SETU VICHAR FREDRICS ANGLES

Publisher:
Setu Prakashan
| Author:
GOPAL PRADHAN
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Setu Prakashan
Author:
GOPAL PRADHAN
Language:
Hindi
Format:
Paperback

404

Save: 10%

In stock

Ships within:
3-5 Days

In stock

Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9788196187958 Category
Category:
Page Extent:
448

कार्ल मार्क्स के अनन्य साथी एंगेल्स (28 नवम्बर 1820-5 अगस्त 1895) एक जर्मन दार्शनिक और समाजशास्त्री थे। एंगेल्स को मार्क्स के साथ मार्क्सवाद के सह-प्रतिपादन का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने मार्क्स के साथ मिलकर 1848 में ‘कम्युनिस्ट घोषणापत्र’ लिखा। मार्क्स को ‘पूँजी’ (‘दास कैपिटल’) लिखने के लिए प्रेरित किया, आर्थिक सहायता दी। मार्क्स की मृत्यु के बाद ‘पूँजी’ के दूसरे, तीसरे खण्ड का सम्पादन किया। एंगेल्स के पिता प्रोटेस्टेण्ट ईसाई थे और एंगेल्स का लालन-पालन बेहद धार्मिक परिवेश में हुआ। एंगेल्स के नास्तिक और क्रान्तिकारी विचार के कारण परिवार और इनके बीच दूरी बढ़ती गयी। बाद में पेरिस में मार्क्स से मुलाकात के बाद दोनों में एक अटूट मैत्री बनी, जो जीवन पर्यन्त रही। इनकी मैत्री को लेनिन ने दोस्ती की कहानियों से भी ऊपर की कहानी बताया। आर्थिक, सैन्य आलोचना के क्षेत्रों में एंगेल्स ने वृहत् भूमिका निभायी। मार्क्स के बाद दुनिया भर के मजदूरों के हित में नेताओं को सलाह भी दी। 1895 में लन्दन में गले के कैंसर से इनका निधन हुआ

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “SETU VICHAR FREDRICS ANGLES”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

कार्ल मार्क्स के अनन्य साथी एंगेल्स (28 नवम्बर 1820-5 अगस्त 1895) एक जर्मन दार्शनिक और समाजशास्त्री थे। एंगेल्स को मार्क्स के साथ मार्क्सवाद के सह-प्रतिपादन का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने मार्क्स के साथ मिलकर 1848 में ‘कम्युनिस्ट घोषणापत्र’ लिखा। मार्क्स को ‘पूँजी’ (‘दास कैपिटल’) लिखने के लिए प्रेरित किया, आर्थिक सहायता दी। मार्क्स की मृत्यु के बाद ‘पूँजी’ के दूसरे, तीसरे खण्ड का सम्पादन किया। एंगेल्स के पिता प्रोटेस्टेण्ट ईसाई थे और एंगेल्स का लालन-पालन बेहद धार्मिक परिवेश में हुआ। एंगेल्स के नास्तिक और क्रान्तिकारी विचार के कारण परिवार और इनके बीच दूरी बढ़ती गयी। बाद में पेरिस में मार्क्स से मुलाकात के बाद दोनों में एक अटूट मैत्री बनी, जो जीवन पर्यन्त रही। इनकी मैत्री को लेनिन ने दोस्ती की कहानियों से भी ऊपर की कहानी बताया। आर्थिक, सैन्य आलोचना के क्षेत्रों में एंगेल्स ने वृहत् भूमिका निभायी। मार्क्स के बाद दुनिया भर के मजदूरों के हित में नेताओं को सलाह भी दी। 1895 में लन्दन में गले के कैंसर से इनका निधन हुआ

About Author

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “SETU VICHAR FREDRICS ANGLES”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED