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ANTRANG ALOK
Publisher:
SETU PRAKASHAN
| Author:
TAPAS SEN (TRANSL. SURYANATH SINGH)
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
SETU PRAKASHAN
Author:
TAPAS SEN (TRANSL. SURYANATH SINGH)
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹900 ₹675
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ISBN:
SKU
9789392228315
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
400
तापस सेन की पहचान एक नेपथ्य शिल्पी के तौर पर रही है। वे मंच से बाहर, दर्शकों की नज़र की ओट में ही रहते थे। पादप्रदीप की रोशनी की दरकार नहीं थी वहाँ। हालाँकि केवल पादप्रदीप नहीं, पूरे प्रेक्षागृह की रोशनी को नियन्त्रित करने की ज़िम्मेदारी उन्हीं पर होती थी। मंच की प्रकाश-व्यवस्था को विज्ञान के पर्याय तक पहुँचाया था सतू सेन ने। उनके ही सुयोग्य उत्तराधिकारी तापस सेन उसे शिल्प के स्तर पर उतार कर लाये। उन्होंने विज्ञान और शिल्प को समन्वित कर दिया। इसीलिए वे आलोक शिल्पी थे और शिल्पी होने की वजह से ही उनकी सृजनशीलता में सचेतन भाव से सामाजिक चेतना घुली-मिली थी। इसका प्रमाण उनके रचे दृश्य-काव्य हैं।
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Description
तापस सेन की पहचान एक नेपथ्य शिल्पी के तौर पर रही है। वे मंच से बाहर, दर्शकों की नज़र की ओट में ही रहते थे। पादप्रदीप की रोशनी की दरकार नहीं थी वहाँ। हालाँकि केवल पादप्रदीप नहीं, पूरे प्रेक्षागृह की रोशनी को नियन्त्रित करने की ज़िम्मेदारी उन्हीं पर होती थी। मंच की प्रकाश-व्यवस्था को विज्ञान के पर्याय तक पहुँचाया था सतू सेन ने। उनके ही सुयोग्य उत्तराधिकारी तापस सेन उसे शिल्प के स्तर पर उतार कर लाये। उन्होंने विज्ञान और शिल्प को समन्वित कर दिया। इसीलिए वे आलोक शिल्पी थे और शिल्पी होने की वजह से ही उनकी सृजनशीलता में सचेतन भाव से सामाजिक चेतना घुली-मिली थी। इसका प्रमाण उनके रचे दृश्य-काव्य हैं।
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