Ek Sau Aath

Publisher:
Rajpal and Sons
| Author:
Parveen, Tarana
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Rajpal and Sons
Author:
Parveen, Tarana
Language:
Hindi
Format:
Paperback

144

Save: 10%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9789386534941 Category
Category:
Page Extent:
112

स्त्री विमर्श के आम मुहावरों से हटकर जिन युवा लेखिकाओं ने अपने परिवेश का जीवंत चित्रण कर विशेष पहचान बनायी है उनमें तराना परवीन प्रमुख हैं। उनका यह पहला कहानी-संग्रह अपनी विलक्षण निगाह, निजी संवेदना और गहरी पक्षधरता का परिचय देती है। गंभीर सवालों के साथ भाषा का नया मुहावरा इन कहानियों को पठनीय बनाता है जो देर तक पाठक के दिल में रहता है।
पिछले पच्चीस वर्षों से अनेक विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों में अंग्रेज़ी का अध्यापन कर चुकीं तराना परवीन की अब तक तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। हंस, मधुमती, इंडिया टुडे साहित्यिक वार्षिकी में प्रकाशित उनकी कहानियाँ विशेष चर्चा का विषय रही हैं। वर्तमान में वे उदयपुर के मीरा गल्र्स कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Ek Sau Aath”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

स्त्री विमर्श के आम मुहावरों से हटकर जिन युवा लेखिकाओं ने अपने परिवेश का जीवंत चित्रण कर विशेष पहचान बनायी है उनमें तराना परवीन प्रमुख हैं। उनका यह पहला कहानी-संग्रह अपनी विलक्षण निगाह, निजी संवेदना और गहरी पक्षधरता का परिचय देती है। गंभीर सवालों के साथ भाषा का नया मुहावरा इन कहानियों को पठनीय बनाता है जो देर तक पाठक के दिल में रहता है।
पिछले पच्चीस वर्षों से अनेक विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों में अंग्रेज़ी का अध्यापन कर चुकीं तराना परवीन की अब तक तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। हंस, मधुमती, इंडिया टुडे साहित्यिक वार्षिकी में प्रकाशित उनकी कहानियाँ विशेष चर्चा का विषय रही हैं। वर्तमान में वे उदयपुर के मीरा गल्र्स कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।

About Author

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Ek Sau Aath”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED