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PEHCHAN SERIES 1: IS SANSAR MEIN
Publisher:
SETU PRAKASHAN
| Author:
ASHOK VAJPEYI
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
SETU PRAKASHAN
Author:
ASHOK VAJPEYI
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹1,425 ₹1,069
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In stock
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3-5 Days
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ISBN:
SKU
9789389830958
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
412
मेरे मन में यह अहसास और क्लेश दोनों ही थे कि मेरे अनेक प्रतिभाशाली कवि-मित्रों के संग्रह प्रकाशित नहीं हो पाये थे… मुझे सूझा कि एक ऐसी पत्रिका हिन्दी में निकाली जा सकती है जिसमें युवा कवियों के छोटे-छोटे संग्रह शामिल किये जा सकते हैं।…पहचान के अन्तर्गत चौदह युवा कवियों के पहले कविता-संग्रह प्रकाशित हो सके।…पहचान पर उस समय बहुत उत्साहवर्द्धक प्रतिक्रियाएँ आयी थीं। निर्मल वर्मा, मलयज आदि ने उसकी समीक्षा लिखी थी। श्रीकान्त वर्मा ने तो अपने एक पत्र में यहाँ तक कह डाला था कि पहचान ने उस समय साहित्य के क्षेत्र के शक्ति सन्तुलन को विचलित कर दिया है,… बहुत सारे मित्र और कुछ शोध – छात्र आदि पहचान की प्रतियों की खोज करते मेरे पास आते रहे हैं।….
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Description
मेरे मन में यह अहसास और क्लेश दोनों ही थे कि मेरे अनेक प्रतिभाशाली कवि-मित्रों के संग्रह प्रकाशित नहीं हो पाये थे… मुझे सूझा कि एक ऐसी पत्रिका हिन्दी में निकाली जा सकती है जिसमें युवा कवियों के छोटे-छोटे संग्रह शामिल किये जा सकते हैं।…पहचान के अन्तर्गत चौदह युवा कवियों के पहले कविता-संग्रह प्रकाशित हो सके।…पहचान पर उस समय बहुत उत्साहवर्द्धक प्रतिक्रियाएँ आयी थीं। निर्मल वर्मा, मलयज आदि ने उसकी समीक्षा लिखी थी। श्रीकान्त वर्मा ने तो अपने एक पत्र में यहाँ तक कह डाला था कि पहचान ने उस समय साहित्य के क्षेत्र के शक्ति सन्तुलन को विचलित कर दिया है,… बहुत सारे मित्र और कुछ शोध – छात्र आदि पहचान की प्रतियों की खोज करते मेरे पास आते रहे हैं।….
About Author
अशोक वाजपेयी ने छः दशकों से अधिक कविता, आलोचना, संस्कृति-कर्म, कला-प्रेम और संस्था- निर्माण में बिताये हैं। उनकी लगभग 50 पुस्तकें प्रकाशित हैं जिनमें 19 कविता-संग्रह, 9 आलोचना पुस्तकें एवं संस्मरण, आत्मवृत्त और कभी-कभार से निर्मित अनेक पुस्तकें हैं। उन्होंने विश्व कविता और भारतीय कविता के हिन्दी अनुवाद के और अज्ञेय, शमशेर, मुक्तिबोध, भारत भूषण अग्रवाल की प्रतिनिधि कविताओं के संचयन सम्पादित किये हैं और 5 मूर्धन्य पोलिश कवियों हिन्दी अनुवाद पुस्तकाकार प्रकाशित किये हैं। उनकी कविताओं के पुस्तकाकार अनुवाद अनेक भाषाओं में प्रकाशित हैं। अनेक सम्मानों से विभूषित अशोक वाजपेयी ने भारत भवन भोपाल, महात्मा गाँधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, रज़ा फ़ाउण्डेशन आदि अनेक संस्थाओं की स्थापना और उनका संचालन किया है। उन्होंने साहित्य के अलावा हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत, आधुनिक चित्रकला आदि पर हिन्दी और अँग्रेज़ी में लिखा है।
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