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Havayein Kya Kya Hain

Publisher:
Rajpal and Sons
| Author:
Salil, Suresh
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Rajpal and Sons
Author:
Salil, Suresh
Language:
Hindi
Format:
Paperback

158

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In stock

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1-4 Days

In stock

Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9789389373288 Category
Category:
Page Extent:
128

कल कबूतर उड़ाये जाते थे
आज गिद्धों से चल रही दुनिया

उफ्, कि नीरो बजा रही बांसुरी
उफ्, शोलों में जल रही दुनिया

कभी दुनिया बदल रहे थे हम
आज हमको बदल रही दुनिया

ऐसी सटीक ग़ज़लें कहने वाले सुपरिचित कवि, अनुवादक, संपादक और समीक्षक सुरेश सलिल के इस संग्रह में उनकी ग़ज़लें, नज़्में, कत्ए और शे’र शामिल हैं जो उन्होंने पिछले एक दशक में कहे हैं। अभिव्यक्ति के लिए कविता, गीत, ग़ज़ल, नज़्म आदि हिन्दी-उर्दू के सभी काव्य रूपों में वे आवाजाही करते हैं और इनके काव्य सरोकार ग्राम से नगर तक और व्यक्ति-चेतना से सामाजिक-वैचारिक चेतना तक सूत्रबद्ध हैं।

सुरेश सलिल द्वारा अनुवादित-संपादित बीसवीं सदी की विश्व कविता का संचयन, रोशनी की खिड़कियाँ, चर्चित है। बर्टोल्ट ब्रेष्ट, पाब्लो नेरूदा, नाज़िम हिकमत आदि दुनिया के अनेक महाकवियों के पुस्तकाकार संचयन भी उन्होंने हिन्दी अनुवाद में प्रस्तुत किये हैं। उनके द्वारा संपादित ग़ज़ल की आठ सौ साल लम्बी यात्रा का प्रतिनिधि संकलन, कारवाने ग़ज़ल, और बीसवीं सदी की हिन्दी कविता का संचयन, कविता सदी, बहुप्रशंसित है।

19 जून 1942 में जन्मे सुरेश सलिल दिल्ली में रहते हैं। इनका संपर्क है: ई-14, सादतपुर, दिल्ली-110090, मोबाइल: 07042481980

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Description

कल कबूतर उड़ाये जाते थे
आज गिद्धों से चल रही दुनिया

उफ्, कि नीरो बजा रही बांसुरी
उफ्, शोलों में जल रही दुनिया

कभी दुनिया बदल रहे थे हम
आज हमको बदल रही दुनिया

ऐसी सटीक ग़ज़लें कहने वाले सुपरिचित कवि, अनुवादक, संपादक और समीक्षक सुरेश सलिल के इस संग्रह में उनकी ग़ज़लें, नज़्में, कत्ए और शे’र शामिल हैं जो उन्होंने पिछले एक दशक में कहे हैं। अभिव्यक्ति के लिए कविता, गीत, ग़ज़ल, नज़्म आदि हिन्दी-उर्दू के सभी काव्य रूपों में वे आवाजाही करते हैं और इनके काव्य सरोकार ग्राम से नगर तक और व्यक्ति-चेतना से सामाजिक-वैचारिक चेतना तक सूत्रबद्ध हैं।

सुरेश सलिल द्वारा अनुवादित-संपादित बीसवीं सदी की विश्व कविता का संचयन, रोशनी की खिड़कियाँ, चर्चित है। बर्टोल्ट ब्रेष्ट, पाब्लो नेरूदा, नाज़िम हिकमत आदि दुनिया के अनेक महाकवियों के पुस्तकाकार संचयन भी उन्होंने हिन्दी अनुवाद में प्रस्तुत किये हैं। उनके द्वारा संपादित ग़ज़ल की आठ सौ साल लम्बी यात्रा का प्रतिनिधि संकलन, कारवाने ग़ज़ल, और बीसवीं सदी की हिन्दी कविता का संचयन, कविता सदी, बहुप्रशंसित है।

19 जून 1942 में जन्मे सुरेश सलिल दिल्ली में रहते हैं। इनका संपर्क है: ई-14, सादतपुर, दिल्ली-110090, मोबाइल: 07042481980

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