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UAJALON KO KHABAR KAR DO
Publisher:
SETU PRAKASHAN
| Author:
BALLI SINGH CHEEMA
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
SETU PRAKASHAN
Author:
BALLI SINGH CHEEMA
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹225 ₹203
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ISBN:
SKU
9788194091042
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
112
उजालों को ख़बर कर दो’ बल्ली सिंह चीमा का पाँचवाँ और नवीनतम संग्रह है। इस नये संग्रह की ग़ज़लें और उसके शेर राजनीतिक समझ और आसपास के वातावरण से उपजे हैं। निश्चित रूप से यह राजनीतिक समझ जन सरोकारों से ओतप्रोत है। जनपक्षी राजनीति और आसपास के परिवेश के चित्र उभारने के कारण चीमा जी का यह संग्रह भी जनता का विश्वास और प्यार पा सकेगा-हमें ऐसा विश्वास है। जनता इससे जुड़ पाएगी। ये ग़ज़लें इश्क और दर्द की परंपरा से बाहर, एक संवेदनशील नागरिक की प्रतिक्रियाएँ हैं। ये प्रतिक्रियाएँ व्यवस्था के विरुद्ध हैं, पर कभी-कभी अभिव्यक्ति के लिए स्पष्टता और सूक्ष्मता के लिए संज्ञाओं का सहारा भी लिया गया है। पिछले संग्रहों की तुलना में, इस संग्रह की भाषा परिपक्व हुई है। आज के सामाजिक-राजनीतिक जीवन की त्रासदियों की गहरी समझ से भी भाषा परिपक्व हुई है और संवेदनात्मक संरचना की गुणात्मक अभिवृद्धि से भी। संभवतः इसीलिए भूमिका में प्रणय कृष्ण ने लिखा है- ” ‘उजालों को ख़बर कर दो’ बल्ली सिंह चीमा की काव्य-यात्रा की नयी मंजिल है। यह संग्रह उनके पाठकों में नयी चेतना का संस्कार करेगा और पहले की तरह ही इस संग्रह की ग़ज़लें भी आज के भारत के जनांदोलनों का कंठहार बनेंगी, इसमें कोई संदेह नहीं।”
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Description
उजालों को ख़बर कर दो’ बल्ली सिंह चीमा का पाँचवाँ और नवीनतम संग्रह है। इस नये संग्रह की ग़ज़लें और उसके शेर राजनीतिक समझ और आसपास के वातावरण से उपजे हैं। निश्चित रूप से यह राजनीतिक समझ जन सरोकारों से ओतप्रोत है। जनपक्षी राजनीति और आसपास के परिवेश के चित्र उभारने के कारण चीमा जी का यह संग्रह भी जनता का विश्वास और प्यार पा सकेगा-हमें ऐसा विश्वास है। जनता इससे जुड़ पाएगी। ये ग़ज़लें इश्क और दर्द की परंपरा से बाहर, एक संवेदनशील नागरिक की प्रतिक्रियाएँ हैं। ये प्रतिक्रियाएँ व्यवस्था के विरुद्ध हैं, पर कभी-कभी अभिव्यक्ति के लिए स्पष्टता और सूक्ष्मता के लिए संज्ञाओं का सहारा भी लिया गया है। पिछले संग्रहों की तुलना में, इस संग्रह की भाषा परिपक्व हुई है। आज के सामाजिक-राजनीतिक जीवन की त्रासदियों की गहरी समझ से भी भाषा परिपक्व हुई है और संवेदनात्मक संरचना की गुणात्मक अभिवृद्धि से भी। संभवतः इसीलिए भूमिका में प्रणय कृष्ण ने लिखा है- ” ‘उजालों को ख़बर कर दो’ बल्ली सिंह चीमा की काव्य-यात्रा की नयी मंजिल है। यह संग्रह उनके पाठकों में नयी चेतना का संस्कार करेगा और पहले की तरह ही इस संग्रह की ग़ज़लें भी आज के भारत के जनांदोलनों का कंठहार बनेंगी, इसमें कोई संदेह नहीं।”
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