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AGLE WAQTON KE HAIN YE LOG
Publisher:
Setu Prakashan
| Author:
ASHOK VAJPEYI
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Setu Prakashan
Author:
ASHOK VAJPEYI
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹320 ₹288
Save: 10%
In stock
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3-5 Days
In stock
ISBN:
SKU
9789389830170
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
336
संस्मरण यानी स्मरण यानी स्मृति । ये स्मृतियाँ केवल अपने प्रिय व्यक्तित्वों, महानुभावों को याद करना भर नहीं है। इनमें उन्हें याद तो किया ही गया है, साथ ही उनके प्रति गहरी कृतज्ञता का भाव भी है। संस्मरणों की प्रकृतयाः विशिष्टता है कि इनमें पर के साथ आत्म भी आता ही है। इन संस्मरणों में भी अशोक वाजपेयी का आत्म है। इन सबके साथ ही यह आजादी के बाद का जीवन्त मानवीय सन्दर्भ है। यह इतिहास नहीं है, पर मनुष्य का भावात्मक इतिहास है। ‘अगले वक़्तों के हैं ये लोग’ से गुजरना हमें साहित्य, बोध, समय, कल्पना, स्मृति आदि के विशिष्ट अनुभव से आप्लावित करता है। कुछ-कुछ वैसा ही जब आप नवजात अथवा थोड़े बड़े बच्चे को गोद में लेते हैं, तो उसकी धड़कन आपकी हथेलियों पर, आपके दिल पर लगातार दस्तक देती रहती है और बच्चा जब गोद से उतर आता है, तब भी उसकी अनुभूति आपकी हथेलियों या हृदय पर बसी रहती है।
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Description
संस्मरण यानी स्मरण यानी स्मृति । ये स्मृतियाँ केवल अपने प्रिय व्यक्तित्वों, महानुभावों को याद करना भर नहीं है। इनमें उन्हें याद तो किया ही गया है, साथ ही उनके प्रति गहरी कृतज्ञता का भाव भी है। संस्मरणों की प्रकृतयाः विशिष्टता है कि इनमें पर के साथ आत्म भी आता ही है। इन संस्मरणों में भी अशोक वाजपेयी का आत्म है। इन सबके साथ ही यह आजादी के बाद का जीवन्त मानवीय सन्दर्भ है। यह इतिहास नहीं है, पर मनुष्य का भावात्मक इतिहास है। ‘अगले वक़्तों के हैं ये लोग’ से गुजरना हमें साहित्य, बोध, समय, कल्पना, स्मृति आदि के विशिष्ट अनुभव से आप्लावित करता है। कुछ-कुछ वैसा ही जब आप नवजात अथवा थोड़े बड़े बच्चे को गोद में लेते हैं, तो उसकी धड़कन आपकी हथेलियों पर, आपके दिल पर लगातार दस्तक देती रहती है और बच्चा जब गोद से उतर आता है, तब भी उसकी अनुभूति आपकी हथेलियों या हृदय पर बसी रहती है।
About Author
अशोक वाजपेयी ने छः दशकों से अधिक कविता, आलोचना, संस्कृतिकर्म, कलाप्रेम और संस्था-निर्माण में बिताये हैं। उनके 17 कविता-संग्रह प्रकाशित हैं : उन्होंने विश्व कविता और भारतीय कविता के हिन्दी अनुवाद के और अज्ञेय, शमशेर, मुक्तिबोध, भारत भूषण अग्रवाल की प्रतिनिधि कविताओं के संचयन संपादित किये हैं और 5 मूर्धन्य पोलिश कवियों के हिन्दी अनुवाद पुस्तकाकार प्रकाशित किये हैं। उनकी कविताओं के पुस्तकाकार अनुवाद अंग्रेजी, फ्रेंच, पोलिश, मराठी, बांग्ला, गुजराती, उर्दू, राजस्थानी में प्रकाशित है। कविता के लिए उन्हें दयावती मोदी कवि शिखर सम्मान, साहित्य अकादेमी पुरस्कार, कबीर सम्मान, शक्ति चट्टोपाध्याय पुरस्कार, कटमनिट्ट रामकृष्णन् पुरस्कार आदि मिले हैं। अशोक वाजपेयी ने भारत भवन भोपाल, महात्मा गाँधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, रजा फाउण्डेशन आदि अनेक संस्थाओं की स्थापना और उनका संचालन किया है। वे मध्य प्रदेश शासन में शिक्षा और संस्कृति सचिव, छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति सलाहकार, केन्द्रीय ललित कला अकादेमी के अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने कविता के अलावा साहित्य, हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत, आधुनिक चित्रकला आदि पर हिन्दी और अंग्रेजी में लिखा है। फ्रेंच और पोलिश सरकारों ने उन्हें अपने उच्च नागरिक सम्मानों से अलंकृत किया है। वे ‘समवेत’, ‘पहचान’, ‘पूर्वग्रह’, ‘बहुवचन’, ‘समास’, ‘अरूप’ आदि पत्रिकाओं के संस्थापक और संपादक रहे हैं। कई दशक अपने घरू प्रदेश मध्य प्रदेश में बिताने के बाद वे 1992 से दिल्ली में रहते हैं।
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