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Ek Samandar mere Andar
Publisher:
Manjul
| Author:
Sanjeev Kumar Joshi
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Manjul
Author:
Sanjeev Kumar Joshi
Language:
Hindi
Format:
Hardback
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ISBN:
SKU
9789355432872
Categories Hindi, New Releases & Pre-orders
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Page Extent:
138
डॉ. संजीव कुमार जोशी ‘निश्छल’ का यह पहला कविता संग्रह है, जो कई अर्थों में अनूठा है। उनके शब्दों में कहें, तो यह साहित्य, संगीत और कला का शानदार सम्मिश्रण है। आज़ादी के अमृत महोत्सव में एक से बढ़कर एक 75 नायाब कविताओं से सजी इस पुस्तक में कवि ने महिलाओं की समस्याओं, समसामयिक विषयों, दर्शन और जीवन में समय-समय पर उत्पन्न होने वाले मनोभावों को काव्यात्मक शैली में बहुत ही सलीके से ढाला है। वैज्ञानिक होने के नाते कवि ने अपनी रचनाओं की प्रस्तुति में नवाचार किया है। उन्होंने अल्पज्ञात चित्रकार श्री संजय अहलूवालिया और अल्प विख्यात, लेकिन मंझे हुए रंगकर्मी और स्वरसाधक धर्मेन्द्र मीना (रंगमच नाम-राहुल आमठ ) की कला को संजोकर पुस्तक के माध्यम से प्रस्तुत किया है। हर कविता के साथ उसके भावों को चित्रित करती जहाँ अहलूवालिया जी की अमूर्त कला है, वहीँ कुछ कविताओं को राहुल आमठ ने स्वर दिया है। पाठक अपने मोबाइल पर क्यूआर कोड स्कैन करके इसका आनंद ले सकते है। यही बात इस कविता संग्रह को ख़ास बनाती है।
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Description
डॉ. संजीव कुमार जोशी ‘निश्छल’ का यह पहला कविता संग्रह है, जो कई अर्थों में अनूठा है। उनके शब्दों में कहें, तो यह साहित्य, संगीत और कला का शानदार सम्मिश्रण है। आज़ादी के अमृत महोत्सव में एक से बढ़कर एक 75 नायाब कविताओं से सजी इस पुस्तक में कवि ने महिलाओं की समस्याओं, समसामयिक विषयों, दर्शन और जीवन में समय-समय पर उत्पन्न होने वाले मनोभावों को काव्यात्मक शैली में बहुत ही सलीके से ढाला है। वैज्ञानिक होने के नाते कवि ने अपनी रचनाओं की प्रस्तुति में नवाचार किया है। उन्होंने अल्पज्ञात चित्रकार श्री संजय अहलूवालिया और अल्प विख्यात, लेकिन मंझे हुए रंगकर्मी और स्वरसाधक धर्मेन्द्र मीना (रंगमच नाम-राहुल आमठ ) की कला को संजोकर पुस्तक के माध्यम से प्रस्तुत किया है। हर कविता के साथ उसके भावों को चित्रित करती जहाँ अहलूवालिया जी की अमूर्त कला है, वहीँ कुछ कविताओं को राहुल आमठ ने स्वर दिया है। पाठक अपने मोबाइल पर क्यूआर कोड स्कैन करके इसका आनंद ले सकते है। यही बात इस कविता संग्रह को ख़ास बनाती है।
About Author
डॉ. संजीव कुमार जोशी पेशे से रक्षा वैज्ञानिक हैं और हृदय से कवि। उनके 35 से ज़्यादा शोध देश तथा विदेश के प्रतिष्ठित जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। उनका पदार्थ विज्ञान, रक्षा तकनीकी प्रबंधन एवं प्रशासन, आपदा एवं महामारी प्रबंधन और स्टार्ट अप मेंटरिंग के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान है। उन्हें रक्षा विज्ञान तथा आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में पुरस्कारों से भी नवाज़ा गया है।
आपने 14 वर्ष की आयु से कविता करना प्रारंभ कर दिया था। पहले ''अकेला'' उपनाम से बाद में ''निश्छल'' नाम से कविताएँ लिखने लगे। अंतर्मुखी होने के कारण या विज्ञान की पढ़ाई के कारण मुशायरों में ज़्यादा जाना संभव न हो सका, इसलिए आपकी कविताएँ कम पढ़ी या सुनी गई हैं। कालांतर में आप फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया माध्यमों के द्वारा अपनी कविताएँ पोस्ट करते रहे हैं।
आपने कुमाऊं विश्वविद्यालय से भौतिकी में परास्नातक तथा जी. बी. पंत विश्वविद्यालय, पंतनगर से एम.टेक. तथा एन. आई. टी. कुरूक्षेत्र से भौतिकी में डॉक्टरेट उपाधि हासिल की है। मूल रूप से अल्मोड़ा, कुमाऊं से आने वाले डॉ. जोशी वर्तमान में ब्रह्मोस एयरोस्पेस में डिप्टी सी.ई.ओ. के पद पर कार्यरत हैं।
यह उनका पहला काव्य संग्रह है, जिसमें वे कहते हैं कि यह पुस्तक साहित्य, संगीत और कला का सम्मिश्रण है। इस काव्य संग्रह में उन्होंने नारी समस्याओं, समसामयिक विषयों, दर्शन और जीवन के समय-समय पर उत्पन्न मनोभावों को प्रस्तुत किया है।
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