‘विश्ववाणी’ के ‘युद्ध अंक’ का सम्पादन (1942)
  • ‘साहित्यकार’ का प्रकाशन और सम्पादन (1956-1960)
  • नाट्य संस्थान ‘रंगवाणी’ की स्थापना (1951)

पुरस्कार और सम्मान:

  • ज्ञानपीठ पुरस्कार (1966) – “दीपशिखा” के लिए
  • नीरजा पर ‘सेकसरिया पुरस्कार’
  • स्मृति की रेखाएँ पर ‘द्विवेदी पदक’
  • मंगलाप्रसाद पारितोषिक
  • उत्तर प्रदेश सरकार का ‘विशिष्ट पुरस्कार’
  • उ.प्र. हिंदी संस्थान का ‘भारत भारती पुरस्कार’
  • भारत सरकार की ओर से ‘पद्मभूषण’ (1956) और ‘पद्मविभूषण’ (1968)
  • विक्रम, कुमाऊँ, दिल्ली, बनारस विश्वविद्यालयों से डी.लिट्. की उपाधि
  • ‘साहित्य अकादेमी’ की सम्मानित सदस्या

निधन:

महादेवी वर्मा का निधन 11 सितंबर 1987 को हुआ।

महादेवी वर्मा हिंदी साहित्य की एक अग्रणी महिला लेखिका थीं। उनकी रचनाओं में गीतात्मकता, प्रतीकात्मकता, कल्पनाशीलता और भावनाओं की तीव्रता देखने को मिलती है। उन्होंने न केवल कविता में, बल्कि निबंध, कहानी, नाटक, और आलोचना जैसी विधाओं में भी योगदान दिया। वे एक प्रेरणादायी व्यक्तित्व थीं जिन्होंने महिलाओं के अधिकारों और सामाजिक न्याय के लिए भी आवाज उठाई।

प्रमुख कृतियां:

कविता-संग्रह:

  • नीहार
  • रश्मि
  • नीरजा
  • सांध्यगीत
  • दीपशिखा
  • प्रथम आयाम
  • अग्निरेखा
  • यात्रा

अन्य रचनाएं:

  • अतीत के चलचित्र
  • शृंखला की कड़ियाँ
  • स्मृति की रेखाएँ
  • पथ के साथी (रेखाचित्र)
  • क्षणदा
  • साहित्यकार की आस्था
  • संकल्पित (निबन्ध)
  • मेरा परिवार (संस्मरण)
  • सम्भाषण (भाषण)
  • चिन्तन के क्षण (रेडियो वार्ता)

 

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