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Shreshth Geet
Publisher:
Rajpal and Sons
| Author:
Mahadevi Verma
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Rajpal and Sons
Author:
Mahadevi Verma
Language:
Hindi
Format:
Hardback
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Category: Hindi
Page Extent:
160
महादेवी जी ने अपने गीतों की तुलना पक्षियों से की है। जिस प्रकार आकाश में उड़ान भरकर भी पंछी धरती से बँधा रहता है, उसी प्रकार कवि भी परा चेतना के आकाश में उड़ते हुए भी लोकजीवन से सम्बद्ध रहता है। पंछी की उड़ान धरती की सीमा में बन्दी नहीं रहती, फिर भी धरती में स्थित अपने नीड़ को वह कभी नहीं भूलता। कवि सूक्ष्मतम चैतन्य को अपनाते हुए भी क्षिति प्रकृति और स्थूल जीवन के प्रति सदैव सजग और चेतन रहता है – लोकजीवन के स्थूल धरातल से ऊपर उठकर भी लोक को अपनी अनुभूति में समाहित किये रहता है।
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Description
महादेवी जी ने अपने गीतों की तुलना पक्षियों से की है। जिस प्रकार आकाश में उड़ान भरकर भी पंछी धरती से बँधा रहता है, उसी प्रकार कवि भी परा चेतना के आकाश में उड़ते हुए भी लोकजीवन से सम्बद्ध रहता है। पंछी की उड़ान धरती की सीमा में बन्दी नहीं रहती, फिर भी धरती में स्थित अपने नीड़ को वह कभी नहीं भूलता। कवि सूक्ष्मतम चैतन्य को अपनाते हुए भी क्षिति प्रकृति और स्थूल जीवन के प्रति सदैव सजग और चेतन रहता है – लोकजीवन के स्थूल धरातल से ऊपर उठकर भी लोक को अपनी अनुभूति में समाहित किये रहता है।
About Author
महादेवी वर्मा
जन्म: 1907, फर्रुख़ाबाद (उ.प्र.)।
शिक्षा : मिडिल में प्रान्त-भर में प्रथम, इंट्रेंस प्रथम श्रेणी में, फिर 1927 में इंटर, 1929 में बी.ए., 1932 में प्रयाग विश्वविद्यालय से संस्कृत में एम.एम. किया।
प्रयाग महिला विद्यापीठ में प्रधानाचार्य और 1960 में कुलपति। ‘चाँद’ का सम्पादन। ‘विश्ववाणी’ के ‘युद्ध अंक’ का सम्पादन। ‘साहित्यकार’ का प्रकाशन व सम्पादन। नाट्य संस्थान ‘रंगवाणी’ की प्रयाग में स्थापना।
पुरस्कार : ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’, ‘नीरजा’ पर ‘सेकसरिया पुरस्कार’, ‘स्मृति की रेखाएँ’ पर ‘द्विवेदी पदक’, ‘मंगलाप्रसाद पारितोषिक’, उत्तर प्रदेश सरकार का ‘विशिष्ट पुरस्कार’, उ.प्र. हिन्दी संस्थान का ‘भारत भारती पुरस्कार’। उपाधियाँ : भारत सरकार की ओर से ‘पद्मभूषण’ और फिर ‘पद्मविभूषण’ अलंकरण। विक्रम, कुमाऊँ, दिल्ली, बनारस विश्वविद्यालयों से डी.लिट्. की उपाधि। ‘साहित्य अकादेमी’ की सम्मानित सदस्या रहीं।
प्रमुख कृतियाँ : ‘अतीत के चलचित्र’, ‘शृंखला की कड़ियाँ’, ‘स्मृति की रेखाएँ’, ‘पथ के साथी’ (रेखाचित्र); ‘क्षणदा’, ‘साहित्यकार की आस्था’, ‘संकल्पित’ (निबन्ध); ‘मेरा परिवार’ (संस्मरण); ‘सम्भाषण’ (भाषण); ‘चिन्तन के क्षण’ (रेडियो वार्ता); ‘नीहार’, ‘रश्मि’, ‘नीरजा’, ‘सांध्यगीत’, ‘दीपशिखा’, ‘प्रथम आयाम’, ‘अग्निरेखा’, ‘यात्रा’ (कविता-संग्रह)।
निधन : 11 सितम्बर, 1987
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