Meri Priya Kahaniyaan
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वर्ष 2009 में साहित्य के सर्वोच्च सम्मान भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित अमरकान्त विशेष रूप से अपनी कहानियों के लिए चर्चित रहे। ‘जिंदगी और जोंक’, ‘देश के लोग’, ‘मौत का नगर’, ‘मित्र मिलन’ और ‘कुहासा’ आदि उनके बारह कहानी संग्रह और ‘इन्हीं हथियारों से’, ‘बीच की दीवार’, ‘सूखा पत्ता’ आदि ग्यारह उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं। अमरकान्त ज़मीन से जुड़े ऐसे कहानीकार हैं जो बिना किसी लाग-लपेट के सीधे और सपाट शब्दों में अपनी बात कह देते हैं। उनकी कहानियों के पात्र बड़ी-बड़ी दार्शनिक उलझनों में नहीं उलझते वरन् रोज़मर्रा की ठेठ चुनौतियों से घिरे रहते हैं। यथार्थ से जुड़ी यही सच्चाई पाठकों को मंत्रमुग्ध करती है।
वर्ष 2009 में साहित्य के सर्वोच्च सम्मान भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित अमरकान्त विशेष रूप से अपनी कहानियों के लिए चर्चित रहे। ‘जिंदगी और जोंक’, ‘देश के लोग’, ‘मौत का नगर’, ‘मित्र मिलन’ और ‘कुहासा’ आदि उनके बारह कहानी संग्रह और ‘इन्हीं हथियारों से’, ‘बीच की दीवार’, ‘सूखा पत्ता’ आदि ग्यारह उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं। अमरकान्त ज़मीन से जुड़े ऐसे कहानीकार हैं जो बिना किसी लाग-लपेट के सीधे और सपाट शब्दों में अपनी बात कह देते हैं। उनकी कहानियों के पात्र बड़ी-बड़ी दार्शनिक उलझनों में नहीं उलझते वरन् रोज़मर्रा की ठेठ चुनौतियों से घिरे रहते हैं। यथार्थ से जुड़ी यही सच्चाई पाठकों को मंत्रमुग्ध करती है।
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