Operation Khukri

Publisher:
Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
| Author:
Major General Rajpal Punia & Damini Punia
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
Author:
Major General Rajpal Punia & Damini Punia
Language:
Hindi
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Paperback

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SKU 9789355211491 Category
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256

क्या आप जानते हैं कि अफ्रीका के जंगलों में भारतीय सेना के 233 जवान लगभग तीन महीने तक की घेराबंदी में फँस गए थे और उनके पास खाने को कुछ भी नहीं था? कैसे संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना का अभियान भारतीय तिरंगे के गौरव की रक्षा के लिए एक युद्ध में बदल गया? वर्ष 2000 की बात है। पश्चिम अफ्रीका का सिएरा लिओन बरसों के गृहयुद्ध से तबाह हो चुका था। संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप से भारतीय सेना की दो कंपनियों को संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना अभियान के अंतर्गत कैलाहुन में तैनात किया गया था।
‘ऑपरेशन खुकरी’ भारतीय सेना के सबसे सफल अंतरराष्ट्रीय अभियानों में से एक था। यह पुस्तक मेजर राजपाल पुनिया के प्रत्यक्ष अनुभवों की रोचक एवं सजीव प्रस्तुति है। मेजर पुनिया ने तीन महीने के गतिरोध और विफल कूटनीति के बाद इस अभियान को अंजाम दिया, और इस दौरान घात लगाकर बैठे आर.यू.एफ. से दो बार लंबा जंगल-युद्ध करने के बाद भी वे बिना नुकसान सभी 233 सैनिकों के साथ सुरक्षित लौट आए।

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Description

क्या आप जानते हैं कि अफ्रीका के जंगलों में भारतीय सेना के 233 जवान लगभग तीन महीने तक की घेराबंदी में फँस गए थे और उनके पास खाने को कुछ भी नहीं था? कैसे संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना का अभियान भारतीय तिरंगे के गौरव की रक्षा के लिए एक युद्ध में बदल गया? वर्ष 2000 की बात है। पश्चिम अफ्रीका का सिएरा लिओन बरसों के गृहयुद्ध से तबाह हो चुका था। संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप से भारतीय सेना की दो कंपनियों को संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना अभियान के अंतर्गत कैलाहुन में तैनात किया गया था।
‘ऑपरेशन खुकरी’ भारतीय सेना के सबसे सफल अंतरराष्ट्रीय अभियानों में से एक था। यह पुस्तक मेजर राजपाल पुनिया के प्रत्यक्ष अनुभवों की रोचक एवं सजीव प्रस्तुति है। मेजर पुनिया ने तीन महीने के गतिरोध और विफल कूटनीति के बाद इस अभियान को अंजाम दिया, और इस दौरान घात लगाकर बैठे आर.यू.एफ. से दो बार लंबा जंगल-युद्ध करने के बाद भी वे बिना नुकसान सभी 233 सैनिकों के साथ सुरक्षित लौट आए।

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