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Dil Ki Khidki Mein Tanga Turkey
Publisher:
Sahitya Vimarsh
| Author:
Rupali Nagar 'Sanjha'
| Language:
HIndi
| Format:
Paperback
Publisher:
Sahitya Vimarsh
Author:
Rupali Nagar 'Sanjha'
Language:
HIndi
Format:
Paperback
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PIDILTURKEY
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
175
अपनी पहली साँस से लेकर अंतिम साँस तक यूँ तो हर कोई अपनी एक नियत जीवन यात्रा से गुजरता है। चाहे वो उतार-चढ़ाव वाली हो, घुमावदार हो या सीधी सपाट। इस मायने में हर इंसान सैलानी ठहरा। लेकिन ताज्जुब ये कि अंतिम पड़ाव तक पहुँच जाने पर भी उनमें से अधिकतर ये जान नहीं पाते कि वो एक सुहाने सफ़र का हिस्सा थे। वे बस चलते चले जाते हैं, ऐसे जैसे चलता रहता है कोल्हू का बैल कोई। इस चलने में तेल तो बनता रहता है, पता पर उनको चलता नहीं, ना ही उनकी देह के काम आ पाता है। दुनिया मगर इन जैसों के काँधों पर बैठ नहीं चलती। अपने धुर विगत इतिहास से लेकर अब तक, वो चलती-बढ़ती रही है उन खोजी-मनमौजी घुमंतु लोगों की बदौलत जो दूर-दूर तक ना जाने किस अनंत की तलाश में अथक रास्ते नापते रहे हैं। हमारे पुरखों की उन यात्राओं से ही हमारी दुनिया का ये वर्तमान नक्शा उजागर हुआ है। मेरी यह यात्रा भी उनके नक्शे-कदम पर चलकर उनकी यात्रा को एक कदम और आगे बढ़ाने की एक कोशिश थी। इस यात्रा वृत्तांत में दुनिया के इसी नक्शे पर ठीक दिल की जगह बसे देश तुर्की का बखान है। मैं उम्मीद करती हूँ ग्लोब का ये अनूठा दिल मेरे दिल की खिड़की में टँगकर विंडचाइम की मीठी ध्वनि की तरह आपका दिल लुभाएगा।
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Description
अपनी पहली साँस से लेकर अंतिम साँस तक यूँ तो हर कोई अपनी एक नियत जीवन यात्रा से गुजरता है। चाहे वो उतार-चढ़ाव वाली हो, घुमावदार हो या सीधी सपाट। इस मायने में हर इंसान सैलानी ठहरा। लेकिन ताज्जुब ये कि अंतिम पड़ाव तक पहुँच जाने पर भी उनमें से अधिकतर ये जान नहीं पाते कि वो एक सुहाने सफ़र का हिस्सा थे। वे बस चलते चले जाते हैं, ऐसे जैसे चलता रहता है कोल्हू का बैल कोई। इस चलने में तेल तो बनता रहता है, पता पर उनको चलता नहीं, ना ही उनकी देह के काम आ पाता है। दुनिया मगर इन जैसों के काँधों पर बैठ नहीं चलती। अपने धुर विगत इतिहास से लेकर अब तक, वो चलती-बढ़ती रही है उन खोजी-मनमौजी घुमंतु लोगों की बदौलत जो दूर-दूर तक ना जाने किस अनंत की तलाश में अथक रास्ते नापते रहे हैं। हमारे पुरखों की उन यात्राओं से ही हमारी दुनिया का ये वर्तमान नक्शा उजागर हुआ है। मेरी यह यात्रा भी उनके नक्शे-कदम पर चलकर उनकी यात्रा को एक कदम और आगे बढ़ाने की एक कोशिश थी। इस यात्रा वृत्तांत में दुनिया के इसी नक्शे पर ठीक दिल की जगह बसे देश तुर्की का बखान है। मैं उम्मीद करती हूँ ग्लोब का ये अनूठा दिल मेरे दिल की खिड़की में टँगकर विंडचाइम की मीठी ध्वनि की तरह आपका दिल लुभाएगा।
About Author
विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित समसामयिक आलेखों, कविताओं, कहानियों, संस्मरणों एवं हास्य व्यंग्य की अनेक रचनाओं के साथ ही ऑनलाइन डेटिंग अप्रॉक्स 25:35 ( उपन्यास ) इस पार मैं ( काव्य संग्रह ) दिल की खिड़की में टँगा तुर्की ( यात्रा वृत्तांत )
इन तीन किताबों के ज़रिए इस संसार को अपने नज़रिए से थोड़ा सामने रखने के बाद बस इतना ही कि अभी मैं उस पुल की भूमिका में हूँ जो वियतनाम और आपके बीच का फासला मिटा रही है। इसके सिवाय अपनी सारी भूमिकाएँ गिनाना मैं अभी मुल्तवी करती हूँ। इस चाहना के साथ कि इस पुल से गुज़रने के बाद वियतनाम की भूमि पहुँचने पर वहाँ बिताया गया आपका कुछ समय सार्थक और सानंद व्यतीत होगा।
इन तीन किताबों के ज़रिए इस संसार को अपने नज़रिए से थोड़ा सामने रखने के बाद बस इतना ही कि अभी मैं उस पुल की भूमिका में हूँ जो वियतनाम और आपके बीच का फासला मिटा रही है। इसके सिवाय अपनी सारी भूमिकाएँ गिनाना मैं अभी मुल्तवी करती हूँ। इस चाहना के साथ कि इस पुल से गुज़रने के बाद वियतनाम की भूमि पहुँचने पर वहाँ बिताया गया आपका कुछ समय सार्थक और सानंद व्यतीत होगा।
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