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Shriramcharitmanas Hindi
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Swarkokila Lata Mangeshkar
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Swarkokila Lata Mangeshkar
Publisher:
Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
| Author:
Vineeta Gupta
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
Author:
Vineeta Gupta
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹150 ₹149
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ISBN:
SKU
9789351864967
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
184
स्वर सामाज्ञी, स्वरकोकिला, नाइटिंगेल ऑफ इंडिया और संगीत की देवी के रूप में प्रसिद्ध लता मंगेशकर की आवाज का पूरी दुनिया में कोई सानी नहीं। देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से अलंकृत लता मंगेशकर की आवाज में भारत का दिल धड़कता है। विदाई गीत हो या ममता भरी लोरी, मंगल वेला हो या मातमी खामोशी, उन्होंने हर भावना को अपने सुरों में ढालकर लोगों के मन की गहराईयों को छुआ है। उनकी आवाज में माँ की ममता, नवयौवना की चंचलता, प्रेम की मादकता, विरह को टीस, बाल-सुलभ निश्छलता, भक्त की प्रुकार और स्त्री के तमाम रुपों के दर्शन होते हैं।
जीते जी किंवदंती बन चुकी लता मंगेशकर ने 36 भाषाओं में 30,000 से अधिक जीत गाए हैं। उनका यह जलवा मधुबाला, नर्गिस से लेकर जीनत अमान, काजोल और माधुरी दीक्षित तक बरकरार रहा। उन्होंने शास्त्रीय, सुगम, भजन, गजल, पॉप-सभी प्रकार के गायन में अपने सुरों का लोहा मनवाया। उनकी आवाज की यह खूबी है कि वे सुरों के तीनों सप्तकों-मंद्र, मध्य और तार में बड़ी सहजता से गा लेती हैं। उनकी लोकप्रियता देश की सीमा लाँघ विदेश तक भी जा पहुँची है। इसका कारण यह है कि वे जो भी गाती हैं, दिल से गाती हैं हर गीत में वे ऐसी आत्मा भर देती हैं, जो सीधे दिल में उतर जाता है। एक वाक्य में कहें तो-भारत के लिए ईश्वर का वरदान हैं लता मंगेशकर।
इस पुस्तक में स्वरकोकिला लता मंगेशकर की संगीतमय जीवन-यात्रा का वर्णन है, जिसमें अथक संघर्ष है और सफलता के शिखर तक पहुँचने की कहानी भी। रोचक शैली में लिखी गई यह जीवन-जाथा पठनीय तो है ही, प्रेरणा देनेवाली भी है।
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Description
स्वर सामाज्ञी, स्वरकोकिला, नाइटिंगेल ऑफ इंडिया और संगीत की देवी के रूप में प्रसिद्ध लता मंगेशकर की आवाज का पूरी दुनिया में कोई सानी नहीं। देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से अलंकृत लता मंगेशकर की आवाज में भारत का दिल धड़कता है। विदाई गीत हो या ममता भरी लोरी, मंगल वेला हो या मातमी खामोशी, उन्होंने हर भावना को अपने सुरों में ढालकर लोगों के मन की गहराईयों को छुआ है। उनकी आवाज में माँ की ममता, नवयौवना की चंचलता, प्रेम की मादकता, विरह को टीस, बाल-सुलभ निश्छलता, भक्त की प्रुकार और स्त्री के तमाम रुपों के दर्शन होते हैं।
जीते जी किंवदंती बन चुकी लता मंगेशकर ने 36 भाषाओं में 30,000 से अधिक जीत गाए हैं। उनका यह जलवा मधुबाला, नर्गिस से लेकर जीनत अमान, काजोल और माधुरी दीक्षित तक बरकरार रहा। उन्होंने शास्त्रीय, सुगम, भजन, गजल, पॉप-सभी प्रकार के गायन में अपने सुरों का लोहा मनवाया। उनकी आवाज की यह खूबी है कि वे सुरों के तीनों सप्तकों-मंद्र, मध्य और तार में बड़ी सहजता से गा लेती हैं। उनकी लोकप्रियता देश की सीमा लाँघ विदेश तक भी जा पहुँची है। इसका कारण यह है कि वे जो भी गाती हैं, दिल से गाती हैं हर गीत में वे ऐसी आत्मा भर देती हैं, जो सीधे दिल में उतर जाता है। एक वाक्य में कहें तो-भारत के लिए ईश्वर का वरदान हैं लता मंगेशकर।
इस पुस्तक में स्वरकोकिला लता मंगेशकर की संगीतमय जीवन-यात्रा का वर्णन है, जिसमें अथक संघर्ष है और सफलता के शिखर तक पहुँचने की कहानी भी। रोचक शैली में लिखी गई यह जीवन-जाथा पठनीय तो है ही, प्रेरणा देनेवाली भी है।
About Author
विनीता गुप्ता—1986 से साहित्य और पत्रकारिता में सक्रिय, समाचार-पत्रों से लेकर टेलीविजन की दुनिया तक का लंबा सफर तय, 2006 में पत्रकारिता शिक्षण से जुड़ीं, साथ ही समाचार-पत्रों में स्वतंत्र लेखन।
शिक्षा : पीएच.डी. (कानपुर विश्वविद्यालय), एम.जे.एम.सी. (गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार), एम.ए., हिंदी साहित्य (दिल्ली विश्वविद्यालय)।
प्रकाशन : ‘कतरा-कतरा ज़िंदगी’, ‘इन दिनों’ (गज़ल-संकलन), ‘हंस अकेला’ (उपन्यास), कन्नड़ में भी अनूदित, ‘ओजस्विनी’ (एक साध्वी की जीवनी), ‘हिंदी गज़ल की विकास यात्रा में दुष्यंत कुमार का योगदान’ (शोध-ग्रंथ), ‘संचार एवं मीडिया शोध’।
अनूदित : ‘कुफ्र’ (तहमीना दुर्रानी का उपन्यास ‘ब्लासफेमी’), ‘बर्फ का गोला’ (बापसी सिध्वा का उपन्यास ‘द आइसकेंडी मैन’), ‘कुतुब मीनार है विष्णु ध्वज’ (गोपाल गोडसे की पुस्तक), ‘भारत के यादव कृष्ण के वंशज’ (मेजर जनरल एस.डी.एस. यादव की पुस्तक), ‘संघवाद : एक परिचय’ (जॉर्ज एंडरसन की पुस्तक)। अनेक प्रमुख गज़ल संकलनों में रचनाएँ संकलित।
संप्रति : एसोसिएट प्रोफेसर, महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, दिल्ली), महासचिव ‘स्वर रंग’ (संगीत के लिए समर्पित संस्था)।
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