James Watt

Publisher:
Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
| Author:
Gopi Krishna Kunwar
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
Author:
Gopi Krishna Kunwar
Language:
Hindi
Format:
Paperback

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SKU 9789393111029 Category
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168

बचपन में वाट की परिपक्व बुद्धि के बारे में बताती हुई कई कहानियाँ भी मौजूद हैं; ऐसी कहानियाँ, जो हर जीनियस की जिंदगी में होती हैं। इन कहानियों का स्रोत हैं वाट की कजिन मिसेज मरियन कैंपबेल। जेम्स जब महज छह साल के थे तो खडि़या से अँगीठी की दीवार पर कुछ लिख रहे थे। उस दौरान उनके यहाँ आए एक सज्जन ने उनके पिता से कहा, ‘‘मिस्टर वाट, आपको अपने इस बच्चे को पब्लिक स्कूल में भेजना चाहिए। उसे स्कूल से अलग इस तरह घर में बेकार घूमते रहने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।’’ उनके पिता ने कहा, ‘‘श्रीमान, मेरे बेटे की खिंचाई करने से पहले यह तो देख लीजिए कि यह क्या कर रहा है!’’ दरअसल बच्चा अँगीठी की दीवार पर कुछ भी यों नहीं लिख रहा था। वह उसमें ज्यामीतिय आकार बना रहा था और अपनी गणना के नतीजों को लिख रहा था। आगंतुक को उसका जवाब मिल चुका था। उसने कहा, ‘‘माफ कर दीजिए। मैंने गलत समझा था। इस बच्चे की शिक्षा नजरअंदाज नहीं की जा रही है। लेकिन यह असाधारण बच्चा है।’’
—इसी पुस्तक से
जेम्स वाट एक आविष्कारक, मेकैनिकल इंजीनियर और वैज्ञानिक थे, जिन्होंने 1776 में वाट स्टीम इंजन बनाकर पूरे विश्व में औद्योगिक क्रांति को एक नई ऊँचाई दी, यह पुस्तक उनकी असाधारण मेधा और बुद्धि तथा उनके अपूर्व योगदान की बड़ी रोचक और पठनीय जानकारियाँ देती हैं।

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बचपन में वाट की परिपक्व बुद्धि के बारे में बताती हुई कई कहानियाँ भी मौजूद हैं; ऐसी कहानियाँ, जो हर जीनियस की जिंदगी में होती हैं। इन कहानियों का स्रोत हैं वाट की कजिन मिसेज मरियन कैंपबेल। जेम्स जब महज छह साल के थे तो खडि़या से अँगीठी की दीवार पर कुछ लिख रहे थे। उस दौरान उनके यहाँ आए एक सज्जन ने उनके पिता से कहा, ‘‘मिस्टर वाट, आपको अपने इस बच्चे को पब्लिक स्कूल में भेजना चाहिए। उसे स्कूल से अलग इस तरह घर में बेकार घूमते रहने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।’’ उनके पिता ने कहा, ‘‘श्रीमान, मेरे बेटे की खिंचाई करने से पहले यह तो देख लीजिए कि यह क्या कर रहा है!’’ दरअसल बच्चा अँगीठी की दीवार पर कुछ भी यों नहीं लिख रहा था। वह उसमें ज्यामीतिय आकार बना रहा था और अपनी गणना के नतीजों को लिख रहा था। आगंतुक को उसका जवाब मिल चुका था। उसने कहा, ‘‘माफ कर दीजिए। मैंने गलत समझा था। इस बच्चे की शिक्षा नजरअंदाज नहीं की जा रही है। लेकिन यह असाधारण बच्चा है।’’
—इसी पुस्तक से
जेम्स वाट एक आविष्कारक, मेकैनिकल इंजीनियर और वैज्ञानिक थे, जिन्होंने 1776 में वाट स्टीम इंजन बनाकर पूरे विश्व में औद्योगिक क्रांति को एक नई ऊँचाई दी, यह पुस्तक उनकी असाधारण मेधा और बुद्धि तथा उनके अपूर्व योगदान की बड़ी रोचक और पठनीय जानकारियाँ देती हैं।

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