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Vaigyanikon Ki Rochak Baaten

Publisher:
Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
| Author:
Dilip M. Salwi
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
Author:
Dilip M. Salwi
Language:
Hindi
Format:
Hardback

210

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1-4 Days

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Weight 200 g
Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9789382898757 Category
Category:
Page Extent:
140

विज्ञान को हमेशा ही गंभीर विषय माना गया है और वैज्ञानिकों को गंभीर व्यक्ति। लेकिन क्या वैज्ञानिक भी मनुष्य नहीं हैं, जिनमें आम मनुष्यों की भाँति शारीरिक और नैतिक दुर्बलताएँ होती हैं? प्रायः ज्यादातर विज्ञान-लेखकों ने वैज्ञानिकों के इस पक्ष को महत्त्व नहीं दिया है, क्योंकि इसका विज्ञान से कुछ लेना-देना नहीं है; लेकिन वैज्ञानिकों का मानवीय पक्ष अन्य विधाओं से संबद्ध लोगों को विज्ञान, इसकी संस्कृति और इसमें दक्ष लोगों से अवगत कराने का अच्छा माध्यम हो सकता है। यदि इस पुस्तक को पढ़ने के पश्चात् अवैज्ञानिक लोग इसकी कुछ कहानियों, आख्यानों और पात्रों को मनोरंजन के साथ याद रखते हैं तो इसके प्रकाशन का उद्देश्य सार्थक होगा। विज्ञान विधा से संबद्ध लोगों के लिए यह पुस्तक आँख खोलनेवाली है। शायद ही कभी विज्ञान के छात्रों को विज्ञान के इस पक्ष से उनके शिक्षकों द्वारा परिचित कराया जाता हो। हमारे स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के विज्ञान शिक्षक इस पुस्तक में दी गई कहानियों, आख्यानों और वर्णित पात्रों को आत्मसात् कर, विज्ञान से बोझिल अपने व्याख्यानों में इन्हें स्थान देकर रोचक, मनोरंजकपूर्ण तथा अधिक संप्रेषणीय बना सकते हैं, जो आज विद्यार्थियों को विज्ञान की ओर आकर्षित करने के लिए अत्यावश्यक है।.

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Description

विज्ञान को हमेशा ही गंभीर विषय माना गया है और वैज्ञानिकों को गंभीर व्यक्ति। लेकिन क्या वैज्ञानिक भी मनुष्य नहीं हैं, जिनमें आम मनुष्यों की भाँति शारीरिक और नैतिक दुर्बलताएँ होती हैं? प्रायः ज्यादातर विज्ञान-लेखकों ने वैज्ञानिकों के इस पक्ष को महत्त्व नहीं दिया है, क्योंकि इसका विज्ञान से कुछ लेना-देना नहीं है; लेकिन वैज्ञानिकों का मानवीय पक्ष अन्य विधाओं से संबद्ध लोगों को विज्ञान, इसकी संस्कृति और इसमें दक्ष लोगों से अवगत कराने का अच्छा माध्यम हो सकता है। यदि इस पुस्तक को पढ़ने के पश्चात् अवैज्ञानिक लोग इसकी कुछ कहानियों, आख्यानों और पात्रों को मनोरंजन के साथ याद रखते हैं तो इसके प्रकाशन का उद्देश्य सार्थक होगा। विज्ञान विधा से संबद्ध लोगों के लिए यह पुस्तक आँख खोलनेवाली है। शायद ही कभी विज्ञान के छात्रों को विज्ञान के इस पक्ष से उनके शिक्षकों द्वारा परिचित कराया जाता हो। हमारे स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के विज्ञान शिक्षक इस पुस्तक में दी गई कहानियों, आख्यानों और वर्णित पात्रों को आत्मसात् कर, विज्ञान से बोझिल अपने व्याख्यानों में इन्हें स्थान देकर रोचक, मनोरंजकपूर्ण तथा अधिक संप्रेषणीय बना सकते हैं, जो आज विद्यार्थियों को विज्ञान की ओर आकर्षित करने के लिए अत्यावश्यक है।.

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