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Sambhal Aye Dil
Publisher:
Sahitya Vimarsh
| Author:
Hema Bhisht
| Language:
HIndi
| Format:
Paperback
Publisher:
Sahitya Vimarsh
Author:
Hema Bhisht
Language:
HIndi
Format:
Paperback
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Book Type |
---|
Page Extent:
130
ऑनलाइन फ़्लर्टिंग ऑफ़्लाइन जीवन में कैसी कैसी गुलाटियाँ खिला सकती है इसका छोटा सा सर्कस है ये किताब-सँभल ऐ दिल। सुधा ने मधु की तरफ़ पैनी निग़ाहों से देखते हुए कहा- “मैं उस लड़की से मिलना चाहती थी, जो समीर की ज़िंदगी में मेरी जगह लेना चाहती है।”
मधु ने बेबाक़ी से कहा- “प्यार तो प्यार होता है। शादी से पहले हो या शादी के बाद। प्यार तो एक एहसास है उसे नियम नहीं बाँध सकते। नियम इंसान के क्रियाकलाप को बांधने के लिए होते हैं। तुमने शादी के नियम का इस्तेमाल करके समीर के तन को बाँध लिया, पर महसूस करने से रोकना समाज के किसी नियम के बस में नहीं। प्यार करती हो ना समीर से? ख़ुश देखना चाहती हो ना उसको? मेरी वजह से वो ख़ुश रहता है सुधा। बी थैंकफुल। इंस्टेड ऑफ़ एट्टीट्यूड शो सम ग्रैटीट्यूड।”
समीर को नफ़रत हो रही है सुधा इस दोगलेपन से। एक तरफ कहती है प्यार करती है मुझसे और दूसरी तरफ मेरी ख़ुशी देखी नहीं जाती इससे। क्या समीर सुधा के पास लौटेगा? बिंदास और बेबाक़ मधु के आकर्षण से बाहर आ पाएगा? जवाब जानने के लिए प्रतीक्षा कीजिए साहित्य विमर्श के अगले सेट की
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Description
ऑनलाइन फ़्लर्टिंग ऑफ़्लाइन जीवन में कैसी कैसी गुलाटियाँ खिला सकती है इसका छोटा सा सर्कस है ये किताब-सँभल ऐ दिल। सुधा ने मधु की तरफ़ पैनी निग़ाहों से देखते हुए कहा- “मैं उस लड़की से मिलना चाहती थी, जो समीर की ज़िंदगी में मेरी जगह लेना चाहती है।”
मधु ने बेबाक़ी से कहा- “प्यार तो प्यार होता है। शादी से पहले हो या शादी के बाद। प्यार तो एक एहसास है उसे नियम नहीं बाँध सकते। नियम इंसान के क्रियाकलाप को बांधने के लिए होते हैं। तुमने शादी के नियम का इस्तेमाल करके समीर के तन को बाँध लिया, पर महसूस करने से रोकना समाज के किसी नियम के बस में नहीं। प्यार करती हो ना समीर से? ख़ुश देखना चाहती हो ना उसको? मेरी वजह से वो ख़ुश रहता है सुधा। बी थैंकफुल। इंस्टेड ऑफ़ एट्टीट्यूड शो सम ग्रैटीट्यूड।”
समीर को नफ़रत हो रही है सुधा इस दोगलेपन से। एक तरफ कहती है प्यार करती है मुझसे और दूसरी तरफ मेरी ख़ुशी देखी नहीं जाती इससे। क्या समीर सुधा के पास लौटेगा? बिंदास और बेबाक़ मधु के आकर्षण से बाहर आ पाएगा? जवाब जानने के लिए प्रतीक्षा कीजिए साहित्य विमर्श के अगले सेट की
About Author
सॉफ्टवेयर इंजीनियर रह चुकी लेखिका फ़िलहाल मेलबर्न में रहती है। अपने बारे में बताते हुए वे कहती हैं कि जिस स्नेह और आत्मीयता से इस दुनिया ने मेरे जीवन को पोषित किया है, उसके लिये मैं इसकी ऋणी हूँ। अपने लेखन से कुछ सुन्दरता और सकारात्मक यदि लौटा सकूँ, तो यह कोशिश मुझे ज़रूर करनी चाहिये। मेरे पास जो कुछ है, वो इसी दुनिया से और आप सबसे मिला हुआ है। मैं इससे ज्यादा कहूँ कि मेरे लेखन में तेरा तुझको अर्पण वाला ही भाव प्रधान है।
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